27-06-2020, 02:47 PM
कपूर की तरह गुप्ता जी भी वहां के जलवे देखकर हैरान रह गये...वैसे तो दोनो ही अंदर ही अंदर खुश हो रहे थे की उनकी सोसायटी की ये सैक्सी भाभीयां उन्हे अपना यौवन दिखा रही है, पर अंदर ही अंदर उन दोनो को अपनी-2 बीबियों का डर भी सता रहा था की कही उन्होने ऐसा करते हुए देख लिया तो मुसीबत हो जाएगी..
पर उनकी बिबियों के पास इतना वक़्त ही कहाँ था की वो अपने पतियों के उपर नज़र रखे, नीरू और काजल , दोनो ही अपनी सहेलियों के ऐसे सैक्सी कपड़े देखकर सड़ रहीं थी, ख़ासकर त्योहार पर तो उन्हे इतने सैक्सी कपड़े नही पहनने चाहिए, और अगर ऐसा करना ही था तो उन्हे क्यो नही बताया , वो भी ऐसे सैक्सी कपड़े पहन कर आ जाती..अब मन ही मन वो दोनो सबसे जल रही थी...और ये जलन जल्द ही उन्हे करीब ले आई और दोनो ने आपस में कुछ बात की और फिर अपने-2 पतियों के पास जाकर बोली की जब बाकी सभी इतने सैक्सी कपड़ो में बैठी है तो वो क्यो संस्कारी बनकर घूम रही है...वो भी घर जाकर कपड़े बदल कर आएँगी...
कपूर और गुप्ता तो अपनी बिबियों के चमचे थे, उन्होने एक ही बार में उन्हे जाने की इजाज़त दे डाली..
उन सभी की हर बात पर शशांक नज़र रख रहा था...उसकी योजना सफल हो गयी थी...वो जानता था की औरतों में एक दूसरे से ज़्यादा सैक्सी दिखने की होड़ हमेशा से होती है, और यही होड़ अब आगे का सारा काम अपने आप करवाएगी.
लेकिन इस बीच उनके पतियों को भी तो संभालना था, कपूर के बारे में तो शशांक जानता था की वो आसानी से मान जाएगा, प्राब्लम थी तो गुप्ता की, वो पहले भी इस तरह के सुझाव को मना कर चुका था, इसलिए शशांक अपनी तरफ से हर कदम फूँक-2 कर रखना चाहता था...और इसके लिए उसने अपनी बीबी को पहले से ही समझा कर रख दिया था...
सुमन की चूत में तो वैसे भी सूअर का बाल था, जो हमेशा खुजली करता रहता था ... अपने पति की इस प्लानिंग में तो उसे और भी मज़ा मिलने वाला था, इसलिए मिसेस कपूर और मिसेस गुप्ता के जाते ही वो अपने काम पर लग गयी...उन्हे कपड़े बदल कर आने में करीब 10-15 मिनट तो लगने ही वाले थे...इतना टाइम बहुत था उसके लिए.
राहुल और सबा, शशांक के साथ बैठे थे, और दूसरी तरफ गुप्ता और कपूर, गुरपाल के साथ...साथ में डिंपल भी थी..जो अपनी टाँग पर टाँग रखकर कुछ ऐसे बैठी थी की उसकी नंगी पिंडलियाँ सभी को नज़र आ रही थी..लुंगी का एक हिस्सा फिसल कर नीचे जा चुका था और इस बात से ना तो उसे कोई फ़र्क पड़ रहा था और ना ही उसके पति गुरपाल को...फर्क पड़ रहा था तो सिर्फ़ कपूर और गुप्ता को, जिन्होने अपनी जिंदगी में पहली बार इतनी गोरी और सुडोल पिंडलियाँ देखी थी...ऐसा लग रहा था जैसे सफेद मक्खन की बनी है वो..कपूर का बस चलता तो कुत्ता बनकर उसके कदमों में बैठ जाता और अपनी गीली जीभ से उसकी टाँगे उपर से नीचे तक चाट लेता.
शशांक ने सबके लिए पेग बनाए और सुमन को बर्फ लाने के लिए कहा..सुमन आइस बॉक्स लेकर आई और पहले की तरह झुककर सभी के ग्लास में बर्फ डालने लगी..कपूर साहब का तो हाथ कांप गया जब उन्होने इतने करीब से एक बार फिर उसके मोटे-2 मुम्मे देखे...और इस बार तो उन्हे निप्पल का भी थोड़ा सा लाल वाला हिस्सा नज़र आ गया...जिसे देखकर वो सिहर उठे , जिसकी वजह से जो बर्फ उनके ग्लास में गिरनी थी, वो सीधा उनके लंड पर जा गिरी..
सुमन : "ओहो.....आई एम वेरी सॉरी कपूर साहब...आई एम सॉरी...''
और उसने एक ही पल में वो बर्फ वहां से उठा ली और नंगे हाथों से ही उनके लंड वाले हिस्से को झाड़ने लगी...
कपूर तो पागल सा हो गया सुमन की इस हरकत से...उसने चारों तरफ देखा तो सभी अपने में मस्त थे...किसी का भी ध्यान उनकी तरफ नही था...सिर्फ़ एक आदमी था जो सुमन की इस हरकत को देखकर सदमे में चला गया..और वो था गुप्ता.
गुप्ता जी तो ये सोचकर परेशान हुवे जा रहे थे की ये हुआ क्या है...और अंदर ही अंदर सोच रहे थे की काश ये हादसा उनके साथ हुआ होता..
सुमन : "सॉरी कपूर साहब...आपकी पेंट खराब हो गयी...आप अंदर चलिए, वहां टावल है..''
उसे भला क्या प्राब्लम हो सकती थी...वैसे भी अपने खड़े हो रहे लंड को वो सभी को दिखाना नही चाहता था, इसलिए खुद ही उठकर अंदर चल दिया.
सुमन भी शशांक की तरफ देखकर सेक्सी हँसी हँसती हुई, अंदर चल दी..अपना शिकार करने..
अंदर जाकर कपूर साहब सीधा बाथरूम में गए और शीशे में अपना चेहरा देखकर हंस दिए..वो पूरा लाल हुआ पड़ा था...उत्तेजना के मारे उनके चेहरे की रंगत ही बदल चुकी थी...वो सोच ही रहे थे की अपने ही घर में, अपने पति के सामने ही सुमन भाभी ने वो हरकत क्यों की..उन्होने सॉफ महसूस किया था की जब सुमन ने वो आइस क्यूब उठाई थी तो उसके लंड को भी पकड़कर उपर खींचा था उसने..जैसे आइस नही,उसके लंड को पकड़ना चाहती हो..
वो ये सोच ही रहा था की बाथरूम में सुमन आ गयी...
वो एक बार फिर से घबरा गया.
सुमन (बड़ी ही सेक्सी आवाज़ मे) : "क्या हुआ कपूर साहब ...आप कुछ परेशान लग रहे है...''
कपूर : "न....ना...नही तो....ऐसा कुछ नही है...''
सुमन : "तो मेरे छुने से आपकी रंगत क्यो बदल गयी...''
कहते-2 सुमन ने अपनी उंगली कपूर साहब की छाती पर रख दी...उसके लंबे नेल्स कठोर माँस में धँस गये...
कपूर : "ना...नही तो....मेरी रंगत क्यो बदलेगी भला....नही....''
सुमन ने एक सेक्सी स्माइल दी और धीरे-2 अपनी उंगली को नीचे ले जाने लगी...कपूर ने भी नही रोका, वो भी देखना चाहता था की आख़िर ये चाहती क्या है..सुमन की वो लंबी उंगली चलती-2 एक बार फिर से उसके लंड के उपर पहुँच गयी..और उसके चेहरे पर फिर से पसीना चमक उठा
सुमन : "ये देखो...एक बार फिर से आपकी रंगत बदलने लगी है..''
कपूर अब समझ चुका था की उसने जो भी किया, सब जानबूझकर किया...अब इतना चूतिया तो वो भी नही था...उसे बस अभी तक अपने दोस्त शशांक का डर था, लेकिन इस वक़्त तो वो भी यहा नही था, इसलिए वो भी थोड़ा निश्चिंत हो गया..और उसने अपने लंड को थोड़ा आगे की तरफ करते हुए सुमन की जाँघ से टच करवा दिया..
और बोला : "अब तुम ऐसी जगह वार करोगी तो चेहरे की रंगत तो बदलेगी ही ना...सबके सामने ऐसा करके आपने तो मुझे मुसीबत में ही डाल दिया था...''
सुमन : "कैसी मुसीबत ...?''
जवाब में कपूर साहब ने बड़ी ही बेशर्मी से सुमन का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया...और कहा : "ये मुसीबत...इसे टच करके आपने मेरे सोए हुए अरमानो को खड़ा कर दिया...''
पर उनकी बिबियों के पास इतना वक़्त ही कहाँ था की वो अपने पतियों के उपर नज़र रखे, नीरू और काजल , दोनो ही अपनी सहेलियों के ऐसे सैक्सी कपड़े देखकर सड़ रहीं थी, ख़ासकर त्योहार पर तो उन्हे इतने सैक्सी कपड़े नही पहनने चाहिए, और अगर ऐसा करना ही था तो उन्हे क्यो नही बताया , वो भी ऐसे सैक्सी कपड़े पहन कर आ जाती..अब मन ही मन वो दोनो सबसे जल रही थी...और ये जलन जल्द ही उन्हे करीब ले आई और दोनो ने आपस में कुछ बात की और फिर अपने-2 पतियों के पास जाकर बोली की जब बाकी सभी इतने सैक्सी कपड़ो में बैठी है तो वो क्यो संस्कारी बनकर घूम रही है...वो भी घर जाकर कपड़े बदल कर आएँगी...
कपूर और गुप्ता तो अपनी बिबियों के चमचे थे, उन्होने एक ही बार में उन्हे जाने की इजाज़त दे डाली..
उन सभी की हर बात पर शशांक नज़र रख रहा था...उसकी योजना सफल हो गयी थी...वो जानता था की औरतों में एक दूसरे से ज़्यादा सैक्सी दिखने की होड़ हमेशा से होती है, और यही होड़ अब आगे का सारा काम अपने आप करवाएगी.
लेकिन इस बीच उनके पतियों को भी तो संभालना था, कपूर के बारे में तो शशांक जानता था की वो आसानी से मान जाएगा, प्राब्लम थी तो गुप्ता की, वो पहले भी इस तरह के सुझाव को मना कर चुका था, इसलिए शशांक अपनी तरफ से हर कदम फूँक-2 कर रखना चाहता था...और इसके लिए उसने अपनी बीबी को पहले से ही समझा कर रख दिया था...
सुमन की चूत में तो वैसे भी सूअर का बाल था, जो हमेशा खुजली करता रहता था ... अपने पति की इस प्लानिंग में तो उसे और भी मज़ा मिलने वाला था, इसलिए मिसेस कपूर और मिसेस गुप्ता के जाते ही वो अपने काम पर लग गयी...उन्हे कपड़े बदल कर आने में करीब 10-15 मिनट तो लगने ही वाले थे...इतना टाइम बहुत था उसके लिए.
राहुल और सबा, शशांक के साथ बैठे थे, और दूसरी तरफ गुप्ता और कपूर, गुरपाल के साथ...साथ में डिंपल भी थी..जो अपनी टाँग पर टाँग रखकर कुछ ऐसे बैठी थी की उसकी नंगी पिंडलियाँ सभी को नज़र आ रही थी..लुंगी का एक हिस्सा फिसल कर नीचे जा चुका था और इस बात से ना तो उसे कोई फ़र्क पड़ रहा था और ना ही उसके पति गुरपाल को...फर्क पड़ रहा था तो सिर्फ़ कपूर और गुप्ता को, जिन्होने अपनी जिंदगी में पहली बार इतनी गोरी और सुडोल पिंडलियाँ देखी थी...ऐसा लग रहा था जैसे सफेद मक्खन की बनी है वो..कपूर का बस चलता तो कुत्ता बनकर उसके कदमों में बैठ जाता और अपनी गीली जीभ से उसकी टाँगे उपर से नीचे तक चाट लेता.
शशांक ने सबके लिए पेग बनाए और सुमन को बर्फ लाने के लिए कहा..सुमन आइस बॉक्स लेकर आई और पहले की तरह झुककर सभी के ग्लास में बर्फ डालने लगी..कपूर साहब का तो हाथ कांप गया जब उन्होने इतने करीब से एक बार फिर उसके मोटे-2 मुम्मे देखे...और इस बार तो उन्हे निप्पल का भी थोड़ा सा लाल वाला हिस्सा नज़र आ गया...जिसे देखकर वो सिहर उठे , जिसकी वजह से जो बर्फ उनके ग्लास में गिरनी थी, वो सीधा उनके लंड पर जा गिरी..
सुमन : "ओहो.....आई एम वेरी सॉरी कपूर साहब...आई एम सॉरी...''
और उसने एक ही पल में वो बर्फ वहां से उठा ली और नंगे हाथों से ही उनके लंड वाले हिस्से को झाड़ने लगी...
कपूर तो पागल सा हो गया सुमन की इस हरकत से...उसने चारों तरफ देखा तो सभी अपने में मस्त थे...किसी का भी ध्यान उनकी तरफ नही था...सिर्फ़ एक आदमी था जो सुमन की इस हरकत को देखकर सदमे में चला गया..और वो था गुप्ता.
गुप्ता जी तो ये सोचकर परेशान हुवे जा रहे थे की ये हुआ क्या है...और अंदर ही अंदर सोच रहे थे की काश ये हादसा उनके साथ हुआ होता..
सुमन : "सॉरी कपूर साहब...आपकी पेंट खराब हो गयी...आप अंदर चलिए, वहां टावल है..''
उसे भला क्या प्राब्लम हो सकती थी...वैसे भी अपने खड़े हो रहे लंड को वो सभी को दिखाना नही चाहता था, इसलिए खुद ही उठकर अंदर चल दिया.
सुमन भी शशांक की तरफ देखकर सेक्सी हँसी हँसती हुई, अंदर चल दी..अपना शिकार करने..
अंदर जाकर कपूर साहब सीधा बाथरूम में गए और शीशे में अपना चेहरा देखकर हंस दिए..वो पूरा लाल हुआ पड़ा था...उत्तेजना के मारे उनके चेहरे की रंगत ही बदल चुकी थी...वो सोच ही रहे थे की अपने ही घर में, अपने पति के सामने ही सुमन भाभी ने वो हरकत क्यों की..उन्होने सॉफ महसूस किया था की जब सुमन ने वो आइस क्यूब उठाई थी तो उसके लंड को भी पकड़कर उपर खींचा था उसने..जैसे आइस नही,उसके लंड को पकड़ना चाहती हो..
वो ये सोच ही रहा था की बाथरूम में सुमन आ गयी...
वो एक बार फिर से घबरा गया.
सुमन (बड़ी ही सेक्सी आवाज़ मे) : "क्या हुआ कपूर साहब ...आप कुछ परेशान लग रहे है...''
कपूर : "न....ना...नही तो....ऐसा कुछ नही है...''
सुमन : "तो मेरे छुने से आपकी रंगत क्यो बदल गयी...''
कहते-2 सुमन ने अपनी उंगली कपूर साहब की छाती पर रख दी...उसके लंबे नेल्स कठोर माँस में धँस गये...
कपूर : "ना...नही तो....मेरी रंगत क्यो बदलेगी भला....नही....''
सुमन ने एक सेक्सी स्माइल दी और धीरे-2 अपनी उंगली को नीचे ले जाने लगी...कपूर ने भी नही रोका, वो भी देखना चाहता था की आख़िर ये चाहती क्या है..सुमन की वो लंबी उंगली चलती-2 एक बार फिर से उसके लंड के उपर पहुँच गयी..और उसके चेहरे पर फिर से पसीना चमक उठा
सुमन : "ये देखो...एक बार फिर से आपकी रंगत बदलने लगी है..''
कपूर अब समझ चुका था की उसने जो भी किया, सब जानबूझकर किया...अब इतना चूतिया तो वो भी नही था...उसे बस अभी तक अपने दोस्त शशांक का डर था, लेकिन इस वक़्त तो वो भी यहा नही था, इसलिए वो भी थोड़ा निश्चिंत हो गया..और उसने अपने लंड को थोड़ा आगे की तरफ करते हुए सुमन की जाँघ से टच करवा दिया..
और बोला : "अब तुम ऐसी जगह वार करोगी तो चेहरे की रंगत तो बदलेगी ही ना...सबके सामने ऐसा करके आपने तो मुझे मुसीबत में ही डाल दिया था...''
सुमन : "कैसी मुसीबत ...?''
जवाब में कपूर साहब ने बड़ी ही बेशर्मी से सुमन का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया...और कहा : "ये मुसीबत...इसे टच करके आपने मेरे सोए हुए अरमानो को खड़ा कर दिया...''