24-06-2020, 11:44 AM
समधन
लेकिन बुआ मेरी हड़का लिया उन्होंने अपनी बेटियों , बहुओं ,
" तुम सब न खाली अपनी ननदो के मजे की फ़िकर है , कागज पर लिखवा लिया , गन्ने के खेत में पहंचा भी आयी , ...और सास लोग , तोहरे जीजू क महतारी , बुआ , मौसी चाची , हमार समधन सब , उहै तो सब दूल्हा के ससुर , चचिया , मौसिया ससुर , गाँव के मरद ,
चंदा थी न अपने जीजू का साथ देने के लिए बोली
" अरे बुआ ई कौन बात है अभी लीजिये , " और उनसे बोली जीजू जहाँ जहाँ आपने अभी अपनी बहनों का नाम लिखा है , बस उसी उसी जगह अपनी माँ , मौसी , चाची , बुआ ,... बस बोल दीजिये ,.... जल्दी ,... "
और वो थोड़ा हिचकते भी की मौसी ने तुरप का पत्ता चल दिया , मुझे बोलीं ,
" सुन कोमलिया , तेरा दूल्हा इतना देर लगा रहा हर चीज में , ... मुझे तो नहीं लगता है तेरी बिदायी हो पाएगी , ... तीन साल का गौना ही रखना पडेगा। "
" सच में कोमलिया , नन्दोई बहुत ही स्लो हैं , ...ये पहली रात तो चोली खोलने में ही लगा देंगे , .... "
मेरी बम्बई वाली भाभी ने उन्हें चिढ़ाया।
" और दूसरी रात में लहंगा , ... "
एक मेरी सहेली बोली।
" पैंटी का नंबर तीसरी रात आएगा ,... " दूसरी ने सुर में सुर मिलाया।
" तो क्या भरतपुर का नंबर चौथी रात को आएगा , ... "
उनकी एक गाँव की साली बोली।
लेकिन चंदा उनकी चमची , छोटी साली साथ में थी न उनके , उसने चढ़ाया , समझाया ,और वो तब भी हिचक रहे थे लेकिन मेरी मौसी ,
" सुन नाउनिया , तानी जाइके बराती में बोल दो की अब कल सबेरे दुलहिन क बिदाई ना होई , हम लोग गौना रखब , तीन साल क , ... तीसरे साल साइत वाइत देख के , ....तब तक दूल्हों कुछ गुन ढंग सिख लेहिहै , आपने बहिन महतारी बुआ मौसी से ,... "
मौसी का ये कहना और चंदा ने कुछ इनके कान में सिखाया पढ़ाया की वो चालू हो गए की उनकी माँ कैसे उनके ससुर का , मौसेरे ससुर , चचिया ससुर , का लंड चूसेंगी , चोदवाएंगी , ...
लेकिन बुआ कहाँ मांनने वाली थी और चढ़ गयीं ,
" अरे छिनार क नाम बतावा , चूँची क साइज़ बतावा, ऐसे थोड़ो , ... कउनो बचनी नहीं चाहिए , ... "
एक पल के लिए हिचके वो तो मौसी ने फिर नाउन को हड़काया , " तुम अभी गयी नहीं "
बस वो फिर चालू हो गए , बुआ मौसी , चाची , घर की कोई औरत उनकी बची नहीं थी , और जो छोड़ देते वो उसकी याद दिलाने के लिए दर्जन भर साली सलहज थीं न , ... पूरे पन्दरह मिनट।
और वो सब बातें मेरी बहने भाभियाँ उन्हें दिखा दिखा के अपने मोबाइल में रिकार्ड कर रही थीं।
__ " देखा मैं कह रही थी की मेरे जीजू कितने अच्छे हैं , और देखिये श्रीमान सत्यवादी ही नहीं दानवीर कर्ण भी , सलहज सास की एक बात पर अपनी माँ बहिन सब , और एक भी अपने लिए नहीं बचा के रखी , ससुराल वालों के लिए ,... साले ससुर सबका हिसाब ,... "
उनकी गोद में बैठी उनकी साली , चंदा बोली
और एक चुम्मी और ,
हाँ उसने इनका हाथ अपने टॉप के बाहर नहीं निकलने दिया था।
उसी ख़ुशी में रीतू भाभी ने पान खिलवाया उन्हें मेरे हाथ से , ... मैं क्या कोहबर में बैठी सब लड़कियां जानती थी , उसके अंदर एक छोटा पान है जो न सिर्फ मेरा जूठा था बल्कि मौसी ने मेरे मुंह में रखकर पूरे तीन घण्टे चुभलावाया था ,
और ऊपर से वो पान खाते भी नहीं थे , पहली बार ,... लेकिन मेरे हाथ का पान , वो भी कोहबर में ,... उनकी हिम्मत नहीं थी मना करते ,... अब रीतू भाभी मैदान में आ गयीं , साथ में मम्मी और बुआ भी , रीतू भाभी ने शुरू की ,
" नन्दोई जी बस अब दो चार रसम बची हैं , कोहबर की , उहो खतम कर दीजिये , ... बस सुबह सबेरे बिदायी और हमारी ननद आप के हवाले है न ,
लेकिन बुआ मेरी हड़का लिया उन्होंने अपनी बेटियों , बहुओं ,
" तुम सब न खाली अपनी ननदो के मजे की फ़िकर है , कागज पर लिखवा लिया , गन्ने के खेत में पहंचा भी आयी , ...और सास लोग , तोहरे जीजू क महतारी , बुआ , मौसी चाची , हमार समधन सब , उहै तो सब दूल्हा के ससुर , चचिया , मौसिया ससुर , गाँव के मरद ,
चंदा थी न अपने जीजू का साथ देने के लिए बोली
" अरे बुआ ई कौन बात है अभी लीजिये , " और उनसे बोली जीजू जहाँ जहाँ आपने अभी अपनी बहनों का नाम लिखा है , बस उसी उसी जगह अपनी माँ , मौसी , चाची , बुआ ,... बस बोल दीजिये ,.... जल्दी ,... "
और वो थोड़ा हिचकते भी की मौसी ने तुरप का पत्ता चल दिया , मुझे बोलीं ,
" सुन कोमलिया , तेरा दूल्हा इतना देर लगा रहा हर चीज में , ... मुझे तो नहीं लगता है तेरी बिदायी हो पाएगी , ... तीन साल का गौना ही रखना पडेगा। "
" सच में कोमलिया , नन्दोई बहुत ही स्लो हैं , ...ये पहली रात तो चोली खोलने में ही लगा देंगे , .... "
मेरी बम्बई वाली भाभी ने उन्हें चिढ़ाया।
" और दूसरी रात में लहंगा , ... "
एक मेरी सहेली बोली।
" पैंटी का नंबर तीसरी रात आएगा ,... " दूसरी ने सुर में सुर मिलाया।
" तो क्या भरतपुर का नंबर चौथी रात को आएगा , ... "
उनकी एक गाँव की साली बोली।
लेकिन चंदा उनकी चमची , छोटी साली साथ में थी न उनके , उसने चढ़ाया , समझाया ,और वो तब भी हिचक रहे थे लेकिन मेरी मौसी ,
" सुन नाउनिया , तानी जाइके बराती में बोल दो की अब कल सबेरे दुलहिन क बिदाई ना होई , हम लोग गौना रखब , तीन साल क , ... तीसरे साल साइत वाइत देख के , ....तब तक दूल्हों कुछ गुन ढंग सिख लेहिहै , आपने बहिन महतारी बुआ मौसी से ,... "
मौसी का ये कहना और चंदा ने कुछ इनके कान में सिखाया पढ़ाया की वो चालू हो गए की उनकी माँ कैसे उनके ससुर का , मौसेरे ससुर , चचिया ससुर , का लंड चूसेंगी , चोदवाएंगी , ...
लेकिन बुआ कहाँ मांनने वाली थी और चढ़ गयीं ,
" अरे छिनार क नाम बतावा , चूँची क साइज़ बतावा, ऐसे थोड़ो , ... कउनो बचनी नहीं चाहिए , ... "
एक पल के लिए हिचके वो तो मौसी ने फिर नाउन को हड़काया , " तुम अभी गयी नहीं "
बस वो फिर चालू हो गए , बुआ मौसी , चाची , घर की कोई औरत उनकी बची नहीं थी , और जो छोड़ देते वो उसकी याद दिलाने के लिए दर्जन भर साली सलहज थीं न , ... पूरे पन्दरह मिनट।
और वो सब बातें मेरी बहने भाभियाँ उन्हें दिखा दिखा के अपने मोबाइल में रिकार्ड कर रही थीं।
__ " देखा मैं कह रही थी की मेरे जीजू कितने अच्छे हैं , और देखिये श्रीमान सत्यवादी ही नहीं दानवीर कर्ण भी , सलहज सास की एक बात पर अपनी माँ बहिन सब , और एक भी अपने लिए नहीं बचा के रखी , ससुराल वालों के लिए ,... साले ससुर सबका हिसाब ,... "
उनकी गोद में बैठी उनकी साली , चंदा बोली
और एक चुम्मी और ,
हाँ उसने इनका हाथ अपने टॉप के बाहर नहीं निकलने दिया था।
उसी ख़ुशी में रीतू भाभी ने पान खिलवाया उन्हें मेरे हाथ से , ... मैं क्या कोहबर में बैठी सब लड़कियां जानती थी , उसके अंदर एक छोटा पान है जो न सिर्फ मेरा जूठा था बल्कि मौसी ने मेरे मुंह में रखकर पूरे तीन घण्टे चुभलावाया था ,
और ऊपर से वो पान खाते भी नहीं थे , पहली बार ,... लेकिन मेरे हाथ का पान , वो भी कोहबर में ,... उनकी हिम्मत नहीं थी मना करते ,... अब रीतू भाभी मैदान में आ गयीं , साथ में मम्मी और बुआ भी , रीतू भाभी ने शुरू की ,
" नन्दोई जी बस अब दो चार रसम बची हैं , कोहबर की , उहो खतम कर दीजिये , ... बस सुबह सबेरे बिदायी और हमारी ननद आप के हवाले है न ,