23-06-2020, 12:33 AM
“ यार मैं कोई बेबी नहीं जो गोदी में उठाये हुए हो । कमर टुट जायेगी तो मुझे दोष मत देना । “
मनु ने फिर से चुचियों को चुमा और बोला ,
“ भाभी , अभी जल्दी में हुं नही तो दिखा देता कि तुम्हे जिन्दगी भर ऐसे उठाये रख सकता हूं । “
बोल कर प्यार से बेड पर लिटाया और सामने खडा होकर भाभी को एक टक देखता रहा । कुछ देर दोनो चुप रहा फिर भाभी ही बोली ।
“ तुमने जितने को चोदा है उन मे से एक पुनम को छोड मैं ही सबसे बडी रंडी हूं फिर हर बार जब मिलते हो ऐसे घूर घूर कर क्या दैखते हो , क्या ढूँढते हो ? “
मनु ने अपने कपडे उतारते हुए कहा .
“ भाभी वही तो मैं भी ढुंढता रहता हूं कि एक बहुत ही बदसुरत , रंडीपना करने बाली औरत में ऐसा क्या है जो मुझे बांध कर रख्खा है । “
मनु का फनफनाता हुआ लौडा देख भाभी को बरदास्त करना मुस्किल होने लगा । चित लेते हुऐ ही ब्साउज के बटन खोले और बदन से निकाल कर नीचे फेंक दिया। सफेद ब्रा था और ब्रा के उपर से ही चुचियों को देख लौडा और भी तेजी से उपर नीचे होने लगा, सलामी देने सगा। उसी पोज में दोनो हाथ अंदर डाला , ब्रा कोखोला और निकाल कर मनु के उपर फेंका । मनु की खाश पसंद ३४ इंच साईज की मस्त गुदाज चुचीयों का ऑंखो के सामने था। मनु का हाथ आप से आप लौडा परआ गया , खुद ही लौडा को मुठियाने लगा । मनु की सभी माल में सिर्फ दो ही थी जिनके सामने मनु कई बार लौडा को मुठियाता था । एक ये लीला, छोटी भाभीऔर दूसरी पूना ।
“ कैसा नामर्द आदमी है तु , जवान नंगी औरत सामने लंड खाने के लिए तडप रही है और ये नामर्द लौडा को मसल रहा है। मनु ने जैसे सुना ही नहीं । एक टकदेखते हुए लौडा को मसलता ही रहा, बोला
“ भाभी अपनी पहली चुदाई आज भी ऑंखो के सामने है, उस समय तुम जैसी थी, तीन साल बाद भी बिलकुल वैसी की वैसी ही हो।वही छडहरा बदन, एक एक हाथमें आने बाली मस्त , गुदाज चुची, वैसा ही कसा हुआ,,,”
मनु ने फिर से चुचियों को चुमा और बोला ,
“ भाभी , अभी जल्दी में हुं नही तो दिखा देता कि तुम्हे जिन्दगी भर ऐसे उठाये रख सकता हूं । “
बोल कर प्यार से बेड पर लिटाया और सामने खडा होकर भाभी को एक टक देखता रहा । कुछ देर दोनो चुप रहा फिर भाभी ही बोली ।
“ तुमने जितने को चोदा है उन मे से एक पुनम को छोड मैं ही सबसे बडी रंडी हूं फिर हर बार जब मिलते हो ऐसे घूर घूर कर क्या दैखते हो , क्या ढूँढते हो ? “
मनु ने अपने कपडे उतारते हुए कहा .
“ भाभी वही तो मैं भी ढुंढता रहता हूं कि एक बहुत ही बदसुरत , रंडीपना करने बाली औरत में ऐसा क्या है जो मुझे बांध कर रख्खा है । “
मनु का फनफनाता हुआ लौडा देख भाभी को बरदास्त करना मुस्किल होने लगा । चित लेते हुऐ ही ब्साउज के बटन खोले और बदन से निकाल कर नीचे फेंक दिया। सफेद ब्रा था और ब्रा के उपर से ही चुचियों को देख लौडा और भी तेजी से उपर नीचे होने लगा, सलामी देने सगा। उसी पोज में दोनो हाथ अंदर डाला , ब्रा कोखोला और निकाल कर मनु के उपर फेंका । मनु की खाश पसंद ३४ इंच साईज की मस्त गुदाज चुचीयों का ऑंखो के सामने था। मनु का हाथ आप से आप लौडा परआ गया , खुद ही लौडा को मुठियाने लगा । मनु की सभी माल में सिर्फ दो ही थी जिनके सामने मनु कई बार लौडा को मुठियाता था । एक ये लीला, छोटी भाभीऔर दूसरी पूना ।
“ कैसा नामर्द आदमी है तु , जवान नंगी औरत सामने लंड खाने के लिए तडप रही है और ये नामर्द लौडा को मसल रहा है। मनु ने जैसे सुना ही नहीं । एक टकदेखते हुए लौडा को मसलता ही रहा, बोला
“ भाभी अपनी पहली चुदाई आज भी ऑंखो के सामने है, उस समय तुम जैसी थी, तीन साल बाद भी बिलकुल वैसी की वैसी ही हो।वही छडहरा बदन, एक एक हाथमें आने बाली मस्त , गुदाज चुची, वैसा ही कसा हुआ,,,”