20-06-2020, 02:38 PM
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एक दिन सुबह-सुबह की मखमली धूप में छत पर वो अपनी बेटी की मालिश कर रही थी, मे भी उनके पास ही बैठा था,
रूचि के सो जाने के बाद उन्होने मेरे से कहा, चलो लल्लाजी तुम भी अपनी शर्ट उतार दो, लगे हाथ तुम्हारी भी मालिश कर देती हूँ.
अपनी शर्ट उतार कर मे भी वहीं लेट गया, नीचे पाजामा पहना हुआ था, तो भाभी बोली – ये पाजामा पहन कर मालिश कराओगे इसे भी उतारो..
मे – लेकिन भाभी नीचे में खाली फ्रेंची ही पहने हूँ..
भाभी – तो अब मेरे से भी शर्म आ रही है, मे तो तुम्हारा सब कुच्छ देख चुकी हूँ..
मेने हिचकते हुए अपना पाजामा भी निकाल दिया और मात्र फ्रेंची में लेट गया,
भाभी ने कहा – पलट जाओ, पहले पीठ की मालिश करती हूँ, फिर आगे करा लेना.
मे पेट के बल लेट गया, भाभी मेरी पीठ की मालिश अच्छे से रगड़ा लगा कर करने लगी,
जब उन्होने मेरी कमर पर दबाब डालकर मालिश की तो पप्पू भाई को तकलीफ़ होने लगी, और वो घुड़कने लगा.
दरअसल, अकड़ तो वो भाभी के टच करते ही गया था, पर जब कमर पर दबाब पड़ा तो हालत और खराब होने लगी…
जब पीछे की मालिश हो गयी, तो उन्होने मुझे सीधे लेटने को कहा….
वो मेरे सीने की मालिश करने लगी, लेकिन उनकी नज़र मेरे पप्पू पर ही थी, जिसने बेचारी छोटी सी फ्रेंची को ऐसे उठा रखा था, जैसे डब्ल्यूडब्ल्यूई के कोर्ट में बिग शो सामने वाले फाइटर को अपने हाथों पर टाँग लेता है..
लल्लाजी ! रश्मि चाची के बारे में तुम्हारा क्या ख़याल है..? भाभी ने अचानक ये सवाल दागा…नज़रें उनकी अभी भी मेरे अंडरवेर पर ही लगी थी.
मे समझा नही भाभी… किस बारे में ..? मेने उल्टा सवाल किया..
वो – आजकल वो तुम्हें कुच्छ ज़्यादा ही लाड़ करने लगी हैं..
मे – हां ! मेने भी फील किया है… लेकिन इसमें मेरा ख़याल क्यों पुछा आपने..?
भाभी – नही ! मेरा मतलब है… जब वो तुम्हें इस तरह से लिपटा चिपटा कर प्यार जताती हैं, तो तुम्हें क्या फील होता है..? आइ मीन कैसा फील करते हो..?
मे तुरंत ही कोई जबाब नही दे पाया, और चाची के साथ हुई उस दिन वाली घटना मेरे दिमाग़ में घूमने लगी…
जिसका इनस्टिट असर मेरे लंड पर पड़ा और वो भेन्चोद फ्रेंची में फड़-फडाने लगा…
उसकी कुदक्की देख कर भाभी के चेहरे पर एक गहरी स्माइल तैर गयी जिसे मेरे जैसे छोटे दिमाग़ वाले को समझना बस की बात नही थी.
भाभी ने अपना सवाल फिरसे दोहराया… तो मे कुच्छ हड़बड़ा गया और बोला –
म.म.मी..क्या फील करूँगा.. क.क.कुकछ नही … बस यही कि वो मेरी चाची हैं और मुझे प्यार करती हैं..बस… मेने बात संभालने की कोशिश की…
भाभी – लेकिन तुम्हारा… ये पप्पू तो कुच्छ और ही कह रहा है.. ये कहकर भाभी ने मेरे लंड को सहला दिया…!
मे – य.यईी..क्या कह रहा है… मतलब.. आप कहना क्या चाहती हो भाभी..?
भाभी – मेरे प्यारे देवर जी अब तुम इतने भी भोले नही हो कि, जो मे कहना चाहती हूँ, वो तुम नही समझ रहे…
अब सीधी तरह बताते हो या… इसको मे उखाड़ लूँ… और भाभी ने शरारती हसी हँसते हुए मेरे लौडे को ज़ोर से मरोड़ दिया..
आईईईईई…..भाभिईीईई…… क्या करती हो…. दर्द करता है…
तो बताओ… फिर क्या बात है…?
तो मेने उस दिन वाली घटना भाभी को बता दी और कहा- कि उस दिन से ही चाची का बिहेवियर चेंज सा हो गया है…
और सच कहूँ तो भाभी उनकी वो हरकतें मुझे भी अच्छी लगती हैं, लेकिन चाह कर भी अपनी तरफ से कुच्छ करने की हिम्मत नही कर पाता…!
भाभी – वैसे क्या करने का मन करता है तुम्हारा…?
मे इतना एक्शिटेड हो चुका था कि आज किसी तरह अपने नाग का जहर निकालना चाहता था.. जल्दी-2 घर पहुँचा और सीधा बाथरूम की तरफ जा रहा था, कि तभी भाभी सामने आ गई…
वो मेरे चेहरे और लंड की भयंकरता को देखते ही समझ गयी और मुस्कराते हुए बोली… चाची के घर गये थे…?
मे उनको हां बोलकर सीधा बाथरूम में घुस गया.. अभी मेने अपने नाग को पिटारे से बाहर निकालकर हाथ में लेकर हिलाना शुरू किया ही था कि पीछे से भाभी की आवाज़ सुनाई दी…
लल्लाजी ! मेने कितनी बार मना किया है, कि ये हाथ से ज़्यादा मत किया करो.. लेकिन तुम्हारी अकल में ही नही आता है..
मेने फटाफट उसे अंदर किया, और घूम कर बोला – तो मे क्या करूँ भाभी… कैसे शांत करूँ इसे.. आप ही बताइए..?
बभी – अब हुआ क्या है जो इतने उत्तेजित हो रहे हो.. मेने उन्हें अभी-अभी चाची के साथ हुई घटना के बारे में बताया… !
वो मुस्कराते हुए बोली- हूंम्म… तो जैसा मेने सोचा था, वही हुआ..
मे झुँझलाकर बोला – अरे क्या हुआ, और आपने क्या सोचा था ? मेरी तो कुच्छ समझ में नही आ रहा.. ?
भाभी – अभी तुम्हें कुच्छ समझने की ज़रूरत नही है, लाओ इसे मुझे दो मे कुच्छ करती हूँ इसका…!
और उन्होने मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर सहलाया, उसके पी होल को अपने नाख़ून से कुरेदने लगी…
मेरी तो सिसकी ही निकल गयी और अपनी आँखे बंद करके आनंद सागर में तैरने लगा… फिर भाभी ने उसे अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू किया…
भाभी ने अपने अंदाज से मेरे लंड को चुस्कर उसका जहर निकाल दिया जिसे उन्होने बड़े चाव से पी लिया… उसके बाद वो बोली ..
अब जाओ और जाकर अपनी पढ़ाई करो.. पता हैं ना इस बार बोर्ड का एग्ज़ॅम है..!
एक दिन सुबह-सुबह की मखमली धूप में छत पर वो अपनी बेटी की मालिश कर रही थी, मे भी उनके पास ही बैठा था,
रूचि के सो जाने के बाद उन्होने मेरे से कहा, चलो लल्लाजी तुम भी अपनी शर्ट उतार दो, लगे हाथ तुम्हारी भी मालिश कर देती हूँ.
अपनी शर्ट उतार कर मे भी वहीं लेट गया, नीचे पाजामा पहना हुआ था, तो भाभी बोली – ये पाजामा पहन कर मालिश कराओगे इसे भी उतारो..
मे – लेकिन भाभी नीचे में खाली फ्रेंची ही पहने हूँ..
भाभी – तो अब मेरे से भी शर्म आ रही है, मे तो तुम्हारा सब कुच्छ देख चुकी हूँ..
मेने हिचकते हुए अपना पाजामा भी निकाल दिया और मात्र फ्रेंची में लेट गया,
भाभी ने कहा – पलट जाओ, पहले पीठ की मालिश करती हूँ, फिर आगे करा लेना.
मे पेट के बल लेट गया, भाभी मेरी पीठ की मालिश अच्छे से रगड़ा लगा कर करने लगी,
जब उन्होने मेरी कमर पर दबाब डालकर मालिश की तो पप्पू भाई को तकलीफ़ होने लगी, और वो घुड़कने लगा.
दरअसल, अकड़ तो वो भाभी के टच करते ही गया था, पर जब कमर पर दबाब पड़ा तो हालत और खराब होने लगी…
जब पीछे की मालिश हो गयी, तो उन्होने मुझे सीधे लेटने को कहा….
वो मेरे सीने की मालिश करने लगी, लेकिन उनकी नज़र मेरे पप्पू पर ही थी, जिसने बेचारी छोटी सी फ्रेंची को ऐसे उठा रखा था, जैसे डब्ल्यूडब्ल्यूई के कोर्ट में बिग शो सामने वाले फाइटर को अपने हाथों पर टाँग लेता है..
लल्लाजी ! रश्मि चाची के बारे में तुम्हारा क्या ख़याल है..? भाभी ने अचानक ये सवाल दागा…नज़रें उनकी अभी भी मेरे अंडरवेर पर ही लगी थी.
मे समझा नही भाभी… किस बारे में ..? मेने उल्टा सवाल किया..
वो – आजकल वो तुम्हें कुच्छ ज़्यादा ही लाड़ करने लगी हैं..
मे – हां ! मेने भी फील किया है… लेकिन इसमें मेरा ख़याल क्यों पुछा आपने..?
भाभी – नही ! मेरा मतलब है… जब वो तुम्हें इस तरह से लिपटा चिपटा कर प्यार जताती हैं, तो तुम्हें क्या फील होता है..? आइ मीन कैसा फील करते हो..?
मे तुरंत ही कोई जबाब नही दे पाया, और चाची के साथ हुई उस दिन वाली घटना मेरे दिमाग़ में घूमने लगी…
जिसका इनस्टिट असर मेरे लंड पर पड़ा और वो भेन्चोद फ्रेंची में फड़-फडाने लगा…
उसकी कुदक्की देख कर भाभी के चेहरे पर एक गहरी स्माइल तैर गयी जिसे मेरे जैसे छोटे दिमाग़ वाले को समझना बस की बात नही थी.
भाभी ने अपना सवाल फिरसे दोहराया… तो मे कुच्छ हड़बड़ा गया और बोला –
म.म.मी..क्या फील करूँगा.. क.क.कुकछ नही … बस यही कि वो मेरी चाची हैं और मुझे प्यार करती हैं..बस… मेने बात संभालने की कोशिश की…
भाभी – लेकिन तुम्हारा… ये पप्पू तो कुच्छ और ही कह रहा है.. ये कहकर भाभी ने मेरे लंड को सहला दिया…!
मे – य.यईी..क्या कह रहा है… मतलब.. आप कहना क्या चाहती हो भाभी..?
भाभी – मेरे प्यारे देवर जी अब तुम इतने भी भोले नही हो कि, जो मे कहना चाहती हूँ, वो तुम नही समझ रहे…
अब सीधी तरह बताते हो या… इसको मे उखाड़ लूँ… और भाभी ने शरारती हसी हँसते हुए मेरे लौडे को ज़ोर से मरोड़ दिया..
आईईईईई…..भाभिईीईई…… क्या करती हो…. दर्द करता है…
तो बताओ… फिर क्या बात है…?
तो मेने उस दिन वाली घटना भाभी को बता दी और कहा- कि उस दिन से ही चाची का बिहेवियर चेंज सा हो गया है…
और सच कहूँ तो भाभी उनकी वो हरकतें मुझे भी अच्छी लगती हैं, लेकिन चाह कर भी अपनी तरफ से कुच्छ करने की हिम्मत नही कर पाता…!
भाभी – वैसे क्या करने का मन करता है तुम्हारा…?
मे इतना एक्शिटेड हो चुका था कि आज किसी तरह अपने नाग का जहर निकालना चाहता था.. जल्दी-2 घर पहुँचा और सीधा बाथरूम की तरफ जा रहा था, कि तभी भाभी सामने आ गई…
वो मेरे चेहरे और लंड की भयंकरता को देखते ही समझ गयी और मुस्कराते हुए बोली… चाची के घर गये थे…?
मे उनको हां बोलकर सीधा बाथरूम में घुस गया.. अभी मेने अपने नाग को पिटारे से बाहर निकालकर हाथ में लेकर हिलाना शुरू किया ही था कि पीछे से भाभी की आवाज़ सुनाई दी…
लल्लाजी ! मेने कितनी बार मना किया है, कि ये हाथ से ज़्यादा मत किया करो.. लेकिन तुम्हारी अकल में ही नही आता है..
मेने फटाफट उसे अंदर किया, और घूम कर बोला – तो मे क्या करूँ भाभी… कैसे शांत करूँ इसे.. आप ही बताइए..?
बभी – अब हुआ क्या है जो इतने उत्तेजित हो रहे हो.. मेने उन्हें अभी-अभी चाची के साथ हुई घटना के बारे में बताया… !
वो मुस्कराते हुए बोली- हूंम्म… तो जैसा मेने सोचा था, वही हुआ..
मे झुँझलाकर बोला – अरे क्या हुआ, और आपने क्या सोचा था ? मेरी तो कुच्छ समझ में नही आ रहा.. ?
भाभी – अभी तुम्हें कुच्छ समझने की ज़रूरत नही है, लाओ इसे मुझे दो मे कुच्छ करती हूँ इसका…!
और उन्होने मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर सहलाया, उसके पी होल को अपने नाख़ून से कुरेदने लगी…
मेरी तो सिसकी ही निकल गयी और अपनी आँखे बंद करके आनंद सागर में तैरने लगा… फिर भाभी ने उसे अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू किया…
भाभी ने अपने अंदाज से मेरे लंड को चुस्कर उसका जहर निकाल दिया जिसे उन्होने बड़े चाव से पी लिया… उसके बाद वो बोली ..
अब जाओ और जाकर अपनी पढ़ाई करो.. पता हैं ना इस बार बोर्ड का एग्ज़ॅम है..!