20-06-2020, 01:59 PM
कोमल जी, पुरानी कहानी की पोस्ट, इस कहानी की पोस्ट से काफी अच्छी थी। उसमें गुड्डी को अपने रंग में धीरे धीरे बदला था, इस कहानी में गुड्डी में बदलाव एकदम से इस तरह लाना, कहानी के प्रवाह को बिगाड़ने काम कर रहा है, यह मुझे लगता है।
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं