26-02-2019, 06:55 PM
(26-02-2019, 07:32 AM)PAATROW Wrote: Nice story continue pls
असलम ने मेरे गाल पर एक जोरदार थप्पड़ लगा दिया था... क्योंकि मैं आनाकानी कर रहा था... मैं झोपड़ी के अंदर घुस गया... मैं कर भी क्या सकता था.... अंदर मेरी रूपाली दीदी जुनैद के साथ .... दीदी के साथ क्या कर रहा होगा क्रूर मर्द जुनैद सोच सोच के मेरी फटी जा रही थी..... आखिरकार मैं झोपड़ी के अंदर था... असलम भी मेरे साथ ही आया... झोपड़ी के अंदर कुछ ज्यादा दिखाई नहीं दे रहा था... असलम ने लालटेन जलाई..
जब कुछ रोशनी हुई तो मुझे अंदर के माहौल का पता चला...
दिन के समय में भी झोपड़ी के अंदर लालटेन जल रहा था... मैंने इधर उधर नजरे घुमा कर अंदर का जायजा लिया..... छोटी सी झोपड़ी के अंदर कुछ भी नहीं था... आधी झोपडी के अंदर सूखी घास बिछी हुई थी.... बाकी के हिस्से में एक बिस्तर लगा हुआ था वह भी जमीन पर...... जिस के आसपास दारू कुछ भरी तो कुछ खाली बोतल पड़ी हुई थी.... कई सारे चिलम, कुछ गांजा और चरस के पुड़िया भी वहां पर थे. असलम जमीन पर बिस्तर पर बैठ गया था.... उसने मुझे इशारा किया कि मैं भी उसके साथ बैठ ने का... मैं किसी भी हालत में उसकी बात को इनकार करने की स्थिति में नहीं था.. मैं बैठ गया चुपचाप.... असलम ने अपनी चिलम जला ली थी, चिलम पीते हुए उसने दारु का एक पटियाला जाम भी बना लिया.... मुन्नी को अपनी गोद में लिए हुए मैं चुपचाप असलम के बगल में बैठा हुआ था...