26-02-2019, 06:48 PM
(26-02-2019, 07:32 AM)PAATROW Wrote: Nice story continue pls
असलम ने बंदूक निकाली और मेरी कनपटी पर सटा दिया... बहन के लोड़े जरा भी नाटक किया तो तेरा भेजा उड़ा दूंगा मादरजात... चुपचाप अपनी भांजी को गोद में ले ले और हमारे साथ चल... असलम ने निर्दयता के साथ कहा.
मैंने भी वही किया जो उसने मुझे कहा था... मुन्नी तब भी सो रही थी.. मैंने उसे अपनी गोद में ले लिया.... असलम ने सुरेश को इशारा किया और दारु का इंतजाम करने के लिए निकल पड़ा सुरेश... जुनैद मेरी रूपाली दीदी को पकड़ के जंगल के अंदर एक अजीबोगरीब रास्ते पर ले जाने लगा... मैं असलम के साथ उनके पीछे-पीछे चलने लगा..
मेरी आंखों में आंसू थे पर मैं भी दीदी की तरह कुछ भी कर पाने की स्थिति में नहीं था... हम लोग कुछ देर चुप चाप उस रास्ते पर चलते रहे..
तेरी रूपाली दीदी फिल्म की हीरोइन से भी ज्यादा मस्त हो गई है रे... बहन चोद पटाखा लग रही है... शादी के पहले भी तेरी दीदी ने पूरे गांव के लोड़े पर बिजली गिरा रखी थी... असलम बेहद कामुक निगाहों से मेरी दीदी को पीछे से देखते हुए बोल रहा था.... मैं पूरी तरह लाचार और चुप हो गया था...
हाय रे क्या तरबूज से गांड है तेरी दीदी की.... उफ्फ यह पतली कमर.... देख तो सही... क्या मस्ती हो रही है तेरी दीदी की गांड.. हाय रे कितना मटक रही है यार इसकी गांड.... जी चाहता है कि यहीं पर इस की गांड मार लो... असलम पैंट के ऊपर से अपने लोड़े पर हाथ फेर रहा था... ना चाहते हुए भी मेरी नजर मेरी दीदी पर पड़ी.... और मैंने नजरें झुका ली.... लगभग नंगी थी मेरी दीदी की पीठ...... गोरी चिट्टी मखमली.... वस्त्र के नाम पर दीदी की पीठ पर उनकी तंग चोली के दो धागे बंधे हुए थे जो उनकी बड़ी-बड़ी चुचियों को चोली के अंदर ही रहने में सहायता कर रहे थे... दीदी जब अपनी पतली कमर लचका कर आगे बढ़ रही थी जब उनकी तरबूज जैसी नितंबों के दोनों भाग ऊपर नीचे हो रहे थे, जो आपस में रगड़ खा रहे थे...... जुनेद आज इस साली कुतिया रंडी को चोदने का हमारा सपना पूरा हो जाएगा... कितने दिनों से छिनाल के नाम पर अपना लौड़ा हिला रहे थे.... असलम ने जुनैद को संबोधित करते हुए थोड़ी तेज आवाज में कहा...
हां भाई आज तो इसे हचक के चोदेंगे... और इसका भाई भी देखेगा... मेरी रूपाली जान तो जब से जवान हो गई तभी से मैं अपना लौड़ा हाथ में लेकर रोज सपने देखता हूं इस छिनाल के... जुनैद ने कहा और दीदी की कमर थाम लेने से पहले उनकी गांड पर एक बार हाथ फिराया और मांसल हिस्से को मसल दिया...
नहीं ओहहहहह... दीदी के मुंह से बस इतना ही निकला... प्लीज हमें छोड़ दो अब हमें घर जाने दो.... डरते डरते ना जाने कैसे मेरे मुंह से यह निकल ही गया...
छोड़ देंगे बहन के लोड़े, पर उसके पहले अपने सपनों की रानी यानी कि तेरे रूपाली दीदी की अच्छे से ठुकाई तो कर दे... पता नहीं तेरा जीजा ठीक से इसकी ठुकाई करता है भी है या नहीं.... जुनैद ने पीछे पलट के मुझसे कहा.....
मैं शर्म के मारे लाल हो चुका था....
जुनैद यार इसके चूची देख यार, गांड देख क्या मस्त सी लग रही है, शादी के पहले तो इतने बड़े नहीं थे रूपाली के, इसके पति ने तो इसे जमकर ठोका होगा.... तभी तो इतने बड़े हो गए हैं मेरी रूपाली रानी के.... असलम ने जवाब दिया.. सही कह रहे हो भाई... इसके पति ने तो मेरी जान की खूब ठुकाई की है... देखो तो सही 2 साल के अंदर एक बच्ची भी दे दिया... साले ने खूब बजाया है मेरी रूपाली जान का... बोलते बोलते जुनैद का हाथ फिसल कर मेरी दीदी की कमर से उनके नितंबों पर आ चुका था...
असलम ने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया....
तेरी रूपाली दीदी को तो घोड़ी बनाने में बड़ा मजा आए... हाय रे तेरी दीदी के संस्कार.... तेरी दीदी के संस्कार आज मेरे लोड़े के नीचे... असलम बेहद कामुक हो चुका था... उसने मेरी दीदी की गांड पर एक थप्पड़ लगा दीया.....
आज तो अंशुल की दीदी को चोदने में बड़ा मजा आएगा भाई..... साली क्या सज धज के आई है... मेरी रूपाली जान के श्रृंगार तो देखो..
असलम भाई यह तो पूरी नई नवेली दुल्हन लग रही है... जुनैद ने कहा और मेरी दीदी की गांड को अपने मजबूत हाथों में दबोच लिया...
तू सही कह रहा है जुनैद.. अंशुल कि दीदी तो पूरी चुडक्कड़ संस्कारी रंडी बन के आई है.... आज तो गांड मार मार के इस बहन की लोड़ी का खेत खलिहान कर दूंगा.... असलम ने कहा..
. हम लोग उस जगह पर पहुंच गए थे जहां ले जाना चाहते थे वह दोनों..
सामने एक टूटी फूटी झोपड़ी थी.. जुनैद मेरी मेरी रूपाली दीदी की कमर को पकड़ के दूसरे हाथ से उनकी छोटी को पकड़कर लगभग घसीट उन्हें झोपड़ी के अंदर ले गया... असलम मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगा... उसने मेरी कनपटी पर बंदूक लगा रखा था.... चलो संस्कारी बहन के गांडू भाई... चल तेरी मां का भोसड़ा.... असलम