17-06-2020, 01:33 PM
“हां, मैं इसी पार्लर में काम करती हूं.”
“पर, तुम ने तो बताया था,” मैं ने आश्चर्य से भर कर कहा, “तुम किसी औफिस में काम करती हो…‘‘
“हां करती थी.‘‘
“फिर?‘‘
“सब यहीं पूछ लोगे?‘‘ वह दूसरे ग्राहक की ओर बढ़ गई. नशे से लुढ़कते थुलथुले लोगों के बीच से वह उन्हें गरम बदन का अहसास दे रही थी. मुझे गहरा अफसोस हुआ.
मैं सिर्फ हैड मसाज ले कर वापस आ गया. रास्ते में मैं ने फ्राई चिकन और रोटी ले ली थी. कमरे में पहुंच कर मैं सोना चाह रहा था, ताकि सीने पर जमा सांसों का बोझ हलका हो जाए. अभी खाने का एक गस्सा तोड़ा ही था कि मोहन वर्मा आ गया.
‘‘आओजी,” मैं ने बड़े अपनेपन से कहा, ‘‘बड़े मौके से आए हो तुम.”
‘‘क्या है?” मोहन ने मुसकराते हुए पूछा.
“पर, तुम ने तो बताया था,” मैं ने आश्चर्य से भर कर कहा, “तुम किसी औफिस में काम करती हो…‘‘
“हां करती थी.‘‘
“फिर?‘‘
“सब यहीं पूछ लोगे?‘‘ वह दूसरे ग्राहक की ओर बढ़ गई. नशे से लुढ़कते थुलथुले लोगों के बीच से वह उन्हें गरम बदन का अहसास दे रही थी. मुझे गहरा अफसोस हुआ.
मैं सिर्फ हैड मसाज ले कर वापस आ गया. रास्ते में मैं ने फ्राई चिकन और रोटी ले ली थी. कमरे में पहुंच कर मैं सोना चाह रहा था, ताकि सीने पर जमा सांसों का बोझ हलका हो जाए. अभी खाने का एक गस्सा तोड़ा ही था कि मोहन वर्मा आ गया.
‘‘आओजी,” मैं ने बड़े अपनेपन से कहा, ‘‘बड़े मौके से आए हो तुम.”
‘‘क्या है?” मोहन ने मुसकराते हुए पूछा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.