17-06-2020, 01:31 PM
मैं नीना को एक बस में मिला था. वह भी वहीं से चढ़ी थी, जहां से मैं चढ़ा था और वहीं उतरी भी.
कुछ दिन में हैलोहाय से बात आगे बढ़ गई. वह एक औफिस में असिस्टैंट की नौकरी कर रही थी. बैठनाउठना हो गया. वह बिंदास थी, पर बेहद प्रैक्टिकल. कुछ जुगाड़ू भी थी. मेरे छोटेमोटे काम फोन पर ही करा दिए.
उस दिन फैक्टरी से देर से निकला तो जैक्सन रोड की ओर निकल गया. दिल यों भी दुखी था. फैक्टरी में एक दुर्घटना हो गई थी. बारबार दिमाग में उस लड़के का घायल चेहरा आ रहा था. मैं एक मसाज पार्लर के पास रुक गया. यह पुराना शहर था अपनी स्मृति में, इतिहास को समेटे हुए. मैं ने घड़ी देखी. 7 बज रहे थे. मैं थकान दूर करने के लिए वहां घुस गया. अभी मैं जायजा ले ही रहा था कि मेरी नजर नीना पर पड़ी, ‘‘तुम यहां…?”
कुछ दिन में हैलोहाय से बात आगे बढ़ गई. वह एक औफिस में असिस्टैंट की नौकरी कर रही थी. बैठनाउठना हो गया. वह बिंदास थी, पर बेहद प्रैक्टिकल. कुछ जुगाड़ू भी थी. मेरे छोटेमोटे काम फोन पर ही करा दिए.
उस दिन फैक्टरी से देर से निकला तो जैक्सन रोड की ओर निकल गया. दिल यों भी दुखी था. फैक्टरी में एक दुर्घटना हो गई थी. बारबार दिमाग में उस लड़के का घायल चेहरा आ रहा था. मैं एक मसाज पार्लर के पास रुक गया. यह पुराना शहर था अपनी स्मृति में, इतिहास को समेटे हुए. मैं ने घड़ी देखी. 7 बज रहे थे. मैं थकान दूर करने के लिए वहां घुस गया. अभी मैं जायजा ले ही रहा था कि मेरी नजर नीना पर पड़ी, ‘‘तुम यहां…?”
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.