17-06-2020, 01:31 PM
‘‘कितना बेहूदा खयाल है नीना…”
‘‘किस का?”
‘‘तुम्हारा..” मैं ने तल्ख हो कर कहा, ‘‘और किस का?”
“यह मेरा खयाल है?” वह हैरान सी हुई, ‘‘तुम यही समझे…?”
“तो मेरा है?”
‘‘ओह…” उस ने दुखी हो कर कहा, ‘‘फिर भी मैं कह सकती हूं कि तुम कितने अच्छे हो… काश, मैं तुम्हें समझा पाती.”
‘‘नहीं ही समझाओ, तो अच्छा,” मैं ने उस से विदा लेते हुए कहा, ‘‘मैं समझ गया…‘‘ रास्तेभर तरहतरह के खयाल आते रहे. आखिरकार मैं ने तय किया कि सपने कितने भी हसीन हों, अगर आप बेदखल हो गए हों, तो उन हसरतों के बारे में सोचना छोड़ देना चाहिए.
मैं नीना की जिंदगी से बाद में कट गया.
‘‘किस का?”
‘‘तुम्हारा..” मैं ने तल्ख हो कर कहा, ‘‘और किस का?”
“यह मेरा खयाल है?” वह हैरान सी हुई, ‘‘तुम यही समझे…?”
“तो मेरा है?”
‘‘ओह…” उस ने दुखी हो कर कहा, ‘‘फिर भी मैं कह सकती हूं कि तुम कितने अच्छे हो… काश, मैं तुम्हें समझा पाती.”
‘‘नहीं ही समझाओ, तो अच्छा,” मैं ने उस से विदा लेते हुए कहा, ‘‘मैं समझ गया…‘‘ रास्तेभर तरहतरह के खयाल आते रहे. आखिरकार मैं ने तय किया कि सपने कितने भी हसीन हों, अगर आप बेदखल हो गए हों, तो उन हसरतों के बारे में सोचना छोड़ देना चाहिए.
मैं नीना की जिंदगी से बाद में कट गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.