17-06-2020, 01:31 PM
‘अरे मिलोजुलो, दोस्ती रखो… हो गया,‘‘ उस ने अंदर की पछाड़ खाती लहरों को भुला कर कहा, ‘‘प्यार और शादी, इस पचड़े के बारे में सोचो भी नहीं,‘‘ एक झटके में उस ने भावनाओं के सुंदर गुलाब की पंखुड़ियों को नोंच कर फुटपाथ पर फेंक दिया. लोग कुचलते हुए चले गए. मुझे अपना अक्स अब मुंह चिढ़ाने लगा, ‘यह लड़की भी क्या चीज है.’
उस ने फिर कहीं दूर भटकते हुए कहा, ‘‘इस शहर में रहो, पर सपने मत देखो. छोटे लोगों के सपने यों ही जल जाते हैं. जिंदगी में सिर्फ राख और धुआं बचते हैं. सच तो यह है कि प्यार यहां जांघों के बीच से फिसल जाता है.”
उस ने फिर कहीं दूर भटकते हुए कहा, ‘‘इस शहर में रहो, पर सपने मत देखो. छोटे लोगों के सपने यों ही जल जाते हैं. जिंदगी में सिर्फ राख और धुआं बचते हैं. सच तो यह है कि प्यार यहां जांघों के बीच से फिसल जाता है.”
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.