16-06-2020, 12:45 AM
बहुत खूब.............. ये मुझे अपनी ज़िंदगी का ही एक पल वापस जीता हुआ लगा...............
ज़िंदगी में ना जाने कितनी आयीं और गईं..........
लेकिन एक वो ही हैं........... जिनको मेंने अपना घर ही नहीं....मन भी सौंप दिया तो अब किसी और को क्या दूँ
ज़िंदगी में ना जाने कितनी आयीं और गईं..........
लेकिन एक वो ही हैं........... जिनको मेंने अपना घर ही नहीं....मन भी सौंप दिया तो अब किसी और को क्या दूँ