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Adultery सोलवां सावन
#79
गुजर गयी रात 


[Image: boobs-wet.jpg]
मुझे बस इतना याद है की जब वो झडा तो पानी की झड़ी एक बार फिर कम हो गयी थी। 


मैं चल नहीं पा रही थी ,वो एक बार फिर मुझे गोद में उठा के कमरे में ले आया शायद साढ़े तीन बजा था। 


और साढ़े चार पौने पांच के आसपास जब वो गया, मैंने पीछे वाला दरवाजा बंद किया। 



अँधेरा कुछ धुंधला रहा था ,बरसात बंद हो चुकी थी। 



लेकिन जाने के पहले के एक बार और उसने नंबर लगा दिया था , 


[Image: fucking-J-tumblr-o3hzbg-Ns-Pm1v63qa1o1-500.gif]



कुल चार बार रात भर में। 

….

सुबह सुबह पूरी देह टूट रही थी , उठने का मन नहीं कर रहा था। 

अलसाया अलसाया लग रहा था।
मैं सुबह उठी तो साढ़े आठ बज रहे थे , उठी क्या बसंती ने उठाया। 

बस मन कर रहा था , एक बार फिर अजय आ जाय। साल्ले ने रात में रगड़ के रख दिया था , 

जरा मैंने गर्दन झुकाई तो पूरे उभारों पर उसके दांतों के ,नाखूनों के निशान रात की गवाही दे रहे थे , 

ख़ास तौर से जो मेरी गोलाइयों के ऊपरी हिस्से में ( जो न मेरी चोली में छुपती हैं और जिन्हे न मैं छुपाना चाहती हूँ ) 

[Image: nipple-bites-e338f9fa09ed6779409bdf8f4268b003.jpg]



जबरदस्त कचकचा के काटा था उस दुष्ट ने ,जैसे अपनी मुहर लगा दी हो , आज से ये माल मेरा है। 










बात तो उसकी सही थी , माल तो मैं उसकी थी ही।

मेरी सारी सहेलियां मुझे अजय का माल कह के ही बुलाती थी और मेरी नथ भी तो उसी ने उतारी थी ,मेरे सारे नखड़े के बावजूद , और कल रात जो उसने चुदाई की थी 


मैं मान गयी। 
[Image: sixteen-love-in-rain-14.jpg]




जो मैं सोचती थी मर्द कैसा होना चाहिए एकदम वैसा , जो ज़रा भी ना नुकुर न सुने , केयरिंग भी हो लेकिन चोदने के समय , एकदम गाली दे दे के रगड़ रगड़ के चोदे ,… 

[Image: fucking-doggy-J-16802809.gif]


एकदम वैसा और ताकत भी कितनी , भाभी सही कह रही थीं जिस दिन चढ़ेगा ननद रानी ढंग से दो दिन टांग फैला के चलोगी। 



मैं मुस्कराने लगी उसकी और अपनी बात सोच के , एक बात जो मुझे साल रही थी उस की भी फाँस उस ने निकाल दी , 

और फिर खुद तो हुजूर ने किसी को छोड़ा नहीं है मेरी कोई सहेली नहीं बची , उसकी कितनी भौजाइयों और घर खेत में काम करने वालियां , और कैसे बेलौस सब उस ने खुद ही बोल भी दिया और अपनी मर्जी भी बता दी , … बस अब अपने अजय का हुक्म भी है और , मन तो यार मेरा भी करता है ,… 




किसी तरह चारपाई पकड़ के मैं उठी ,और उठते ही मेरी गोरी गोरी जाँघों पर मेरे साजन की रात भर की मेहनत की कमाई ,खूब गाढ़ी गाढ़ी सफेद थक्केदार मलाई की धार , सड़का टपक रहा रहा था पूरी जांघ लिसलिसी हो रही थी। 

[Image: cream-pie-18153374.jpg]

किसी तरह अपने को थोड़ा बहुत ठीक किया ,

 बाहर निकलते समय ताखे पर निगाह पड़ी ,कल जो बोतल कड़वे तेल की चंपा भाभी पूरी भर के रख गयीं थीं अब आधी हो गयी थी। 

मुश्किल से मुस्कराहट रोकी मैंने।



[Image: geeta-228bb8ba66fcd14951bc14cabd67f8be.jpg]

किचेन में चाय देते समय बसंती खुल के मुस्करा रही थी। 
उस की निगाहों से कुछ छिपता है क्या , और फिर अब छिपाने से फायदा भी क्या ,वो भी तो अपने ही गोल की हो गयी थी। 
चंपा भाभी का कमरा अभी भी बंद था। 

मुझे याद आया की आज पूरबी आने वाली है ,मुझे नदी नहाने ले किये ,मैं जल्दी जल्दी हाथ मुंह धो ,साडी पहन तैयार हुयी।


[Image: Teej-Y-15319171-716971821794197-46165912...6487-n.jpg]
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Messages In This Thread
सोलवां सावन - by komaalrani - 10-01-2019, 10:36 PM
RE: सोलवां सावन - by Bregs - 10-01-2019, 11:31 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 01-02-2019, 02:50 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 13-02-2019, 06:40 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 19-02-2019, 01:09 PM
RE: सोलवां सावन - by komaalrani - 26-02-2019, 09:05 AM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 26-02-2019, 11:10 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 08:44 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 11:46 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 19-05-2019, 11:15 AM
RE: सोलवां सावन - by Theflash - 03-07-2019, 10:31 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 14-07-2019, 04:07 PM
RE: सोलवां सावन - by usaiha2 - 09-07-2021, 05:54 PM



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