15-06-2020, 04:37 PM
तभी अंजलि की आवाज आई, ‘‘बड़ी देर लगा दी?’’
‘‘बोलो अंजलि, क्या बात करनी है?’’
‘‘इतनी भी क्या जल्दी है?’’
नेहा को उन की बातचीत का 1-1 शब्द साफ सुनाई दे रहा था.
अनिल की गंभीर आवाज आई, ‘‘बात शुरू करो, अंजलि.’’
‘‘अनिल, यहां आने पर सब से ज्यादा खुश मैं इस बात पर थी कि तुम से मिल सकूंगी, लेकिन तुम्हें देख कर तो लगता है कि तुम मुझे भूल गए… मुझे तो उम्मीद थी मेरा कैरियर बनने तक तुम मेरा इंतजार करोगे, लेकिन तुम तो शादी कर के बीवीबच्चों के झंझट में पड़ गए. देखो, मैं ने अब तक शादी नहीं की, तुम्हारे अलावा कोई नहीं जंचा मुझे… क्या किसी तरह ऐसा नहीं हो सकता कि हम फिर साथ हो जाएं?’’
‘‘बोलो अंजलि, क्या बात करनी है?’’
‘‘इतनी भी क्या जल्दी है?’’
नेहा को उन की बातचीत का 1-1 शब्द साफ सुनाई दे रहा था.
अनिल की गंभीर आवाज आई, ‘‘बात शुरू करो, अंजलि.’’
‘‘अनिल, यहां आने पर सब से ज्यादा खुश मैं इस बात पर थी कि तुम से मिल सकूंगी, लेकिन तुम्हें देख कर तो लगता है कि तुम मुझे भूल गए… मुझे तो उम्मीद थी मेरा कैरियर बनने तक तुम मेरा इंतजार करोगे, लेकिन तुम तो शादी कर के बीवीबच्चों के झंझट में पड़ गए. देखो, मैं ने अब तक शादी नहीं की, तुम्हारे अलावा कोई नहीं जंचा मुझे… क्या किसी तरह ऐसा नहीं हो सकता कि हम फिर साथ हो जाएं?’’
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
