12-06-2020, 02:36 PM
(This post was last modified: 29-08-2021, 06:11 PM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
जोर का सुट्टा
मैंने बख्स दिया और अपनी टीनेज ननद के चेहरे से चेहरा सटा के बहुत धीमे धीमे प्यार से बोली ,
" जस्ट इंज्वाय इट बेबी , फील हाउ हाट इट इज ,एंड यू विल आलसो बी हाट। और कस के सुट्टा ले , पूरी ताकत से , हाँ बस इस मस्त धुंए को कम से कम डेढ़ दो मिनट तक मुंह के अंदर रख , चाहे कुछ हो जाय। "
और गुड्डी के कुंवारे रसीले होंठो को मेरे होंठों ने सील कर दिया।
"अरे गुड्डी बाई , ज़रा सा धुंआ नहीं ले पा रही अंदर तो मोटे मोटे मूसल कैसे घोंटेंगी अंदर , स्साली धुंआ अंदर ले और सोच अपने भइया का मोटा लंड ले रही है , "
साथ साथ मैं उसकी छोटी छोटी चूँचियों को ,
जिन्होंने सिर्फ एलवल की नहीं , पूरे शहर के लौंडो की नींद हराम कर रखी थी , दबा रही थी , मसल रही थी , ...
पूरे दो मिनट तक , और इस बीच बेचारी का चेहरा एकदम सुर्ख ,आँखे लाल ,...
यही तो मैं चाहती थी ,और मैंने उसे समझाया ,
" यस यू कैन एक्जेल नाउ , लेकिन नाक से वो भी धीरे धीरे , मुंह ज़रा भी नहीं खुलना चाहिए। "
गुड्डी ,क्या करती , धीमे धीमे सीख रही थी ,और उस के नाक से धुंआ ,...
थोड़ा सा धुंआ नाक से निकला , एकदम सीधे उसके सर चढ़ा होगा , एकदम असली माल था उस सफ़ेद पाउडर में ,
एक दो सुट्टे में तो खेली खाई की हालत खराब हो जाती थी ,ये बिचारी तो एकदम नयी बछेड़ी। एकदम वर्जिन विद वियाग्रा।
लेकिन मैं थी न उसकी भाभी , उसका साथ देने के लिए ,सिखाने के लिए। मैंने फिर बोला ,
" सच में मेरी बांकी ननदिया बड़ी हो गयी है ,चल एक सुट्टा और मार लेकिन अबकी पूरी ताकत से ,और अबकी दो मिनट से ज्यादा होल्ड करना। "
मैं प्यार से उसके कच्चे उरोजों को सहलाते लम्बे लम्बे बालों को हलके हलके हलके छू रही थी।
धीमे धीमे उसकी होल्डिंग पावर बढ़ रही थी , तीन चार सुट्टे में उसकी हालत एकदम खराब ,
उसके हाथ से सिगरेट लेते हुए मैंने उसे सिखाया ,
"देख ऐसे पकड़ , एकदम सेक्सी अंदाज में , मंझली ऊँगली और तर्जनी के बीच "
सिगरेट पकड़ते हुए मैंने पकड़ना सिखाया।
( अभी तो मेरी ननद रानी को बहुत चीजें मुझे पकड़ना सिखाना था ) ,
" और फिर जब अपने होंठों के बीच में इसे रखो न तो बस जस्ट लर्न तो इंज्वाय द फील आफ सिगी आन योर सेक्सी हॉट लिप्स। और उसके बाद धीमे धीमे सक करो , यू नो व्हाट आई मीन ,... नॉटी , आई मीन लॉलीपॉप , तुझे तो लॉलीपॉप चूसना बहुत अच्छा लगता है न एकदम वैसे , और फिर थोड़ी तेजी से एंड देन सक द स्मोक , जस्ट होल्ड इट इन योर माउथ , जित्ता देर मुंह में होल्ड कर पाओगी न उत्ता ही अच्छा लगेगा। एंज्वॉय द वार्म्थ ,द फील,... "
और मैंने जोर का सुट्टा लगाया ,सिग्गी एकदम दहक़ उठी , लाल लाल।
गुड्डी एकदम ध्यान से मेरी एक एक बात सुन रही थी देख रही थी , सीख रही थी।
माना उसकी नथ तो उसके प्यारे बचपन के यार उसके भैय्या से ही मैं उतरवाने वाली थी , लेकिन
मैं भी तो दीवानी थी उन मस्त कच्चे टिकोरों के ,मुझे भी कुतर कुतर कर , फिर उसके भैया तो ऑफिस चले जाएंगे , फिर तो मैं ही उसका भोग लगाउंगी। बहुत दिन होंगे ऐसी किसी कच्ची बछेड़ी को जबरदस्ती जाँघों के बीच दबोचे , रगड़े। फिर सिर्फ मैं थोड़ी उसका भोग लगानेवालियों की अभी से लम्बी वोटिंग लिस्ट, इनकी सास ,लेडीज क्लब की प्रेजिडेंट मिसेज खन्ना और ,... लेकिन वो सब बाद में अभी तो , ...
एक जोर का सुट्टा और मारा मैंने ,सब का सब धुंआ मेरे मुंह में , और इन्हे सिगरेट पकड़ा दी ,
गुड्डी जान रही थी क्या होनेवाला है ,बल्की वेट कर रही थी।
बस मैंने अपनी छुटकी ननदिया को दबोच लिया। और इस बार मेरी फीलिंग्स साफ़ थीं ,
इट वाज़ अ लवर्स इम्ब्रॉस।
….
और गुड्डी ने भी अबकी उसी तरह जवाब दिया ,कोई जबरदस्ती नहीं सब कुछ राजी ख़ुशी
मेरी आँखों की भूख गुड्डी साफ़ साफ़ देख रही थी और अब मैं भी उसकी रतनारी आंखों में प्यास देख रही थी.
मेरे भूखे होंठ गुड्डी के किशोर रसीले होंठो पर रगड़ रहे थे और अबकी गुड्डी ने खुद होंठ खोल दिए और ,
मेरी जीभ उसके मुंह में और साथ में धुंआ , उसके तीन चार सुट्टे से ज्यादा धुंआ मेरे एक बार में और सब का सब उस किशोरी के मुंह में।
उसके होंठ अब सील हो चुके थे , मेरे होंठ चूस चूस कर , हलके से काट कर , क्या कोई लड़का रस लेकर चूमेगा , चूसेगा जिस तरह मैं उसके होंठ चूस रही थी। उसके होंठ अब तब तक नहीं खुलने वाले थे जब तक वो सारा धुंआ ,उसकी शिराओं ,धमिनियों में अच्छी तरह नहीं घुल कर , उसकी देह उसका दिमाग सब कुछ ,
और साथ में मेरे हाथ , अब खुल के ,एक ने तो टॉप के अंदर सेंध लगा दी और उसकी गदरायी चूँचियों को खुल के दबाने रगड़ने लगे। दूसरा हाथ स्कर्ट उठा के उसकी दो इंच की छोटी सी थांग के ऊपर से उसकी चुनमुनिया को रगड़ रहा था , और मेरी ननद रानी की चुनमुनिया भी गीली हो रही थी ,फुदक रही थी। गुड्डी भी रिस्पांस कर रही थी ,मेरे चुम्बन के जवाब में अब उसके होंठ भी मेरे होंठों को चूम चूस रहे थे , उसके कच्चे टिकोरे मेरे बड़े बड़े जोबनो के धक्के का जवाब धक्के से दे रहे थे , उसका आलिंगन भी , अब वो पूरी तरह खो चुकी थी ,
और उधर उसके भैय्या सिग्गी का सुट्टा,
चार मिनट गुजर चुके थे , गुड्डी एकदम गरम और सिगरेट की तरह मैंने भी अपनी ननद को पास कर दिया ,
बिना बोले मेरी आँखों ने बोल दिया ,
योर्स लेकिन एकदम खुल के ,...
मैंने बख्स दिया और अपनी टीनेज ननद के चेहरे से चेहरा सटा के बहुत धीमे धीमे प्यार से बोली ,
" जस्ट इंज्वाय इट बेबी , फील हाउ हाट इट इज ,एंड यू विल आलसो बी हाट। और कस के सुट्टा ले , पूरी ताकत से , हाँ बस इस मस्त धुंए को कम से कम डेढ़ दो मिनट तक मुंह के अंदर रख , चाहे कुछ हो जाय। "
और गुड्डी के कुंवारे रसीले होंठो को मेरे होंठों ने सील कर दिया।
"अरे गुड्डी बाई , ज़रा सा धुंआ नहीं ले पा रही अंदर तो मोटे मोटे मूसल कैसे घोंटेंगी अंदर , स्साली धुंआ अंदर ले और सोच अपने भइया का मोटा लंड ले रही है , "
साथ साथ मैं उसकी छोटी छोटी चूँचियों को ,
जिन्होंने सिर्फ एलवल की नहीं , पूरे शहर के लौंडो की नींद हराम कर रखी थी , दबा रही थी , मसल रही थी , ...
पूरे दो मिनट तक , और इस बीच बेचारी का चेहरा एकदम सुर्ख ,आँखे लाल ,...
यही तो मैं चाहती थी ,और मैंने उसे समझाया ,
" यस यू कैन एक्जेल नाउ , लेकिन नाक से वो भी धीरे धीरे , मुंह ज़रा भी नहीं खुलना चाहिए। "
गुड्डी ,क्या करती , धीमे धीमे सीख रही थी ,और उस के नाक से धुंआ ,...
थोड़ा सा धुंआ नाक से निकला , एकदम सीधे उसके सर चढ़ा होगा , एकदम असली माल था उस सफ़ेद पाउडर में ,
एक दो सुट्टे में तो खेली खाई की हालत खराब हो जाती थी ,ये बिचारी तो एकदम नयी बछेड़ी। एकदम वर्जिन विद वियाग्रा।
लेकिन मैं थी न उसकी भाभी , उसका साथ देने के लिए ,सिखाने के लिए। मैंने फिर बोला ,
" सच में मेरी बांकी ननदिया बड़ी हो गयी है ,चल एक सुट्टा और मार लेकिन अबकी पूरी ताकत से ,और अबकी दो मिनट से ज्यादा होल्ड करना। "
मैं प्यार से उसके कच्चे उरोजों को सहलाते लम्बे लम्बे बालों को हलके हलके हलके छू रही थी।
धीमे धीमे उसकी होल्डिंग पावर बढ़ रही थी , तीन चार सुट्टे में उसकी हालत एकदम खराब ,
उसके हाथ से सिगरेट लेते हुए मैंने उसे सिखाया ,
"देख ऐसे पकड़ , एकदम सेक्सी अंदाज में , मंझली ऊँगली और तर्जनी के बीच "
सिगरेट पकड़ते हुए मैंने पकड़ना सिखाया।
( अभी तो मेरी ननद रानी को बहुत चीजें मुझे पकड़ना सिखाना था ) ,
" और फिर जब अपने होंठों के बीच में इसे रखो न तो बस जस्ट लर्न तो इंज्वाय द फील आफ सिगी आन योर सेक्सी हॉट लिप्स। और उसके बाद धीमे धीमे सक करो , यू नो व्हाट आई मीन ,... नॉटी , आई मीन लॉलीपॉप , तुझे तो लॉलीपॉप चूसना बहुत अच्छा लगता है न एकदम वैसे , और फिर थोड़ी तेजी से एंड देन सक द स्मोक , जस्ट होल्ड इट इन योर माउथ , जित्ता देर मुंह में होल्ड कर पाओगी न उत्ता ही अच्छा लगेगा। एंज्वॉय द वार्म्थ ,द फील,... "
और मैंने जोर का सुट्टा लगाया ,सिग्गी एकदम दहक़ उठी , लाल लाल।
गुड्डी एकदम ध्यान से मेरी एक एक बात सुन रही थी देख रही थी , सीख रही थी।
माना उसकी नथ तो उसके प्यारे बचपन के यार उसके भैय्या से ही मैं उतरवाने वाली थी , लेकिन
मैं भी तो दीवानी थी उन मस्त कच्चे टिकोरों के ,मुझे भी कुतर कुतर कर , फिर उसके भैया तो ऑफिस चले जाएंगे , फिर तो मैं ही उसका भोग लगाउंगी। बहुत दिन होंगे ऐसी किसी कच्ची बछेड़ी को जबरदस्ती जाँघों के बीच दबोचे , रगड़े। फिर सिर्फ मैं थोड़ी उसका भोग लगानेवालियों की अभी से लम्बी वोटिंग लिस्ट, इनकी सास ,लेडीज क्लब की प्रेजिडेंट मिसेज खन्ना और ,... लेकिन वो सब बाद में अभी तो , ...
एक जोर का सुट्टा और मारा मैंने ,सब का सब धुंआ मेरे मुंह में , और इन्हे सिगरेट पकड़ा दी ,
गुड्डी जान रही थी क्या होनेवाला है ,बल्की वेट कर रही थी।
बस मैंने अपनी छुटकी ननदिया को दबोच लिया। और इस बार मेरी फीलिंग्स साफ़ थीं ,
इट वाज़ अ लवर्स इम्ब्रॉस।
….
और गुड्डी ने भी अबकी उसी तरह जवाब दिया ,कोई जबरदस्ती नहीं सब कुछ राजी ख़ुशी
मेरी आँखों की भूख गुड्डी साफ़ साफ़ देख रही थी और अब मैं भी उसकी रतनारी आंखों में प्यास देख रही थी.
मेरे भूखे होंठ गुड्डी के किशोर रसीले होंठो पर रगड़ रहे थे और अबकी गुड्डी ने खुद होंठ खोल दिए और ,
मेरी जीभ उसके मुंह में और साथ में धुंआ , उसके तीन चार सुट्टे से ज्यादा धुंआ मेरे एक बार में और सब का सब उस किशोरी के मुंह में।
उसके होंठ अब सील हो चुके थे , मेरे होंठ चूस चूस कर , हलके से काट कर , क्या कोई लड़का रस लेकर चूमेगा , चूसेगा जिस तरह मैं उसके होंठ चूस रही थी। उसके होंठ अब तब तक नहीं खुलने वाले थे जब तक वो सारा धुंआ ,उसकी शिराओं ,धमिनियों में अच्छी तरह नहीं घुल कर , उसकी देह उसका दिमाग सब कुछ ,
और साथ में मेरे हाथ , अब खुल के ,एक ने तो टॉप के अंदर सेंध लगा दी और उसकी गदरायी चूँचियों को खुल के दबाने रगड़ने लगे। दूसरा हाथ स्कर्ट उठा के उसकी दो इंच की छोटी सी थांग के ऊपर से उसकी चुनमुनिया को रगड़ रहा था , और मेरी ननद रानी की चुनमुनिया भी गीली हो रही थी ,फुदक रही थी। गुड्डी भी रिस्पांस कर रही थी ,मेरे चुम्बन के जवाब में अब उसके होंठ भी मेरे होंठों को चूम चूस रहे थे , उसके कच्चे टिकोरे मेरे बड़े बड़े जोबनो के धक्के का जवाब धक्के से दे रहे थे , उसका आलिंगन भी , अब वो पूरी तरह खो चुकी थी ,
और उधर उसके भैय्या सिग्गी का सुट्टा,
चार मिनट गुजर चुके थे , गुड्डी एकदम गरम और सिगरेट की तरह मैंने भी अपनी ननद को पास कर दिया ,
बिना बोले मेरी आँखों ने बोल दिया ,
योर्स लेकिन एकदम खुल के ,...