25-02-2019, 08:25 PM
मेरी रूपाली दीदी को दो तगड़े मर्दों ने घेर रखा था.... ऑटो वाला सुरेश भी उनके पास ही खड़ा था....
कौन हो तुम लोग ...छोड़ दो मेरी दीदी को वरना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा.... मैंने गुस्से में चिल्लाते हुए कहा और उनकी तरफ बढ़ने लगा.. सब लोग मेरी तरफ पलट के देखने लगे... मुझे उन दोनों को पहचानने में देर नहीं लगी.... दोनों हमारे ही गांव के मशहूर गुंडे थे.... असलम और जुनैद.... उन दोनों पर ना जाने कितने सिक्युरिटी केस थे... आजकल दोनों एक मर्डर केस में फरार थे.... उनको पहचानते ही मेरी हालत बुरी तरह खराब हो गई... मैं बेहद भयभीत हो गया.... मेरी रूपाली दीदी की हालत और भी खराब थी... तेरी बहन का लोड़ा ....तू भी साथ में है... हमें तो लगा तेरी दीदी अकेली है... क्यों बे सुरेश गांडू तू इसे क्यों ले लिया है यहां पर... असलम सुरेश से पूछ रहा था पर मेरी तरफ देखते हुए मुस्कुरा रहा था.... मैं क्या करता ...बाबूजी तो साथ में ही थे... इनको कहीं रास्ते में तो छोड़ नहीं सकता था... सुरेश ने नजरे झुकाते हुए कहा....
मुझे समझ में आ गया कि सुरेश ने हम लोग यहां इस मुसीबत में फसाया है.... मुझे दीदी पर भी गुस्सा आने लगा कि क्यों उन्होंने इस हरामजादे की बात मानी... पर अब पछताने से क्या फायदा... हमें इस मुसीबत से बाहर निकलना था....
मेरे रूपाली दीदी डर के मारे थरथर कांप रही थी... उनके माथे पे पसीना चमक रहा था... उनके गुलाबी होंठ थरथर आ रहे थे कुछ बोलने के लिए, पर उनकी आवाज नहीं निकल रही थी...
वाह सुरेश तूने तो आज हमारी मुराद पूरी कर दी... इसकी माल बहना को चोदने का सपना तो हम लोग न जाने कितने दिनों से देख रहे थे... साला इसके नाम अपने लोड़े का पानी न जाने कितनी बार निकाला होगा मैंने.... असलम बोला कभी मेरी तरफ तो कभी मेरी दीदी की तरफ देखते हुए...... मेरे बदन में तो मानो काटो तो खून नहीं.. क्या मस्त माल लग रही है बहन की लोड़ी यार... रूपाली रांड... साली का बदन तो कितना गदरआ गया है असलम भाई.... जुनैद मेरी दीदी को गंदी निगाहों से देखता हुआ बोल रहा था...
उसने मेरी दीदी के बारे में रांड शब्द का इस्तेमाल किया था... दीदी की निगाहें शर्म के मारे झुक गई...
हाय रे मेरी शर्मिली छमिया .... जी तो चाहता है बस तुझे अभी यहीं पर पटक के ....... बोलते बोलते जुनैद के मुंह से लार टपकने लगी...
साला इसके आगे तो फिल्मों की हीरोइन भी कुछ नहीं... साली की चूंचियां देख यार..... असलम ने अपनी बात भी खत्म नहीं की थी उसके पहले ही जुनैद ने मेरी दीदी की गुलाबी साड़ी का आंचल उनके सीने से हटा दीया... मेरा तन बदन गुस्से से जलने लगा पर मैं कुछ भी करने की हालत में नहीं था... मैं गुस्से से जुनैद की तरफ उसे मारने के लिए आगे बढ़ा.... पर बीच में ही असलम ने मुझे दबोच लिया... उसके तगड़े बदन के आगे मैं बेबस हो गया... उसने मेरा कॉलर पकड़ कर दो तीन थप्पड़ मारे, फिर मेरे पेट में घुसा जड़ दिया.... मुझे दिन में तारे दिखाई देने लगे.... रूपाली दीदी रोने चिल्लाने लगी थी..... प्लीज आप लोग मेरे भाई को मत मारो..... आप लोगों को जो भी चाहिए मैं देने को तैयार हूं... हमारे पास कुछ ज्वैलरी है.... और ₹12000 कैश है.... आप यह सब कुछ ले लो... और प्लीज हमें जाने दो अब यहां से..... मेरे भाई को छोड़ दो प्लीज मैं आपके आगे हाथ जोड़ती रही हूं.... मेरी दीदी ने पूरी तरह लाचार होते हुए कहा... उनकी आंखों में आंसू भर आए थे मेरी पिटाई देख के.. मेरी भोली हसीन रंडी.. तुझे समझ नहीं आ रहा है कि हम तुझे यहां क्यों लाए.... जुनैद मेरी दीदी को देखता होगा कामुक निगाहों से अपनी जुबान पर अपनी जीभ को घुमा रहा था.... मैं थोड़ा बहुत संभल के खड़ा हो गया.... दीदी के सीने पर अभी भी उनका आंचल नहीं था.... गुलाबी रंग की चोली में, जो कि स्लीवलेस और बैकलेस भी थी... उनके दोनों पर्वत उनकी डरी हुई सांसो के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे.... दीदी की चोली वाकई में बहुत तंग थी... उनकी दोनों बड़ी बड़ी छातिया उनकी चोली को फाड़ के बाहर निकलने को बेताब हो रहे थे... दीदी का मंगलसूत्र उनके क्लीवेज पर टिका हुआ था... मेरी रूपाली दीदी दोनों बड़े बड़े पर्वतों को अपने कठोर हाथों में दबोच कर जुनैद उनको भोंपू की तरह दबाने लगा..
दीदी का विरोध नाम मात्र का था.. उनके मुंह से बस एक आह निकली.... दीदी की चुचियों को छोड़कर कमर से पकड़ा जुनैद ने उन्हें और अपने बदन से चिपका लिया... वैसे तो मेरी दीदी की लंबाई भी 5 फुट 7 इंच होगी और जुनैद के 6 फुट 2 इंच लंबे बदन के आगे दीदी बिल्कुल बच्ची लग रही थी..... मेरी रूपाली दीदी की सुर्ख गुलाबी होंठ जो लिपस्टिक के कारण बिल्कुल लाल लग रहे थे, उन पर जुनैद ने अपना अंगूठा रख दिया और फिरआने लगा... दीदी की आंखें बंद हो गई थी.....
बहन चोद ऊपर के होंठ इतने गर्म है तो नीचे के होठों और कितने गरम होंग मेरे रूपाली जान..... जुनैद ने बड़ी कामुकता के साथ कहा..मेरी तो समझ में नहीं आया कि वह नीचे के किन होठों की बात कर रहा था.... पर असलम और साथ ही साथ सुरेश भी मुस्कुराने लगा था जुनैद की बात सुनकर.... असलम मेरी रूपाली दीदी के पीछे आया.... दीदी के गांड के दोनों भागों को अपने हाथों में दबोच कर वह मसल रहा था... मेरी दीदी की गोरी नंगी पीठ और गर्दन को वह चूमने और चाटने लगा था.... असलम का लोड़ा जिसने उसके पजामे के अंदर तंबू बना रखा था, मेरी दीदी की गांड के दरार के बीच में फंसा हुआ था उनकी साड़ी के ऊपर से...
मेरी दीदी के मुंह से कुछ आवाज निकलती इसके पहले ही जुनैद ने उनके सुर्ख गुलाबी होठों को अपने खुर्दरे मर्दाना होठों के बीच दबोच लिया और चूसने लगा...
मेरी रूपाली दीदी उन दोनों के मर्दाना जिस्म के बीच सैंडविच बन गई थी...... जुनैद मेरी दीदी के दोनों चूचियों को अपने हाथों में जकड़ कर उनके होठों का रस पी रहा था और पीछे से असलम मेरी दीदी की गांड को दबोच के उनकी पीठ और गर्दन को चाट रहा था.... ऑटो वाला सुरेश दृश्य देखकर मंत्रमुग्ध हो गया था... यहां तक कि वह भी अपने पैंट के ऊपर से अपने लिंग को मसल रहा था.... मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि अब मैं क्या करूं... मेरी दीदी फस चुकी थी गुंडों के बीच और मैं बेचारा भाई..... वह दोनों मेरी दीदी के नाजुक अंगों के साथ खेल रहे थे और मेरी दीदी का विरोध भी हमारी मजबूरी में दफन हो चुका था.... भरी दुपहरी में बीच सड़क पर यह खेल चल रहा था... यहां बीच सड़क पर सब करना ठीक नहीं है साहब जी.. आप लोग इनको अपने अड्डे पर ले जाओ और जी भर के ऐश करो.... यहां सड़क पर हमें किसी ने देख लिया यह सब कुछ करते हुए तो बड़ी मुसीबत हो जाएगी आपके लिए भी, हमारे लिए भी.... सुरेश ने कहा वह भी थोड़ा बहुत डरा हुआ था...
सुरेश की बात सुनकर असलम ने मेरी दीदी को छोड़ दिया पर जुनैद अभी भी मेरी दीदी की छातियों को बुरी तरह मसल रहा था.... उसने मेरी दीदी के होठों को अपने होठों से आजाद किया और बोला.... तू सही कह रहा है सुरेश..... हम अपनी महबूबा को यहां नहीं चोदेंगे .... इसे तो हम अपने अड्डे पर ले जाकर पटक पटक के पलेंगे ठोकेंगे.... पर मैं अपनी इस रंडी के भाई का क्या करूं... यह बहन का लौड़ा सारा मजा खराब कर देगा... देख जुनैद हम तो इसकी रूपाली बहना को खूब ठोकेंगे, पर हम इस बहन के लोड़े को यहां से जाने नहीं दे सकते.... क्योंकि अगर यह मादरजात यहां से गया तो फिर हमारी सिक्युरिटी में कंप्लेंट कर देगा और इसके पीछे पीछे सिक्युरिटी यहां तक पहुंच जाएगी... इस भोसड़ी वाले को अपने साथ लेकर चलते हैं.. इसकी दीदी वहां पर हमारे लोड़े पर बैठेगी और यह मादरजात देखेगा.... असलम ने बड़े कठोर तरीके से मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखते हुए कहा..
बहुत सही आईडिया है असलम भाई... और कोई रास्ता भी नहीं है... इस गांडू को तो यहां छोड़ नहीं सकते... जुनैद ने कहा...
साहब जी मैं क्या करूं..... सुरेश ऑटो वाले ने पूछा..
तू एक काम कर तीन चार बोतल दारु का इंतजाम कर हमारे लिए..... बोलते हुए असलम ने सुरेश को कुछ पैसे दिए...
कौन हो तुम लोग ...छोड़ दो मेरी दीदी को वरना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा.... मैंने गुस्से में चिल्लाते हुए कहा और उनकी तरफ बढ़ने लगा.. सब लोग मेरी तरफ पलट के देखने लगे... मुझे उन दोनों को पहचानने में देर नहीं लगी.... दोनों हमारे ही गांव के मशहूर गुंडे थे.... असलम और जुनैद.... उन दोनों पर ना जाने कितने सिक्युरिटी केस थे... आजकल दोनों एक मर्डर केस में फरार थे.... उनको पहचानते ही मेरी हालत बुरी तरह खराब हो गई... मैं बेहद भयभीत हो गया.... मेरी रूपाली दीदी की हालत और भी खराब थी... तेरी बहन का लोड़ा ....तू भी साथ में है... हमें तो लगा तेरी दीदी अकेली है... क्यों बे सुरेश गांडू तू इसे क्यों ले लिया है यहां पर... असलम सुरेश से पूछ रहा था पर मेरी तरफ देखते हुए मुस्कुरा रहा था.... मैं क्या करता ...बाबूजी तो साथ में ही थे... इनको कहीं रास्ते में तो छोड़ नहीं सकता था... सुरेश ने नजरे झुकाते हुए कहा....
मुझे समझ में आ गया कि सुरेश ने हम लोग यहां इस मुसीबत में फसाया है.... मुझे दीदी पर भी गुस्सा आने लगा कि क्यों उन्होंने इस हरामजादे की बात मानी... पर अब पछताने से क्या फायदा... हमें इस मुसीबत से बाहर निकलना था....
मेरे रूपाली दीदी डर के मारे थरथर कांप रही थी... उनके माथे पे पसीना चमक रहा था... उनके गुलाबी होंठ थरथर आ रहे थे कुछ बोलने के लिए, पर उनकी आवाज नहीं निकल रही थी...
वाह सुरेश तूने तो आज हमारी मुराद पूरी कर दी... इसकी माल बहना को चोदने का सपना तो हम लोग न जाने कितने दिनों से देख रहे थे... साला इसके नाम अपने लोड़े का पानी न जाने कितनी बार निकाला होगा मैंने.... असलम बोला कभी मेरी तरफ तो कभी मेरी दीदी की तरफ देखते हुए...... मेरे बदन में तो मानो काटो तो खून नहीं.. क्या मस्त माल लग रही है बहन की लोड़ी यार... रूपाली रांड... साली का बदन तो कितना गदरआ गया है असलम भाई.... जुनैद मेरी दीदी को गंदी निगाहों से देखता हुआ बोल रहा था...
उसने मेरी दीदी के बारे में रांड शब्द का इस्तेमाल किया था... दीदी की निगाहें शर्म के मारे झुक गई...
हाय रे मेरी शर्मिली छमिया .... जी तो चाहता है बस तुझे अभी यहीं पर पटक के ....... बोलते बोलते जुनैद के मुंह से लार टपकने लगी...
साला इसके आगे तो फिल्मों की हीरोइन भी कुछ नहीं... साली की चूंचियां देख यार..... असलम ने अपनी बात भी खत्म नहीं की थी उसके पहले ही जुनैद ने मेरी दीदी की गुलाबी साड़ी का आंचल उनके सीने से हटा दीया... मेरा तन बदन गुस्से से जलने लगा पर मैं कुछ भी करने की हालत में नहीं था... मैं गुस्से से जुनैद की तरफ उसे मारने के लिए आगे बढ़ा.... पर बीच में ही असलम ने मुझे दबोच लिया... उसके तगड़े बदन के आगे मैं बेबस हो गया... उसने मेरा कॉलर पकड़ कर दो तीन थप्पड़ मारे, फिर मेरे पेट में घुसा जड़ दिया.... मुझे दिन में तारे दिखाई देने लगे.... रूपाली दीदी रोने चिल्लाने लगी थी..... प्लीज आप लोग मेरे भाई को मत मारो..... आप लोगों को जो भी चाहिए मैं देने को तैयार हूं... हमारे पास कुछ ज्वैलरी है.... और ₹12000 कैश है.... आप यह सब कुछ ले लो... और प्लीज हमें जाने दो अब यहां से..... मेरे भाई को छोड़ दो प्लीज मैं आपके आगे हाथ जोड़ती रही हूं.... मेरी दीदी ने पूरी तरह लाचार होते हुए कहा... उनकी आंखों में आंसू भर आए थे मेरी पिटाई देख के.. मेरी भोली हसीन रंडी.. तुझे समझ नहीं आ रहा है कि हम तुझे यहां क्यों लाए.... जुनैद मेरी दीदी को देखता होगा कामुक निगाहों से अपनी जुबान पर अपनी जीभ को घुमा रहा था.... मैं थोड़ा बहुत संभल के खड़ा हो गया.... दीदी के सीने पर अभी भी उनका आंचल नहीं था.... गुलाबी रंग की चोली में, जो कि स्लीवलेस और बैकलेस भी थी... उनके दोनों पर्वत उनकी डरी हुई सांसो के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे.... दीदी की चोली वाकई में बहुत तंग थी... उनकी दोनों बड़ी बड़ी छातिया उनकी चोली को फाड़ के बाहर निकलने को बेताब हो रहे थे... दीदी का मंगलसूत्र उनके क्लीवेज पर टिका हुआ था... मेरी रूपाली दीदी दोनों बड़े बड़े पर्वतों को अपने कठोर हाथों में दबोच कर जुनैद उनको भोंपू की तरह दबाने लगा..
दीदी का विरोध नाम मात्र का था.. उनके मुंह से बस एक आह निकली.... दीदी की चुचियों को छोड़कर कमर से पकड़ा जुनैद ने उन्हें और अपने बदन से चिपका लिया... वैसे तो मेरी दीदी की लंबाई भी 5 फुट 7 इंच होगी और जुनैद के 6 फुट 2 इंच लंबे बदन के आगे दीदी बिल्कुल बच्ची लग रही थी..... मेरी रूपाली दीदी की सुर्ख गुलाबी होंठ जो लिपस्टिक के कारण बिल्कुल लाल लग रहे थे, उन पर जुनैद ने अपना अंगूठा रख दिया और फिरआने लगा... दीदी की आंखें बंद हो गई थी.....
बहन चोद ऊपर के होंठ इतने गर्म है तो नीचे के होठों और कितने गरम होंग मेरे रूपाली जान..... जुनैद ने बड़ी कामुकता के साथ कहा..मेरी तो समझ में नहीं आया कि वह नीचे के किन होठों की बात कर रहा था.... पर असलम और साथ ही साथ सुरेश भी मुस्कुराने लगा था जुनैद की बात सुनकर.... असलम मेरी रूपाली दीदी के पीछे आया.... दीदी के गांड के दोनों भागों को अपने हाथों में दबोच कर वह मसल रहा था... मेरी दीदी की गोरी नंगी पीठ और गर्दन को वह चूमने और चाटने लगा था.... असलम का लोड़ा जिसने उसके पजामे के अंदर तंबू बना रखा था, मेरी दीदी की गांड के दरार के बीच में फंसा हुआ था उनकी साड़ी के ऊपर से...
मेरी दीदी के मुंह से कुछ आवाज निकलती इसके पहले ही जुनैद ने उनके सुर्ख गुलाबी होठों को अपने खुर्दरे मर्दाना होठों के बीच दबोच लिया और चूसने लगा...
मेरी रूपाली दीदी उन दोनों के मर्दाना जिस्म के बीच सैंडविच बन गई थी...... जुनैद मेरी दीदी के दोनों चूचियों को अपने हाथों में जकड़ कर उनके होठों का रस पी रहा था और पीछे से असलम मेरी दीदी की गांड को दबोच के उनकी पीठ और गर्दन को चाट रहा था.... ऑटो वाला सुरेश दृश्य देखकर मंत्रमुग्ध हो गया था... यहां तक कि वह भी अपने पैंट के ऊपर से अपने लिंग को मसल रहा था.... मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि अब मैं क्या करूं... मेरी दीदी फस चुकी थी गुंडों के बीच और मैं बेचारा भाई..... वह दोनों मेरी दीदी के नाजुक अंगों के साथ खेल रहे थे और मेरी दीदी का विरोध भी हमारी मजबूरी में दफन हो चुका था.... भरी दुपहरी में बीच सड़क पर यह खेल चल रहा था... यहां बीच सड़क पर सब करना ठीक नहीं है साहब जी.. आप लोग इनको अपने अड्डे पर ले जाओ और जी भर के ऐश करो.... यहां सड़क पर हमें किसी ने देख लिया यह सब कुछ करते हुए तो बड़ी मुसीबत हो जाएगी आपके लिए भी, हमारे लिए भी.... सुरेश ने कहा वह भी थोड़ा बहुत डरा हुआ था...
सुरेश की बात सुनकर असलम ने मेरी दीदी को छोड़ दिया पर जुनैद अभी भी मेरी दीदी की छातियों को बुरी तरह मसल रहा था.... उसने मेरी दीदी के होठों को अपने होठों से आजाद किया और बोला.... तू सही कह रहा है सुरेश..... हम अपनी महबूबा को यहां नहीं चोदेंगे .... इसे तो हम अपने अड्डे पर ले जाकर पटक पटक के पलेंगे ठोकेंगे.... पर मैं अपनी इस रंडी के भाई का क्या करूं... यह बहन का लौड़ा सारा मजा खराब कर देगा... देख जुनैद हम तो इसकी रूपाली बहना को खूब ठोकेंगे, पर हम इस बहन के लोड़े को यहां से जाने नहीं दे सकते.... क्योंकि अगर यह मादरजात यहां से गया तो फिर हमारी सिक्युरिटी में कंप्लेंट कर देगा और इसके पीछे पीछे सिक्युरिटी यहां तक पहुंच जाएगी... इस भोसड़ी वाले को अपने साथ लेकर चलते हैं.. इसकी दीदी वहां पर हमारे लोड़े पर बैठेगी और यह मादरजात देखेगा.... असलम ने बड़े कठोर तरीके से मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखते हुए कहा..
बहुत सही आईडिया है असलम भाई... और कोई रास्ता भी नहीं है... इस गांडू को तो यहां छोड़ नहीं सकते... जुनैद ने कहा...
साहब जी मैं क्या करूं..... सुरेश ऑटो वाले ने पूछा..
तू एक काम कर तीन चार बोतल दारु का इंतजाम कर हमारे लिए..... बोलते हुए असलम ने सुरेश को कुछ पैसे दिए...