11-06-2020, 01:05 PM
जेठ जी ने ब्रा खोल दिया और रेणु की मुँह अपनी तरफ करके गोदी मैं बिता लिया इस तरह अब रेणु की मुममे जेठ जी मुँह के बिलकुल सामने थे , जेठ एक मुम्मा मुँह मैं भर लिया और दूसरे हाथ से दूसरा मुम्मा दबाने लगे , रेणु को ऐसा लगा जैसे किसने उसके बदन मैं कुछ कुछ गरम चीज़ लगा दिया हो , मुँह की गर्मी उसके मुममे को और फूला रहे थे , निप्पल बारे होते जा रहे थे , नशा मानो 2000 वोल्टेज का हो गया था .
जेठ जी की इस तरह चूसा से रेणु की बदन काँपने लगे थे ,
उसकी चुत अब गेली होने , लगी थी , वो धीरे से मुँह खोल के जेठ जी को कहने लगे के जेठ जी अब सहन नहीं जाता मेरे अंदर से पानी निकल दीजिए , नहीं तो मैं मर जाऊंगी ,
जेठ जी ने कहाँ रुको और मजा लो अभी से तुम ऐसे बोलॉगी तो मजा नहीं ले पाएगी , और मैं आज रात तुम्हें जन्नत की सैर करके रहूँगा .
जेठ जी की इस तरह चूसा से रेणु की बदन काँपने लगे थे ,
उसकी चुत अब गेली होने , लगी थी , वो धीरे से मुँह खोल के जेठ जी को कहने लगे के जेठ जी अब सहन नहीं जाता मेरे अंदर से पानी निकल दीजिए , नहीं तो मैं मर जाऊंगी ,
जेठ जी ने कहाँ रुको और मजा लो अभी से तुम ऐसे बोलॉगी तो मजा नहीं ले पाएगी , और मैं आज रात तुम्हें जन्नत की सैर करके रहूँगा .
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
