11-06-2020, 12:01 PM
रीना की आंखे कटोरो से बाहर आने लगी और वो अपना पैर फेंकने लगी. अगर रीना के मुंह पर अपने हाथ का ढक्कन फिट न किया होता तो रीना चीख पडी़ होती. रीना का कौमार्य भंग हो गया था. अजय कुछ देर तक स्थिर रहा जब तक रीना ने अपने हाथ पैर झटकने बंड नही किये. फिर उसने धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू किया. जब रीना पुरी तरह से स्थिर हो गई तो उसने रीना के मुंह पर अपने हाथ हटा लिया. धीरे धीरे धक्के होने लगे. जब धक्के लगा कर थक जाता था तो थोडी़ देर रुक कर रीना के होंठ चुमता था और स्तनो को मसलता था. आराम करके फिर धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू कर देता था. लगभग १५ मिनट बाद उसका शरीर एंठ गया और चेहरे के भाव से पता चल रहा था की वो अपना बीज अंदर ही छोड़ रहा था. फिर उसने अपना लॅंड बाहर खींचा. लॅंड वीर्य से और खून से सना हुआ था. थोडा़ अलग हट कर अजय नहाने लगा और रीना उकडू़ होकर बैठ गई.
तभी पिछे से दरवाजा खुलने कि आवाज आई तो मैं झट से बिस्तर पर बैठ गया. दरवाजे पर आर्यन था और वो अंदर आ गया. उसने रीना कि बारे में पुछा तो मैने कहा ही वो पास ही घुमने गई है. उसने बताया कि उसे वापस आश्रम जाना है और वो नहाने आया था. उसने अजय के बारे मे पुछा आउर बाथरूम की तरफ जाकर अजय को आवाज दी. फिर वो दोनो पंजाबी में बात करने लगे. दो मिनट मे आर्यन टावेल लपेट कर बाथरूम के सामने खडा़ था. मै उसे बाथरूम में घुसने से कैसे रोकुं यही सोच रहा था कि अजय गेट खोल कर बाहर आ गया. वो पुरी तरह तैयार था इसलिए सीधे बाहर चला गया और मेरे कुछ बोलने से पहले ही आर्यन अंदर घुस गया और दरवाजा बंद कर लिया.
मैं अपनी उत्सुक्ता दबा नही पाया और झिर्री से अंदर झांकने लगा. आर्यन ने जैसे ही पलट कर देखा तो रीना को बिना कपडो़ के उक्कडू़ बैठे पाया. उसने इशारे से उसे उठने को कहा और उसी दीवार से उसे टिका कर खडा़ कर दिया जिस दीवार से अजय ने रीना को टिका कर खडा़ किया था. हालाकि दोनो इतने धीरे बोल रहे थे कि बाहर आवाज़ न आये पर होंठो के हिलने से पता चल रहा था कि दोनो क्या बात कर रहे हैं!
आर्यन ने कहा, "अभी तो अजय बाहर निकला है, तुम क्या कर रही थी अजय से साथ अंदर?" रीना ने नजरे झुका कर कहा, "अजय ने मुझे जबरदस्ती अंदर खींच लिया था." आर्यन ने पुछा, "तुम्हारा पति कहा था उस टाईम?" रीना ने कहा, "वो बाहर गये थे खाना लेने, अजय नहाने आया था, नहाने के लिए अंदर घुसा और मुझसे टावेल मांगा, मै टावेल देने आई तो मुझे अंदर खींच लिया."
आर्यन ने कहा, "बहुत कमीना है, है मेरा रिश्तेदार पर बहुत कमीना." आर्यन ने फिर पुछा, "तुम्हारे पति को पता है कि तुम अंदर हो?"
रीना ने न मे सर हिलाया. आर्यन ने फिर पुछा, "क्या क्या किया अजय ने, सिर्फ ऊपर ऊपर मज़ा लिया या सब कुछ कर लिया?"
रीना की नजरे झुकी हुई थी, वो थोडी़ देर रुक कर बोली, "सब कुछ कर लिया."
आर्यन थोडी़ देर रुक कर बोला, "तुम चिल्लाई क्यो नही."
रीना ने कहा, "उसने मुझे धमकी दी थी, मैं डर गई थी."
आर्यन ने पुछा, "तुम्हे मालूम है कि तुम्हारा पति बाहर ही बैठा है."
रीना ने सहमति में सर हिलाया. आर्यन ने आगे कहा, "अब जो हो गया सो हो गया, तुम अपने पति को कुछ मत बताना, मै उसे बाहर ले जाऊंगा और कह दुंगा कि तुम मेरे साथ आश्रम गई थी."
रीना ने कहा, "आपका बहुत बहुत धन्यवाद, आपने मेरी परेशानी आसान कर दी, पता नही मैं आपका कर्ज़ कैसे चुकाऊंगी."
मेरे खुद के नजर मे आर्यन की इज्जत बढ़ गई थी पर अगले ही पल उतर भी गई. आर्यन ने अपने दोनो हाथो से रीना के दोनो स्तन थाम लिया और उन्हे सहलाने और मसलने लगा. उसने कहा, "एहसान का बदला तो अभी ही वसूल लुंगा, जो अजय करके निकला है मै भी वही कर लेता हूं."
रीना कुछ कहना चाहती थी उससे पहले ही आर्यन ने कहा, "एक बार तो अजय सब कर चुका है, मै भी कर लुंगा तो तुम्हारा कुछ नही जाएगा."
रीना ने उसे स्तनो से खेलने से रोका तो नही पर एक सवाल पुछा, "अभी तो आप अजय को गालियां दे रहे थे, आप भी तो वही कर रहे हैं."
आर्यन ने रीना के होंठो को चुमा और मुस्कुरा कर कहा, "अजय तुम्हे मुसीबत में डाल कर गया है और मै तुम्हे मुसीबत से निकाल रहा हूं, इतना तो अंतर है ही. पर अगर तुम्हे परेशानी है तो चलो बाहर चलते है और मैं तुम्हारी तुम्हारे पति से आमना सामना करवा देता हूं."
एक डर की लहर रीना के चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी, उसने थोडा़ रुक कर कहा, "नही! मुझे कोई परेशानी नही है, आप कुछ भी कर सकते है, मुझे सब शर्ते मजूंर है, पर अजय तो कोई नहीं लगता उनका पर आप तो उनके दोस्त हैं आपको भी तो दिक्कत होगी अगर उनको पता चल जाए."
आर्यन ने कहा, "मानता हूं अजय कमीना है, पर मैं भी कम नही हूं, अगर तेरे पति मुझसे उलझेगा तो मै भी वही करूंगा जो अजय कर सकता है. तुझे जी भर के नोचुंगा और फिर कोठे पर नुचवाने के लिए छोड़ दुंगा."
मैने चुप रहने में ही भलाई समझी, आर्यन जोर जोर से रीना के स्तनो को मसलने लगा. दर्द की लहर रीना के चेहरे पर दिख रही थी पर आवाज मुंह से नही निकल रहा था. संतुष्ट होने के बाद आर्यन रीना के निप्पल चुसने लगा, बारी बारी से एक एक निप्पल को आराम से चुसता रहा पर बीच बीच मे रीना के चेहरे के भाव बता रहे थे कि वो निप्पल को चबा भी रहा था. संतुष्ट होने के बाद उसने रीना के होंठो को चुमना शुरू किया और साथ ही रीना के योनि में भी उंगली डाल दी.
जब भी आर्यन उंगली अंदर डालता था तो रीना थोडा़ उछल जाती थी. काफी देर बाद वो अलग हुआ और अपना टावेल उतार दिया. आर्यन का लॅंड किसी भी तरीके से अजय से रत्ती भर भी कम नही था, बल्कि ज्यादा ही लंबा और मोटा था. आर्यन का लंबा और मोटा लॅंड देख कर रीना के चेहरे पर परेशानी साफ झलक रही थी. आर्यन ने रीना के टांगो को फैलाया और अपना लॅंड रीना के चूत के द्वार पर सटाया. रीना को समझ आ गया था कि क्या हो सकता है इसलिए उसने खुद अपने मुंह पर ढक्कन लगा लिया. उसने अपने हाथ से अपना मुंह बंद कर ली थी.
आर्यन ने रीना के दोनो कंधो को पकडा़ और जोर से धक्का लगाया. पुरा लॅंड अंदर समा गया, रीना के चेहरे पर दर्द की लहर दिख रही थी. वो चीखना भी चाहती थी पर मेरे बाहर होने के डर से उसने आवाज दबा ली. आर्यन ने धीरे धीरे धक्का लगाना शुरु किया. लगभग 3 मिनट के बाद रीना उन धक्को से अभ्यस्त हुई और उसने अपने मुंह से अपना हाथ हटा लिया. आर्यन के धक्के इतने तीव्र थे कि ऐसा लग रहा था कि वो अपने बदन के भार से रीना को अपने और दीवार के बीच पीस देगा. धीरे धीरे धक्को का वेग तेज होता गया और एक समय पर आर्यन ने अपना बीज अंदर छोड़ दिया. उसने थोडे़ देर तक रीना के निप्पल और होंठो को चुसा और अलग हो गया. फिर दोनो साथ मे नहाए.
मैं फौरन बिस्तर पर बैठ गया. आर्यन कपडे़ पहन कर बाहर आ गया. बाहर आते समय उसने बाथरूम का दरवाजा भीडा़ दिया.
आर्यन ने बडे़ भोलेपन से पुछा रीना के बारे में, मैने उसे बताया कि वो अभी तक नही आई है. उसने कहा कि अगर मुझे चिंता हो रही हो तो मैं रीना को धुंधने जा सकता हूं वो तब तक यही रूक जायेगा. मैं भी कोई फसाद नही करना चाहता था तो बाहर निकल गया. लगभग 30 मिनट के बाद वापस आया तो रीना आर्यन के साथ कमरे में बैठी थी. मैने उस से बस इतना ही कहा कि नये शहर में अकेले नही घुमने जाना चाहिए. आर्यन ने बीच मे पड़ कर कहा, "तुम व्यर्थ मे चिंता करते हो भाई, ये शहर आश्रम के लिए मशहूर है. इस शहर में कभी कुछ गलत नहीं हो सकता."
मैने और बहस करने कि अपेक्षा चुप रहना ही उचित समझा. आर्यन के जाने के बाद रीना ने चुप चाप खाना खाया और सो गई. मुझे पता था कि सुबह तक कोई ट्रेन नही थी तो सुबह तक रुकना मजबूरी थी, फिर भी अपने तरीके से होटल धुंधना शुरू किया पर नाकामयाब रहा. रात में ठीक आठ बजे आर्यन आ गया. उसने खाने के बारे में पुछा तो मैने बताया कि रीना के साथ बाहर खाने जाऊंगा. उसने अजय को फोन किया और कुछ देर पंजाबी में बात करने के बाद बताया कि अजय शायद रात में आश्रम में ही रुकेगा. उसने कहा कि अब तो जिंदगी भर मै रीना के साथ ही खाऊंगा एक दिन उसके साथ खा लूँ, वापसी में रीना के लिए ले आयेंगे. बहुत जिद करने के बाद मैने हा कह दिया और हम पास ही एक होटल में आ गये.
एक कैबिन में बैठने के बाद आर्यन ने कहना शुरू किया, "सैम! मै जानता हूं कि रीना के साथ जो मैने और अजय ने किया वो तुम जानते हो, और मुझे उसका अफसोस भी नही है. अगर तुम जाना चाहते हो तो जा सकते हो, पर ट्रेन तो सुबह ही है. अभी निकल कर स्टेशन पर इंतिजार ही करोगे. और हमारा भी डर बढा़ दोगे, जिसमे हम कुछ उलटा सीधा कर सकते है. सुबह पुरे सत्कार के साथ जाओगे तो हमें बहुत खुशी होगी." मुझे तो उसकी बातो से बहुत डर लग रहा था तो मैने कोई जवाब नही दिया. उसने फिर पुछा कि अभी जाओगे या सुबह.
तभी पिछे से दरवाजा खुलने कि आवाज आई तो मैं झट से बिस्तर पर बैठ गया. दरवाजे पर आर्यन था और वो अंदर आ गया. उसने रीना कि बारे में पुछा तो मैने कहा ही वो पास ही घुमने गई है. उसने बताया कि उसे वापस आश्रम जाना है और वो नहाने आया था. उसने अजय के बारे मे पुछा आउर बाथरूम की तरफ जाकर अजय को आवाज दी. फिर वो दोनो पंजाबी में बात करने लगे. दो मिनट मे आर्यन टावेल लपेट कर बाथरूम के सामने खडा़ था. मै उसे बाथरूम में घुसने से कैसे रोकुं यही सोच रहा था कि अजय गेट खोल कर बाहर आ गया. वो पुरी तरह तैयार था इसलिए सीधे बाहर चला गया और मेरे कुछ बोलने से पहले ही आर्यन अंदर घुस गया और दरवाजा बंद कर लिया.
मैं अपनी उत्सुक्ता दबा नही पाया और झिर्री से अंदर झांकने लगा. आर्यन ने जैसे ही पलट कर देखा तो रीना को बिना कपडो़ के उक्कडू़ बैठे पाया. उसने इशारे से उसे उठने को कहा और उसी दीवार से उसे टिका कर खडा़ कर दिया जिस दीवार से अजय ने रीना को टिका कर खडा़ किया था. हालाकि दोनो इतने धीरे बोल रहे थे कि बाहर आवाज़ न आये पर होंठो के हिलने से पता चल रहा था कि दोनो क्या बात कर रहे हैं!
आर्यन ने कहा, "अभी तो अजय बाहर निकला है, तुम क्या कर रही थी अजय से साथ अंदर?" रीना ने नजरे झुका कर कहा, "अजय ने मुझे जबरदस्ती अंदर खींच लिया था." आर्यन ने पुछा, "तुम्हारा पति कहा था उस टाईम?" रीना ने कहा, "वो बाहर गये थे खाना लेने, अजय नहाने आया था, नहाने के लिए अंदर घुसा और मुझसे टावेल मांगा, मै टावेल देने आई तो मुझे अंदर खींच लिया."
आर्यन ने कहा, "बहुत कमीना है, है मेरा रिश्तेदार पर बहुत कमीना." आर्यन ने फिर पुछा, "तुम्हारे पति को पता है कि तुम अंदर हो?"
रीना ने न मे सर हिलाया. आर्यन ने फिर पुछा, "क्या क्या किया अजय ने, सिर्फ ऊपर ऊपर मज़ा लिया या सब कुछ कर लिया?"
रीना की नजरे झुकी हुई थी, वो थोडी़ देर रुक कर बोली, "सब कुछ कर लिया."
आर्यन थोडी़ देर रुक कर बोला, "तुम चिल्लाई क्यो नही."
रीना ने कहा, "उसने मुझे धमकी दी थी, मैं डर गई थी."
आर्यन ने पुछा, "तुम्हे मालूम है कि तुम्हारा पति बाहर ही बैठा है."
रीना ने सहमति में सर हिलाया. आर्यन ने आगे कहा, "अब जो हो गया सो हो गया, तुम अपने पति को कुछ मत बताना, मै उसे बाहर ले जाऊंगा और कह दुंगा कि तुम मेरे साथ आश्रम गई थी."
रीना ने कहा, "आपका बहुत बहुत धन्यवाद, आपने मेरी परेशानी आसान कर दी, पता नही मैं आपका कर्ज़ कैसे चुकाऊंगी."
मेरे खुद के नजर मे आर्यन की इज्जत बढ़ गई थी पर अगले ही पल उतर भी गई. आर्यन ने अपने दोनो हाथो से रीना के दोनो स्तन थाम लिया और उन्हे सहलाने और मसलने लगा. उसने कहा, "एहसान का बदला तो अभी ही वसूल लुंगा, जो अजय करके निकला है मै भी वही कर लेता हूं."
रीना कुछ कहना चाहती थी उससे पहले ही आर्यन ने कहा, "एक बार तो अजय सब कर चुका है, मै भी कर लुंगा तो तुम्हारा कुछ नही जाएगा."
रीना ने उसे स्तनो से खेलने से रोका तो नही पर एक सवाल पुछा, "अभी तो आप अजय को गालियां दे रहे थे, आप भी तो वही कर रहे हैं."
आर्यन ने रीना के होंठो को चुमा और मुस्कुरा कर कहा, "अजय तुम्हे मुसीबत में डाल कर गया है और मै तुम्हे मुसीबत से निकाल रहा हूं, इतना तो अंतर है ही. पर अगर तुम्हे परेशानी है तो चलो बाहर चलते है और मैं तुम्हारी तुम्हारे पति से आमना सामना करवा देता हूं."
एक डर की लहर रीना के चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी, उसने थोडा़ रुक कर कहा, "नही! मुझे कोई परेशानी नही है, आप कुछ भी कर सकते है, मुझे सब शर्ते मजूंर है, पर अजय तो कोई नहीं लगता उनका पर आप तो उनके दोस्त हैं आपको भी तो दिक्कत होगी अगर उनको पता चल जाए."
आर्यन ने कहा, "मानता हूं अजय कमीना है, पर मैं भी कम नही हूं, अगर तेरे पति मुझसे उलझेगा तो मै भी वही करूंगा जो अजय कर सकता है. तुझे जी भर के नोचुंगा और फिर कोठे पर नुचवाने के लिए छोड़ दुंगा."
मैने चुप रहने में ही भलाई समझी, आर्यन जोर जोर से रीना के स्तनो को मसलने लगा. दर्द की लहर रीना के चेहरे पर दिख रही थी पर आवाज मुंह से नही निकल रहा था. संतुष्ट होने के बाद आर्यन रीना के निप्पल चुसने लगा, बारी बारी से एक एक निप्पल को आराम से चुसता रहा पर बीच बीच मे रीना के चेहरे के भाव बता रहे थे कि वो निप्पल को चबा भी रहा था. संतुष्ट होने के बाद उसने रीना के होंठो को चुमना शुरू किया और साथ ही रीना के योनि में भी उंगली डाल दी.
जब भी आर्यन उंगली अंदर डालता था तो रीना थोडा़ उछल जाती थी. काफी देर बाद वो अलग हुआ और अपना टावेल उतार दिया. आर्यन का लॅंड किसी भी तरीके से अजय से रत्ती भर भी कम नही था, बल्कि ज्यादा ही लंबा और मोटा था. आर्यन का लंबा और मोटा लॅंड देख कर रीना के चेहरे पर परेशानी साफ झलक रही थी. आर्यन ने रीना के टांगो को फैलाया और अपना लॅंड रीना के चूत के द्वार पर सटाया. रीना को समझ आ गया था कि क्या हो सकता है इसलिए उसने खुद अपने मुंह पर ढक्कन लगा लिया. उसने अपने हाथ से अपना मुंह बंद कर ली थी.
आर्यन ने रीना के दोनो कंधो को पकडा़ और जोर से धक्का लगाया. पुरा लॅंड अंदर समा गया, रीना के चेहरे पर दर्द की लहर दिख रही थी. वो चीखना भी चाहती थी पर मेरे बाहर होने के डर से उसने आवाज दबा ली. आर्यन ने धीरे धीरे धक्का लगाना शुरु किया. लगभग 3 मिनट के बाद रीना उन धक्को से अभ्यस्त हुई और उसने अपने मुंह से अपना हाथ हटा लिया. आर्यन के धक्के इतने तीव्र थे कि ऐसा लग रहा था कि वो अपने बदन के भार से रीना को अपने और दीवार के बीच पीस देगा. धीरे धीरे धक्को का वेग तेज होता गया और एक समय पर आर्यन ने अपना बीज अंदर छोड़ दिया. उसने थोडे़ देर तक रीना के निप्पल और होंठो को चुसा और अलग हो गया. फिर दोनो साथ मे नहाए.
मैं फौरन बिस्तर पर बैठ गया. आर्यन कपडे़ पहन कर बाहर आ गया. बाहर आते समय उसने बाथरूम का दरवाजा भीडा़ दिया.
आर्यन ने बडे़ भोलेपन से पुछा रीना के बारे में, मैने उसे बताया कि वो अभी तक नही आई है. उसने कहा कि अगर मुझे चिंता हो रही हो तो मैं रीना को धुंधने जा सकता हूं वो तब तक यही रूक जायेगा. मैं भी कोई फसाद नही करना चाहता था तो बाहर निकल गया. लगभग 30 मिनट के बाद वापस आया तो रीना आर्यन के साथ कमरे में बैठी थी. मैने उस से बस इतना ही कहा कि नये शहर में अकेले नही घुमने जाना चाहिए. आर्यन ने बीच मे पड़ कर कहा, "तुम व्यर्थ मे चिंता करते हो भाई, ये शहर आश्रम के लिए मशहूर है. इस शहर में कभी कुछ गलत नहीं हो सकता."
मैने और बहस करने कि अपेक्षा चुप रहना ही उचित समझा. आर्यन के जाने के बाद रीना ने चुप चाप खाना खाया और सो गई. मुझे पता था कि सुबह तक कोई ट्रेन नही थी तो सुबह तक रुकना मजबूरी थी, फिर भी अपने तरीके से होटल धुंधना शुरू किया पर नाकामयाब रहा. रात में ठीक आठ बजे आर्यन आ गया. उसने खाने के बारे में पुछा तो मैने बताया कि रीना के साथ बाहर खाने जाऊंगा. उसने अजय को फोन किया और कुछ देर पंजाबी में बात करने के बाद बताया कि अजय शायद रात में आश्रम में ही रुकेगा. उसने कहा कि अब तो जिंदगी भर मै रीना के साथ ही खाऊंगा एक दिन उसके साथ खा लूँ, वापसी में रीना के लिए ले आयेंगे. बहुत जिद करने के बाद मैने हा कह दिया और हम पास ही एक होटल में आ गये.
एक कैबिन में बैठने के बाद आर्यन ने कहना शुरू किया, "सैम! मै जानता हूं कि रीना के साथ जो मैने और अजय ने किया वो तुम जानते हो, और मुझे उसका अफसोस भी नही है. अगर तुम जाना चाहते हो तो जा सकते हो, पर ट्रेन तो सुबह ही है. अभी निकल कर स्टेशन पर इंतिजार ही करोगे. और हमारा भी डर बढा़ दोगे, जिसमे हम कुछ उलटा सीधा कर सकते है. सुबह पुरे सत्कार के साथ जाओगे तो हमें बहुत खुशी होगी." मुझे तो उसकी बातो से बहुत डर लग रहा था तो मैने कोई जवाब नही दिया. उसने फिर पुछा कि अभी जाओगे या सुबह.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.