09-06-2020, 07:12 AM
(06-06-2020, 04:21 PM)Niharikasaree Wrote:प्रिय सहेलिओं ,निहारिका का प्यार भरा नमस्कार ,
मेरी प्यारी सहेलिओं कहाँ गायब हो गयी हो ..... पूनम जी, कुसुम जी, विद्या जी ..... कोमल जी ....
सब सुना सा लगता है .... बिना आप लोगो के ..... आज तीन बार आ गयी यहाँ पर ओन लाइन पर जैसा पहेले कहा जाता था "ख़त को तार समझो " ठीक वैसे ही एस विनती को तार समझो और दर्शन देने कि कृपा करो ....
[b]जी, मान लिया ... व्यस्त हो ..... पर दिल है कि मानता नहीं ...... [/b]
निहारिकाजी मै अभी डटा हु आप मत कहीं जाइयेगा, मुझे आपके सुहागरात की भी कहानी सुननी है ,जोरु ने कैसे गुलाम बनाया