09-06-2020, 06:25 AM
भाभी ने सोचा पहले दूर वाला ही हो लेते है फिर लौटती में घर चल चलेंगे।हम सभी वैसे ही चढ़ गए,8 सवारियों के बीच में,3 आगे थे ड्राइवर को लेके,और गांव की रोड पे 20 किलोमीटर घंटे से ज्यादा ऑटो की स्पीड कहा होती है,हमें 45-50 मिनट लगने वाले थे,इस बार तो चढ़ते ही उनके हाथ हमारे जिस्म से खेलने लगे,हम चारों झुक के खड़े थे,हमारी चूचियां सामने ब्लाउज से लटकी हुई थी मानो कब बाहर आ जाएंगी और सामने वाले भी पीछे की जगह आगे खिसक के बैठे थे उनके मुंह हमारी छातियों के बीच दबे हुए थे,पीछे से हम सबको साड़ी गांड से नीचे खिसक चुकी थी,गांड के छेद में बाहर की ठंडी हवा महसूस हो रही थी,तभी किसी ने मेरी गांड की छेद पे जीभ सटा दी और ऊपर नीचे करने लगा,मैंने भी अपने ब्लाउज पूरे खोल दिए,रश्मि भाभी का भी वही हाल था,उनके दोनों बूब्स दो लोग चूस रहे थे।राधिका अपने सामने वाले का लंड चूस रही थी जो रश्मि की दूध पी रहा था।और पीछे वाला राधिका की चूत में उंगली कर रहा था।आरोही भाभी को फिर से सीट मिल गई थी,और इस बार वो गोद में बैठी थी,सर पीछे घुमा के किस कर रही थी,वो भाभी की चूचियों को मसल रहा था । सामने से उनकी साड़ी जांघों से ऊपर थी,और सामने बैठा लड़का उनकी चूत चाट रहा था,और साथ में उंगली भी रहा था। आगे वालो ने कहा क्यों ना हम साइड में रोक के पहले भाभियों को कुछ खिला पीला दे। भाभी बोली अभी अंदर नहीं लूंगी,मंदिर से आने के बाद ही तुम लोगो को मौका मिलेगा जबरदस्ती करोगे तो बाद मेहंगा पड़ेगा।सभी मान गए,आखिर थोड़ा देर से ही सही जब सब कुछ प्यार से मिले तो जबरदस्ती कौन करेगा।
हां एक बार फिर से भाभी ने अपने सामने के दोनों लोगों का पानी मुंह से ही निकाल दिया,और उन्होंने भी भाभी की चूत का 2 बार पानी निकाल दिया। मेरी साड़ी भी गांड के नीचे पहुंच चुकी थी,मैंने कहा इतने मज़े ले रहे हो बैठने तक को नहीं दे रहे हो।मैंने अपने सामने वाला का पानी निकाल के गटक लिया था,फिर उसकी गोद में बैठ के उसका लन्ड चूसने लगी जो मेरी गान्ड चाट रहा था और गांड और चूत में उंगली कर रहा था,मैंने उसे भी ठंडा कर दिया।रश्मि भाभी का बुरा हाल था,उनकी चूचियों को चूसना किसी ने बंद ही नहीं किया की वो उनके लंड चूस के उन्हें ठंडा करे और ना ही पीछे से उंगली बंद हो रही थी,वो 3 बार झड़ चुकी थी,और ऑटो के मंदिर पहुंचते ही फिर से एक बार झड़ गई। और इस बार उन्होंने ऑटो में ही सूसू कर दी। राधिका भी 2 बार झड़ चुकी थी,लेकिन प्रॉब्लम ये थी कि सूसू वाले कपड़े पहन के मंदिर में नहीं जा सकती थी। 10 बज चुके थे,और इसलिए मंदिर खाली था,वो वहीं हैंडपंप से पानी ले के नहाने लगी,फिर मैंने अपनी साड़ी उन्हें दी,पहन कर जाने को अब सारे लोग एक साथ तो जा नहीं सकते थे,अब इलास्टिक वाली रेडी टू वियर साड़ी थी आराम से पहन के वो आरोही भाभी के साथ चली गई,मैंने राधिका को भी जाने को बोला।अब मैं ऑटो में अकेली थी,11 लोगो के बीच सिर्फ ब्लाउज में जो सामने से खुली हुई थी और पीछे से तो बैकलेस ही थी। सब मेरे पे एक साथ टूट पड़े,एक साथ इतने सारे हाथ मेरी बॉडी में हर जगह एक साथ करंट पैदा कर रहे थे,ऊपर से दो लोग मेरे निपल्स पी रहे थे,कितने होंठ मेरे पीठ से होते हुए मेरे गांड पे घूम रहे थे और कुछ तो मेरी गांड को दात से भी काट रहे थे,उंगलियों और मेरी चूत और गांड दोनों में भरी हुई मुझे चोद रही थी और मैं बारी बारी से सबका लंड चूस रही थी।
हां एक बार फिर से भाभी ने अपने सामने के दोनों लोगों का पानी मुंह से ही निकाल दिया,और उन्होंने भी भाभी की चूत का 2 बार पानी निकाल दिया। मेरी साड़ी भी गांड के नीचे पहुंच चुकी थी,मैंने कहा इतने मज़े ले रहे हो बैठने तक को नहीं दे रहे हो।मैंने अपने सामने वाला का पानी निकाल के गटक लिया था,फिर उसकी गोद में बैठ के उसका लन्ड चूसने लगी जो मेरी गान्ड चाट रहा था और गांड और चूत में उंगली कर रहा था,मैंने उसे भी ठंडा कर दिया।रश्मि भाभी का बुरा हाल था,उनकी चूचियों को चूसना किसी ने बंद ही नहीं किया की वो उनके लंड चूस के उन्हें ठंडा करे और ना ही पीछे से उंगली बंद हो रही थी,वो 3 बार झड़ चुकी थी,और ऑटो के मंदिर पहुंचते ही फिर से एक बार झड़ गई। और इस बार उन्होंने ऑटो में ही सूसू कर दी। राधिका भी 2 बार झड़ चुकी थी,लेकिन प्रॉब्लम ये थी कि सूसू वाले कपड़े पहन के मंदिर में नहीं जा सकती थी। 10 बज चुके थे,और इसलिए मंदिर खाली था,वो वहीं हैंडपंप से पानी ले के नहाने लगी,फिर मैंने अपनी साड़ी उन्हें दी,पहन कर जाने को अब सारे लोग एक साथ तो जा नहीं सकते थे,अब इलास्टिक वाली रेडी टू वियर साड़ी थी आराम से पहन के वो आरोही भाभी के साथ चली गई,मैंने राधिका को भी जाने को बोला।अब मैं ऑटो में अकेली थी,11 लोगो के बीच सिर्फ ब्लाउज में जो सामने से खुली हुई थी और पीछे से तो बैकलेस ही थी। सब मेरे पे एक साथ टूट पड़े,एक साथ इतने सारे हाथ मेरी बॉडी में हर जगह एक साथ करंट पैदा कर रहे थे,ऊपर से दो लोग मेरे निपल्स पी रहे थे,कितने होंठ मेरे पीठ से होते हुए मेरे गांड पे घूम रहे थे और कुछ तो मेरी गांड को दात से भी काट रहे थे,उंगलियों और मेरी चूत और गांड दोनों में भरी हुई मुझे चोद रही थी और मैं बारी बारी से सबका लंड चूस रही थी।