09-06-2020, 06:21 AM
आखिर कोई कितना इंतज़ार करता,एक लड़का तैरते तैरते हमारे पास आया और बोला आरोही दीदी नमस्ते। आरोही भाभी ने उसे देखा और बोली अरे तिपिया कैसा है।ये मुखिया जी का बेटा था,आरोही भाभी का चचेरा भाई। लोग प्यार से उसे तिपिया बुलाते थे।
भाभी ने पूछा अकेला है या बीवी भी साथ आयी है। वो बोला बीवी भी है और भाभी भी।दोनों कपड़े धो रही है नहा के जाओ जा के मिल लो, मैं जरा भाभी से मुलाकात कर ली।
शादी तो चुपचाप कर ली आरव भैया ने और पता नहीं कौन सा गांव है जहां दूल्हे के फ्रेंड्स के अलावा सिर्फ एक फैमिली मेम्बर शादी में जाता है और वो तुम गई थी,हम लोग तो मंदिर तक ही भैया के साथ गए थे।
आरोही भाभी मुस्कुरा दी बोली,अपना अपना गांव का कल्चर है और उसकी बीवी की तरफ चली गई। इधर तिपिया ने हमसे कहा तैरना नहीं आता क्या एक जगह खड़े खड़े नहा रही हो।रश्मि भाभी ने ना कहा,राधिका ने कहा तुम ही सीखा दो अपनी भाभी को।मैंने रश्मि भाभी को उसकी तरफ धकेल दिया और कहा जाओ देवर से कुछ सीख के आओ। वो गिरने लगी तो तिपिया ने उन्हें नीचे से हाथ लगा के पानी के लेवल पे उठाया,उसका एक हाथ भाभी के बूब्स के नीचे था और दूसरा उनकी चूत के ऊपर,उसकी सांसे अटक गई थी,क्यूंकि पेटीकोट कमर तक खिसका हुआ था और उसकी हथेली ठीक चूत के ऊपर थी,मैंने कहा चलो भाभी अब तैरना शुरू करू,हाथ पैर चलाओ।भाभी ने पैर चलाए तो उनकी चूत ने रास्ता बनाया और तिपिया की उंगली उनकी चूत में समा गई,भाभी ने तिपिया की ओर देखा वो भी भाभी को देख रहा था,भाभी मुस्कुरा रही थी,उन्होंने कहा मुझे उल्टा होके तैरना सीखना है,आसमान देखते हुए । तिपिया ने भाभी के दोनों पैर अपने कमर के दोनों साइड कर लिए मुझे कहा कि पीठ के नीचे से हाथ लगाओ साइड में आके,मैंने वैसे ही किया और भाभी को बोला,पहले अपने हाथ उल्टे से चलना सीखो बैलेंस बना के,और उनके जांघ पकड़ के उन्हें उठा लिया।भाभी की चूत में उसने अपना लन्ड घुसा दिया और भाभी को हाथ चला के तैरने को बोला।
अब रश्मि भाभी अपनी दोनों पैर तिपिया के कमर पे लपेटी हुई थी उसका लन्ड अपनी चूत में लिए, उनकी पीठ को मैंने सहारा दिया हुआ था,और आसमान की ओर चेहरा कर के,अपने हाथ ऐसे चला रही थी मानो पानी में तैर रही हो।हमारी भी चूत से पानी निकल के नदी के पानी में मिल रहा था,फिर तिपिया ने भाभी को कमर पे अच्छे से सहारा दिया और बोला कि पैर भी पानी में ऊपर नीचे करो,रश्मि भाभी को भी बहुत मज़ा आ रहा था। पानी में खड़े होके तो चुदाई कितनो ने की होगी,लेकिन वो पानी पे लेट के चुद रही थी। 30 मिनट तैरना सीखने के बाद वो थक गई,30 मिनट तक नदी का पानी चूत में और चूत का पानी नदी में आता जाता रहा।और सारे लोग इस मिश्रित पानी का लाभ उठा रहे थे।भाभी बोली तिपिया अब कल तैरना सीखना आज पूरे गांव के मंदिर घूमने जाना है,पीछे से आरोही भाभी ने कहा। तिपिया ने रश्मि भाभी को नीचे उतरा,राधिका ने उसका लन्ड पकड़ लिया और बोली शाम को घर आना,हम कहीं घूमने चलेंगे,और अकेले मत आना। वो समझ गया और चला गया।
फिर हम लोग बाहर निकले और कपड़े बदले। गांव के चार दिशाओं में 4 मंदिर है और एक यहां नदी के किनारे चलो अब।दोनों भाभियों ने साड़ी पहनी थी और राधिका ने लेगिंग्स जो कि चूत के पास पता नहीं कैसे फटी हुई थी और कुर्ती जिसमें से उसकी चूचियां दिख रही थी,थोड़ा गौर से देखने पर। मैंने भी आज साड़ी पहनी,बैकलेस ब्लाउज,मैंने रश्मि भाभी से कहा भाभी साड़ी इतना ऊपर क्यूं पहनती हो हमारे जैसे पहनो और उनकी साड़ी भी आधी गांड पे कर दी।वो बोली रिसेप्शन के दिन की याद मत दिलाओ अभी मंदिर जाना है। राधिका बोली शाम को हमने प्रोग्राम बना लिया है आप दिन भर उस दिन को याद करो रात को जी लेना।आरोही भाभी ने कहा ये मेरा गांव है यहां मुझे सभी जानते है,यहां मैं सबसे चुदवाती नहीं फिरूंगी और ना ही ये तुम दोनों ही चुदवाना।
राधिका ने कहा भाभी आज अंधेरे में चुदाई होगी कोई नहीं जानेगा कौन किसी चोद रहा है,और एक बार में सिर्फ दो लड़कियां ही चुदेंगी आप हम दोनों का नाम दे देना,और खुद भी मज़े कर लेना।भाभी ने राधिका के गालों पे चिकोटी काट ली और बोली बहुत बदमाश होती जा रही है।
भाभी ने पूछा अकेला है या बीवी भी साथ आयी है। वो बोला बीवी भी है और भाभी भी।दोनों कपड़े धो रही है नहा के जाओ जा के मिल लो, मैं जरा भाभी से मुलाकात कर ली।
शादी तो चुपचाप कर ली आरव भैया ने और पता नहीं कौन सा गांव है जहां दूल्हे के फ्रेंड्स के अलावा सिर्फ एक फैमिली मेम्बर शादी में जाता है और वो तुम गई थी,हम लोग तो मंदिर तक ही भैया के साथ गए थे।
आरोही भाभी मुस्कुरा दी बोली,अपना अपना गांव का कल्चर है और उसकी बीवी की तरफ चली गई। इधर तिपिया ने हमसे कहा तैरना नहीं आता क्या एक जगह खड़े खड़े नहा रही हो।रश्मि भाभी ने ना कहा,राधिका ने कहा तुम ही सीखा दो अपनी भाभी को।मैंने रश्मि भाभी को उसकी तरफ धकेल दिया और कहा जाओ देवर से कुछ सीख के आओ। वो गिरने लगी तो तिपिया ने उन्हें नीचे से हाथ लगा के पानी के लेवल पे उठाया,उसका एक हाथ भाभी के बूब्स के नीचे था और दूसरा उनकी चूत के ऊपर,उसकी सांसे अटक गई थी,क्यूंकि पेटीकोट कमर तक खिसका हुआ था और उसकी हथेली ठीक चूत के ऊपर थी,मैंने कहा चलो भाभी अब तैरना शुरू करू,हाथ पैर चलाओ।भाभी ने पैर चलाए तो उनकी चूत ने रास्ता बनाया और तिपिया की उंगली उनकी चूत में समा गई,भाभी ने तिपिया की ओर देखा वो भी भाभी को देख रहा था,भाभी मुस्कुरा रही थी,उन्होंने कहा मुझे उल्टा होके तैरना सीखना है,आसमान देखते हुए । तिपिया ने भाभी के दोनों पैर अपने कमर के दोनों साइड कर लिए मुझे कहा कि पीठ के नीचे से हाथ लगाओ साइड में आके,मैंने वैसे ही किया और भाभी को बोला,पहले अपने हाथ उल्टे से चलना सीखो बैलेंस बना के,और उनके जांघ पकड़ के उन्हें उठा लिया।भाभी की चूत में उसने अपना लन्ड घुसा दिया और भाभी को हाथ चला के तैरने को बोला।
अब रश्मि भाभी अपनी दोनों पैर तिपिया के कमर पे लपेटी हुई थी उसका लन्ड अपनी चूत में लिए, उनकी पीठ को मैंने सहारा दिया हुआ था,और आसमान की ओर चेहरा कर के,अपने हाथ ऐसे चला रही थी मानो पानी में तैर रही हो।हमारी भी चूत से पानी निकल के नदी के पानी में मिल रहा था,फिर तिपिया ने भाभी को कमर पे अच्छे से सहारा दिया और बोला कि पैर भी पानी में ऊपर नीचे करो,रश्मि भाभी को भी बहुत मज़ा आ रहा था। पानी में खड़े होके तो चुदाई कितनो ने की होगी,लेकिन वो पानी पे लेट के चुद रही थी। 30 मिनट तैरना सीखने के बाद वो थक गई,30 मिनट तक नदी का पानी चूत में और चूत का पानी नदी में आता जाता रहा।और सारे लोग इस मिश्रित पानी का लाभ उठा रहे थे।भाभी बोली तिपिया अब कल तैरना सीखना आज पूरे गांव के मंदिर घूमने जाना है,पीछे से आरोही भाभी ने कहा। तिपिया ने रश्मि भाभी को नीचे उतरा,राधिका ने उसका लन्ड पकड़ लिया और बोली शाम को घर आना,हम कहीं घूमने चलेंगे,और अकेले मत आना। वो समझ गया और चला गया।
फिर हम लोग बाहर निकले और कपड़े बदले। गांव के चार दिशाओं में 4 मंदिर है और एक यहां नदी के किनारे चलो अब।दोनों भाभियों ने साड़ी पहनी थी और राधिका ने लेगिंग्स जो कि चूत के पास पता नहीं कैसे फटी हुई थी और कुर्ती जिसमें से उसकी चूचियां दिख रही थी,थोड़ा गौर से देखने पर। मैंने भी आज साड़ी पहनी,बैकलेस ब्लाउज,मैंने रश्मि भाभी से कहा भाभी साड़ी इतना ऊपर क्यूं पहनती हो हमारे जैसे पहनो और उनकी साड़ी भी आधी गांड पे कर दी।वो बोली रिसेप्शन के दिन की याद मत दिलाओ अभी मंदिर जाना है। राधिका बोली शाम को हमने प्रोग्राम बना लिया है आप दिन भर उस दिन को याद करो रात को जी लेना।आरोही भाभी ने कहा ये मेरा गांव है यहां मुझे सभी जानते है,यहां मैं सबसे चुदवाती नहीं फिरूंगी और ना ही ये तुम दोनों ही चुदवाना।
राधिका ने कहा भाभी आज अंधेरे में चुदाई होगी कोई नहीं जानेगा कौन किसी चोद रहा है,और एक बार में सिर्फ दो लड़कियां ही चुदेंगी आप हम दोनों का नाम दे देना,और खुद भी मज़े कर लेना।भाभी ने राधिका के गालों पे चिकोटी काट ली और बोली बहुत बदमाश होती जा रही है।