09-06-2020, 06:20 AM
दूसरे दिन सुबह आरोही भाभी हम तीनों को गांव का मंदिर दिखाने के गई। बोली कि 4 दिन हो चुके है और गांव की परम्परा है कि नई दुल्हन एक सप्ताह के भीतर गांव के सारे मंदिर घूमती है और भगवान से आशीर्वाद लेती है 2-4 दिनों में मैं चली जाऊंगी और मां से चला जाता है नहीं इसलिए मेरे साथ ही घूम लो। भाभी ने कहा आज गांव की नदी में नहाना होता है और उसके बाद मदिरों में जाना होता है,अपने अपने कपड़े ले लो और चलो। हम सब ने अपने कपड़े ले लिए और कार से नदी किनारे पहुंचे वहां रास्ते के किनारे कार पार्क करके नदी पर पहुंचे, वहां गांव के लड़के,मर्द और औरतें सभी नहा रहे थे। हमने भी उनकी तरह ही नहाना था। रश्मि भाभी ने अपने साड़ी ब्लाउज़ खोल दिए और पेटीकोट को सीने से लगा के बांध लिया जो उनके सीने से जांघों तक आया। आरोही भाभी ने तो पेटीकोट पहना नहीं था इसलिए उन्होंने सिर्फ अपनी ब्लाउज खोली और साड़ी का पल्लू अपने सीने पे ले लिया।मैंने और राधिका ने कुर्ती और पलाजो पहना था तो हमे कुछ उतारना नहीं था,मैंने पैंटी पहनी थी पीरियड्स की वजह से जबकि राधिका ने अंदर कुछ भी नहीं पहना था। उधर लड़के और मर्द भी चड्डी में नहा रहे थे जिससे उनके लंड का साइज पता चल जा रहा था।और कुछ एक लोग ऐसे भी थे जो धोती पहन के नहा रहा रहे थे,ज्यादातर चड्डी में थे लेकिन तीन लोगों ने धोती के अंदर चड्डी नहीं पहनी थी और उनका लंड गीली धोती के अंदर साफ दिख रहा था,सिर्फ हम ही ऐसे नहीं थे जो सब देख रहे थे,यहां सभी आंख सेक रहे थे और कुछ आंखों में तो इशारे भी चल रहे थे।सारे लंड तो यहां टाईट हुए पड़े थे और औरतों की चूचियां भी जो कि तनी तनी झलक रही थी।
हम चारों नदी में उतरे रश्मि भाभी का तो पेटिकोट तो पानी में एक छाते की तरह ऊपर उठ गया था पानी के लेवल पर तैर रहा था,पानी के नीचे उनकी पूरी बॉडी नंगी दिख रही थी,क्यूंकि पानी उतना गंदा भी नहीं था,जब उन्होंने डुबकी लगाई तो पेटीकोट ऊपर तैर गया और जब वो ऊपर उठी तो उनका पेटीकोट कमर से ऊपर उनकी पीठ पे चिपक गया था,उनकी गांड़ सबके सामने दिखने लगी,उन्होंने अपना पेटीकोट नीचे भी नहीं किया और वैसे ही खड़े रही और डुबकी लगती रही,उन्हें बहुत मज़ा आ रहा था,फिर उनका पेटी कोट छाती से खिसक गया और उनके दोनों बूब्स आजाद हो गए,तब उन्होंने आराम से अपना पेटीकोट संभाला और ठीक किया,सभी हमें ही देख रहे थे। कारण की आरोही भाभी को छोड़ के लोग हमें कम ही जानते थे। आरोही भाभी ने डुबकी लगाई तो उनकी साड़ी उनके सीने से चिपक गई और उनके बड़े बड़े दो स्तन तने हुए निपल्स के साथ सबके सामने आ गए। और फिर जब भी वो डुबकी लगती उनकी साड़ी नदी की लहरों के साथ तैर जाती और ऊपर उठ के वो फिर से आराम से अपनी साड़ी से अपनी चूचियों को ढक लेती। मेरे और राधिका के बदन तो पूरी तरह नुमाइश में थे,पतली सी कुर्ती और प्लाजो भीगने के बाद कुछ भी छुपाने के काबिल नहीं थे।
हम चारों नदी में उतरे रश्मि भाभी का तो पेटिकोट तो पानी में एक छाते की तरह ऊपर उठ गया था पानी के लेवल पर तैर रहा था,पानी के नीचे उनकी पूरी बॉडी नंगी दिख रही थी,क्यूंकि पानी उतना गंदा भी नहीं था,जब उन्होंने डुबकी लगाई तो पेटीकोट ऊपर तैर गया और जब वो ऊपर उठी तो उनका पेटीकोट कमर से ऊपर उनकी पीठ पे चिपक गया था,उनकी गांड़ सबके सामने दिखने लगी,उन्होंने अपना पेटीकोट नीचे भी नहीं किया और वैसे ही खड़े रही और डुबकी लगती रही,उन्हें बहुत मज़ा आ रहा था,फिर उनका पेटी कोट छाती से खिसक गया और उनके दोनों बूब्स आजाद हो गए,तब उन्होंने आराम से अपना पेटीकोट संभाला और ठीक किया,सभी हमें ही देख रहे थे। कारण की आरोही भाभी को छोड़ के लोग हमें कम ही जानते थे। आरोही भाभी ने डुबकी लगाई तो उनकी साड़ी उनके सीने से चिपक गई और उनके बड़े बड़े दो स्तन तने हुए निपल्स के साथ सबके सामने आ गए। और फिर जब भी वो डुबकी लगती उनकी साड़ी नदी की लहरों के साथ तैर जाती और ऊपर उठ के वो फिर से आराम से अपनी साड़ी से अपनी चूचियों को ढक लेती। मेरे और राधिका के बदन तो पूरी तरह नुमाइश में थे,पतली सी कुर्ती और प्लाजो भीगने के बाद कुछ भी छुपाने के काबिल नहीं थे।