05-06-2020, 07:57 PM
जो तुमको हो पसंद वही बात कहेंगे
और शादी जब एक सवा बजे ख़तम हुयी तो सब लोग कोहबर के लिए और इनका रास्ता , मेरी बहनों , सहेलियों भाभियों ने घेर लिया ,
जितनी हचमच , मस्ती हंगामा उस दिन कोहबर छेकने में उस दिन हुयी थी ,
मैंने भी गाँव में कित्ती शादियों में बहनो के सहेलियों के , कोहबर छेंका था , लेकिन जो घमासान उस दिन हुआ , ...एक तो भौजी ने मेरी सहेलियों को पांच दिन पहले से घर में रोक लिया , ...
मेरी बहनो कजिन्स , गाँव की भौजाइयों सब से एकदम खुल गयीं थी और सब के साथ मिल के , ... एकदम पक्का चक्रव्युह उन सबों ने रचा था
, सब से आगे छुटकियाँ , मेरी दोनों छोटी बहनें , ...उनकी सहेलियां , मेरी छोटी कजिन्स , गाँव की छोटी उम्र की लड़कियां
उसके पीछे मेरी सहेलियां , मेरी उम्र वाली कजिन्स ,
भाभियाँ
और सब से बाद में गाँव की औरतें , साथ में काम करने वालियां ,...
पर मज़ा ' उन लोगों ' के कारण आया ,
बरात में आयी सारी लड़कियां ( डेढ़ दर्जन से तो ऊपर ही थीं ही ) , इनके कालेज के दोस्त ,कजिन्स , और मेरी जेठानी ,
घर के बड़े लोग चले गए थे बारात के , तो इस लिए और फिर गारियों ने रही सही लाज लिहाज ख़तम कर दिया था , ... सच बोलूं तो बाराती सब , २० नहीं तो १९ भी नहीं थे ,
पर रीतू भाभी थी न हमारी ओर , और उन्होंने ही शर्त लगाई , ...
" जूता मिलेगा , पर सिर्फ नेग साथ में ये भी चाहिए ,... "
और उन्होंने गुड्डी की ओर इशारा किया ,
वही उनकी ममेरी बहन , एलवल वाली ,...
जिसने अपनी स्कर्ट के नीचे इनके जूते छिपा रखे थे और ढूंढते ढूंढते मेरी बहनों ,सहेलियों की हालत खराब हो गयी थी।
" अरे नन्दोई जी , घाटे का सौदा नहीं है , इसके बदले में देखिये आपके सामने कितनी साली , सलहज हैं सब ,... और फिर अरे हम हरदम थोड़े ही ,
बस चौथी में सब तोहरे साले जाएंगे उनही के साथ वापस , तबतक तानी गांव क मजा , अरहर और गन्ने क खेत में , ... "
रीतू भाभी ने समझाने की उन्हें कोशिश की ,
और बेचारी गुड्डी अपने भैया के पीछे छिपी जा रही थी ,
तब तक गाँव की मेरी एक भौजी , जिनसे हम सब पनाह मांगती थी , वो मैदान में आ गयीं ,
फिर तो ,... साफ़ अपने भैया के पीछे दुबकी जा रही ,
गुड्डी से उन्होंने बोला ,
" बड़ी ताकत है बूची एह उमर में दोनों जुतवा आपन भोंसड़ा में घुड़ेस लेहलु , .... "
फिर हँसते हुए गुड्डी को समझाते , मनाते हुए ,जोड़ा
"काहें घबड़ा रही हो , अरे पांच छह दिन क बात है , तुमको भी तरह तरह क मज़ा मिलेगा , ... अरे एक साथ दो दो जूता जो ले ले उसको तो दो दो लंड से कम में काम नहीं चलेगा , ... अगवाड़ा पिछवाड़ा दोनों , ... "
और फिर उनका साथ देने के लिए मेरी नाउन की बहू , गाँव के रिश्ते से भौजाई , ..
और वो तो उनसे भी दस हाथ आगे , पहली रात को ही जितनी मेरी सहेलियां शहर से आयी थी , सबका नाड़ा भी खोला और अच्छी तरह से 'इलाके की जांच पड़ताल ' भी की , और उसकी संगत में अब मेरी सारी सहेलियां भी गारी गाने में और गाली देने में एक्सपर्ट ,
तो वो गुड्डी से सीधे बोली ,
" और का , एक बुरिया में और एक गंडिया में , ... काहो बबुनी , सच काहत बानी न , अरे ई मत समझा की बराती में जउन चिक्कन चिक्क्न लौंडे आये हैं उहै खाली गांडू है , अरे एकनाकर बहिनियां कुल अगवाड़े पिछवाड़े दोनों ओर से , ... "
मैं घूंघट काढ़े थी ,
और शादी जब एक सवा बजे ख़तम हुयी तो सब लोग कोहबर के लिए और इनका रास्ता , मेरी बहनों , सहेलियों भाभियों ने घेर लिया ,
जितनी हचमच , मस्ती हंगामा उस दिन कोहबर छेकने में उस दिन हुयी थी ,
मैंने भी गाँव में कित्ती शादियों में बहनो के सहेलियों के , कोहबर छेंका था , लेकिन जो घमासान उस दिन हुआ , ...एक तो भौजी ने मेरी सहेलियों को पांच दिन पहले से घर में रोक लिया , ...
मेरी बहनो कजिन्स , गाँव की भौजाइयों सब से एकदम खुल गयीं थी और सब के साथ मिल के , ... एकदम पक्का चक्रव्युह उन सबों ने रचा था
, सब से आगे छुटकियाँ , मेरी दोनों छोटी बहनें , ...उनकी सहेलियां , मेरी छोटी कजिन्स , गाँव की छोटी उम्र की लड़कियां
उसके पीछे मेरी सहेलियां , मेरी उम्र वाली कजिन्स ,
भाभियाँ
और सब से बाद में गाँव की औरतें , साथ में काम करने वालियां ,...
पर मज़ा ' उन लोगों ' के कारण आया ,
बरात में आयी सारी लड़कियां ( डेढ़ दर्जन से तो ऊपर ही थीं ही ) , इनके कालेज के दोस्त ,कजिन्स , और मेरी जेठानी ,
घर के बड़े लोग चले गए थे बारात के , तो इस लिए और फिर गारियों ने रही सही लाज लिहाज ख़तम कर दिया था , ... सच बोलूं तो बाराती सब , २० नहीं तो १९ भी नहीं थे ,
पर रीतू भाभी थी न हमारी ओर , और उन्होंने ही शर्त लगाई , ...
" जूता मिलेगा , पर सिर्फ नेग साथ में ये भी चाहिए ,... "
और उन्होंने गुड्डी की ओर इशारा किया ,
वही उनकी ममेरी बहन , एलवल वाली ,...
जिसने अपनी स्कर्ट के नीचे इनके जूते छिपा रखे थे और ढूंढते ढूंढते मेरी बहनों ,सहेलियों की हालत खराब हो गयी थी।
" अरे नन्दोई जी , घाटे का सौदा नहीं है , इसके बदले में देखिये आपके सामने कितनी साली , सलहज हैं सब ,... और फिर अरे हम हरदम थोड़े ही ,
बस चौथी में सब तोहरे साले जाएंगे उनही के साथ वापस , तबतक तानी गांव क मजा , अरहर और गन्ने क खेत में , ... "
रीतू भाभी ने समझाने की उन्हें कोशिश की ,
और बेचारी गुड्डी अपने भैया के पीछे छिपी जा रही थी ,
तब तक गाँव की मेरी एक भौजी , जिनसे हम सब पनाह मांगती थी , वो मैदान में आ गयीं ,
फिर तो ,... साफ़ अपने भैया के पीछे दुबकी जा रही ,
गुड्डी से उन्होंने बोला ,
" बड़ी ताकत है बूची एह उमर में दोनों जुतवा आपन भोंसड़ा में घुड़ेस लेहलु , .... "
फिर हँसते हुए गुड्डी को समझाते , मनाते हुए ,जोड़ा
"काहें घबड़ा रही हो , अरे पांच छह दिन क बात है , तुमको भी तरह तरह क मज़ा मिलेगा , ... अरे एक साथ दो दो जूता जो ले ले उसको तो दो दो लंड से कम में काम नहीं चलेगा , ... अगवाड़ा पिछवाड़ा दोनों , ... "
और फिर उनका साथ देने के लिए मेरी नाउन की बहू , गाँव के रिश्ते से भौजाई , ..
और वो तो उनसे भी दस हाथ आगे , पहली रात को ही जितनी मेरी सहेलियां शहर से आयी थी , सबका नाड़ा भी खोला और अच्छी तरह से 'इलाके की जांच पड़ताल ' भी की , और उसकी संगत में अब मेरी सारी सहेलियां भी गारी गाने में और गाली देने में एक्सपर्ट ,
तो वो गुड्डी से सीधे बोली ,
" और का , एक बुरिया में और एक गंडिया में , ... काहो बबुनी , सच काहत बानी न , अरे ई मत समझा की बराती में जउन चिक्कन चिक्क्न लौंडे आये हैं उहै खाली गांडू है , अरे एकनाकर बहिनियां कुल अगवाड़े पिछवाड़े दोनों ओर से , ... "
मैं घूंघट काढ़े थी ,