04-06-2020, 10:53 PM
ये वही मुम्मे थे जिन्हे बेपर्दा देखने की उसमें ना जाने कब से इच्छा थी ....राहुल को अपनी सोसायटी में फ्लेट दिलवाना और जुए के खेल में शामिल करने के पीछे इन्ही निगोडे मुम्मो का हाथ था, जिन्हे पहली बार में ही देखकर शशांक का लंड 3 दिन तक अकड़ कर खड़ा रहा था...जैसे छोटा बच्चा ज़िद पकड़ लेता है किसी चीज़ की, उसी तरह से शशांक के छोटे सिपाही ने उससे ये सब करवा लिया....और आज उसका फल जब सबा ने इस तरह से दिया तो उसके लंड की खुशी का ठिकाना नही रहा..वो सुमन के पीछे गया और उसकी चूत में लंड डाल दिया और उसे चोदते हुए बोला : "हर औरत में एक रंडी छिपी होती है, बस उसे बाहर निकालने वाला चाहिए...''
सुमन मुस्कुरा दी....क्योंकि वो भी जानती थी की उसके पति की बात बिल्कुल सही है.
नीचे से डिंपल सरदारनी की भी एक मदमस्त भरी सिसकारी गूँज उठी....सरदारजी ने उसे भी घोड़ी बना कर बाल्कनी पर टीका दिया था...अब तीनों बाल्कनी में चुदाई का नंगा खेल चल रही थी...
अचानक गुरपाल ने धीमी पर सुनने लायक आवाज़ में शशांक को पुकारा...
''ये लो पाजी, असी वी आ गये इस खेल विच.....''
गुरपाल की आवाज़ सुनते ही राहुल को झटका सा लगा...वो राहुल के बॉस से बात कर रहा था...उसकी नज़र सीधा अपने बॉस की तरफ गयी, और सुमन के साथ शशांक को भी वहां पाकर वो सकते में आ गया.
उसने तो सोचा था की सिर्फ़ सुमन ही आएगी, लेकिन ये तो अपने पति को भी साथ ले आई...राहुल ने लंड पेलना बंद कर दिया...और जैसे ही अपने लंड को बाहर निकालने लगा,सबा ने उसे रोक दिया और बोली : "क्या हुआ....निकल क्यो रहे हो...करते रहो ना...अभी तो मज़ा आना शुरू हुआ है...''
राहुल : "वो...वो ......बॉस और उनकी वाइफ भी वहां खड़े है....और मैं नही चाहता की....की ...मेरे बॉस तुम्हे ....इस तरह से.....देखे....''
ये सुनते ही सबा को गुस्सा आ गया, उसने खुद उसके लंड को बाहर निकाल दिया और वो राहुल की तरफ पलटी और बोली : "तुम मर्दों की यही प्राब्लम है....दूसरे की बीबी देखकर तुम्हे मज़ा आता है और तुम्हारी बीबी को कोई देखे तो प्राब्लम है...अभी तुम डिंपल भाभी को भी वो सब करते हुए देख ही रहे थे ना...मैने तो कुछ नही कहा...और वहां भी तो सुमन भाभी नंगी खड़ी है, उन्हे भी तुमने देख ही लिया है...पर तुम्हारे बॉस को मैं इस हालत में दिख रही हू तो तुम्हे मिर्ची लग रही है...''
सबा का ये रूप देखकर राहुल हैरान रह गया....आज से पहले उसने ना तो इस तरह की कोई हरकत की थी और ना ही उसके साथ इतनी तेज आवाज़ में बात की थी...उसकी समझ में नही आ रहा था की वो क्या बोले..
राहुल : "पर....वो .....अलग बात है....कोई तुम्हे देखे ....ये देखकर मुझे शायद यही करना चाहिए...नही करूँगा तो तुम मुझे पता नही क्या समझोगी...''
सबा एकदम से शांत हो गयी और उसकी टोन भी बदल गयी...शायद उसे एहसास हो गया था की उसने कुछ ज़्यादा ही रिएक्ट कर दिया है..
वो राहुल के पास आई और बड़े ही प्यार से उसके गालो पर हाथ रखकर बोली : "तुम ऐसा इसलिए कर रहे हो राहुल क्योंकि शुरू से ही तुम्हे इस माहौल में रखा गया है...और मुझे भी...लेकिन आज मुझे ये सब ओपन में करते हुए ऐसा लग रहा है जैसे मैने बरसो पुरानी जंजीरो को तोड़ दिया है...और तुम मानो या ना मानो, पर मुझे इसमे बहुत मज़ा आ रहा है...''
राहुल अपनी आँखे फाड़े उसे देखता रह गया.
सबा : "हाँ , ये बात सही है की मुझे सेक्स पसंद है, और तुमने शादी के बाद मुझे जिस तरह के एहसास दिए है,उनका कोई मुकाबला नही है...पर ...अब शायद मेरा दिल हर तरह के एक्सपीरिएंस करना चाहता है...जो मेरे मन में चलता रहता था वो सब सही में होते हुए देखना चाहता है....और इसमे मुझे तुम्हारा साथ चाहिए...''
बेचारा राहुल अभी तक बुत्त बना खड़ा था..
सबा : "देखो राहुल, मैं तुम्हारी मर्ज़ी के बिना तो कुछ करूँगी नही...लेकिन तुम अगर मुझे ये खुशी दे सकते हो तो मेरे लिए इससे बढ़कर और कुछ नही होगा...और मैं भी तुम्हारी किसी भी बात के लिए मना नही करूँगी और ना ही तुम्हे कुछ भी करने से रोकूंगी ...''
ये सुनते ही राहुल की आँखे चमक उठी...
आख़िर यही लाइफ तो वो भी चाहता था....और अपनी बीबी से छुपकर वो भी तो ये सब कर ही रहा था...उसे तो खुद ही डर था की सबा को ये सब पसंद नही आएगा, उसे पता चला तो वो क्या सोचेगी...लेकिन उसके मन में भी ये सब चल रहा है, ये सुनकर वो अंदर ही अंदर बहुत खुश हुआ...और उपर से सबा ने लास्ट में ये बात बोलकर उसे वो खुशी दे डाली थी, जिसकी उसे पिछले 6 महीनो से तलाश थी..
जी हाँ दोस्तो, वो खुशी थी सबा की गांड .
वो कब से उसे गांड मरवाने के लिए बोल रहा था, एक-दो बार ट्राइ भी किया था, पर उसे इतना दर्द हुआ था की उसने कभी भी गांड ना मरवाने की कसम खा ली थी.
बस राहुल को एक ही बात खटक रही थी की उसके बॉस अब उसकी बीबी को इस तरह से देखेगा, जैसे वो इस वक़्त सरदारनी को देख रहे थे...वो खुद भी जानता था की उसकी बीबी की सुंदरता और सेक्स का मुकाबला तो सोसायटी की कोई भी औरत नही कर सकती, और अगर वो इन भूखे भेड़ियो के सामने इस तरह से अपने शरीर की नुमाइश करेगी तो वो दिन भी दूर नही जब वो सब मिलकर उसके नाज़ुक जिस्म को नोच खाएँगे...लेकिन जब सबा को खुद ही इन सबमे मज़ा आ रहा है तो वो कौन होता है मना करने वाला, उसे भी तो खुलकर सभी भाभियों की चूत की मलाई खाने को मिलेगी ..
उसने सबा के हाथ को पकड़कर वापिस अपने लंड पर रख दिया और मुस्कुरा कर बोला : "डार्लिंग, अगर तुम्हे इन सबमे खुशी मिलती है तो मुझे भी कोई प्राब्लम नही है...''
राहुल का इतना कहना था की खुशी के मारे सबा ने उसके लंड को पकड़कर मरोड़ डाला...और उछलकर उसके गले लग गयी...
दूर अपनी बाल्कनी में खड़े शशांक और सुमन उनकी इतनी देर से हो रही बहस को देखकर परेशान हो रहे थे की कही उनका प्लान बिगड़ तो नही गया..लेकिन फिर इस मिलन को देखकर वो समझ गये की सबा ने सब संभाल लिया है...
शशांक ने देखा की अब राहुल उनकी ही तरफ देखकर मुस्कुरा भी रहा है..मतलब सॉफ था, उसे अब अपनी बीबी को सरेआम नंगा दिखाने में कोई दिक्कत नही थी...शशांक ने अपना अंगूठा उपर करके उसे ऑल द बेस्ट कहा और एक बार फिर से अपनी बीबी की चुदाई में लग गया...
शशांक को इशारा करते देखकर नीचे वाली बाल्कनी में खड़ा गुरपाल सिंह भी समझ गया की उपर वाले पोरशन में राहुल और सबा भी चुदाई चल रही है...वो बोला : "ओ राहुल भाई....तू भी लगा हुआ है उपर...और वहां शशांक और सुमन भाभी भी....और इत्थे मैं वि ...ऐसा महॉल बड़ी मुश्किल से बनता है हा हा...''
सबा ने मुस्कुराते हुए नीचे देखा और बोली : "ऐसा महॉल अब अक्सर बना करेगा सिंह साहब ...''
सबा के सेक्सी चेहरे को देखकर, उसके मुंह से अपना नाम सुनकर और उसकी आँखो को अपने लंड की तरफ घूरते पाकर, सरदारजी की ठरक आसमान छू गयी और उन्होने अपने लंड पर ढेर सारा थूक मलकर बुरी तरह से एक बार फिर डिंपल की चूत में पेल दिया...
राहुल उसके कंधे पर झुका और फुसफुसाया.. : "तुम्हे ये सब पसंद है ना...तो आज से तुम मेरी सैक्स स्लेव हो....और जो मैं कहूँगा वही तुम करोगी...समझी....''
सबा : "यस मास्टर...''
राहुल ने उसकी गांड के छेद को टटोला और अपनी उंगली उसमे घुसा दी और बोला.. : "मुझे तुम्हारी गांड मारनी है....''
सबा का शरीर उपर से नीचे तक काँप उठा...शायद वो जानती थी की वो यही बोलेगा, लेकिन राहुल को वो अब किसी भी बात के लिए मना नही कर सकती थी...इसलिए धीमी सी आवाज़ में वो बोली : "यस मास्टर....आप मेरी गांड भी मार सकते हो....लेकिन ....यहाँ नही....अंदर जाने के बाद...अभी के लिए तो आप मेरी चूत मारो....देखो....जैसे सरदारजी मार रहे है अपने लंबे लंड से....डिंपल भाभी की....और उधर आपके बॉस भी किसी मशीन की तरह सुमन भाभी को चोद रहे है....मुझे भी ऐसे ही चोदो ...ज़ोर-2 से....दम लगा के....''
डिंपल की जबरदस्त चुदाई देखकर तो राहुल भी उत्तेजना के शिखर पर पहुँच चुका था...सुमन तो अपने मुम्मे भी बाहर की तरफ लटकाकर अच्छे से चुद रही थी...और उपर से सबा की गांड मरवाने की रज़ामंदी ने भी राहुल के लंड को एक अलग ही उँचाई पर पहुँचा दिया था...ऐसे में सबा की लरच रही चूत ने जब उसके लंड को अपनी तरफ बुलाया तो वो किसी पालतू कुत्ते की तरह उसकी तरफ खींचता चला गया...और एक बार फिर से घपप की तेज आवाज़ के साथ वो उसके अंदर दाखिल हो गया.
''उम्म्म्मममममममममममममममममममम...... ओह .....एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....''
इस बार की सिसकारी पहले से काफ़ी तेज थी.....जिसे सरदरजी और डिंपल ने भी सुना...और मुस्कुरा दिए..
सबा ने शशांक की तरफ देखते हुए अपनी एक उंगली को मुँह में रखा और जोरों से चूसने लगी....शशांक को तो ऐसा लगा जैसे वो उसके लंड को चूसने का इशारा कर रही हो...
और फिर सबा ने वो किया जिसकी शायद इस वक़्त राहुल को भी आशा नही थी....उसने अपना टॉप एक ही झटके में उतार फेंका और वो पूरी नंगी होकर अपने मोटे-2 मुम्मे चाँद की तेज रोशनी में सभी को दिखाने लगी...
शशांक तो उसके सफेद तरबूजों को देखकर बेहोश होते-2 बचा....सच में कमाल के थे उसके मुम्मे ....जितने बड़े थे उतने ही कठोरता लिए तनकर खड़े थे वो...
उसकी योजना अब सफल होती दिख रही थी.
सुमन मुस्कुरा दी....क्योंकि वो भी जानती थी की उसके पति की बात बिल्कुल सही है.
नीचे से डिंपल सरदारनी की भी एक मदमस्त भरी सिसकारी गूँज उठी....सरदारजी ने उसे भी घोड़ी बना कर बाल्कनी पर टीका दिया था...अब तीनों बाल्कनी में चुदाई का नंगा खेल चल रही थी...
अचानक गुरपाल ने धीमी पर सुनने लायक आवाज़ में शशांक को पुकारा...
''ये लो पाजी, असी वी आ गये इस खेल विच.....''
गुरपाल की आवाज़ सुनते ही राहुल को झटका सा लगा...वो राहुल के बॉस से बात कर रहा था...उसकी नज़र सीधा अपने बॉस की तरफ गयी, और सुमन के साथ शशांक को भी वहां पाकर वो सकते में आ गया.
उसने तो सोचा था की सिर्फ़ सुमन ही आएगी, लेकिन ये तो अपने पति को भी साथ ले आई...राहुल ने लंड पेलना बंद कर दिया...और जैसे ही अपने लंड को बाहर निकालने लगा,सबा ने उसे रोक दिया और बोली : "क्या हुआ....निकल क्यो रहे हो...करते रहो ना...अभी तो मज़ा आना शुरू हुआ है...''
राहुल : "वो...वो ......बॉस और उनकी वाइफ भी वहां खड़े है....और मैं नही चाहता की....की ...मेरे बॉस तुम्हे ....इस तरह से.....देखे....''
ये सुनते ही सबा को गुस्सा आ गया, उसने खुद उसके लंड को बाहर निकाल दिया और वो राहुल की तरफ पलटी और बोली : "तुम मर्दों की यही प्राब्लम है....दूसरे की बीबी देखकर तुम्हे मज़ा आता है और तुम्हारी बीबी को कोई देखे तो प्राब्लम है...अभी तुम डिंपल भाभी को भी वो सब करते हुए देख ही रहे थे ना...मैने तो कुछ नही कहा...और वहां भी तो सुमन भाभी नंगी खड़ी है, उन्हे भी तुमने देख ही लिया है...पर तुम्हारे बॉस को मैं इस हालत में दिख रही हू तो तुम्हे मिर्ची लग रही है...''
सबा का ये रूप देखकर राहुल हैरान रह गया....आज से पहले उसने ना तो इस तरह की कोई हरकत की थी और ना ही उसके साथ इतनी तेज आवाज़ में बात की थी...उसकी समझ में नही आ रहा था की वो क्या बोले..
राहुल : "पर....वो .....अलग बात है....कोई तुम्हे देखे ....ये देखकर मुझे शायद यही करना चाहिए...नही करूँगा तो तुम मुझे पता नही क्या समझोगी...''
सबा एकदम से शांत हो गयी और उसकी टोन भी बदल गयी...शायद उसे एहसास हो गया था की उसने कुछ ज़्यादा ही रिएक्ट कर दिया है..
वो राहुल के पास आई और बड़े ही प्यार से उसके गालो पर हाथ रखकर बोली : "तुम ऐसा इसलिए कर रहे हो राहुल क्योंकि शुरू से ही तुम्हे इस माहौल में रखा गया है...और मुझे भी...लेकिन आज मुझे ये सब ओपन में करते हुए ऐसा लग रहा है जैसे मैने बरसो पुरानी जंजीरो को तोड़ दिया है...और तुम मानो या ना मानो, पर मुझे इसमे बहुत मज़ा आ रहा है...''
राहुल अपनी आँखे फाड़े उसे देखता रह गया.
सबा : "हाँ , ये बात सही है की मुझे सेक्स पसंद है, और तुमने शादी के बाद मुझे जिस तरह के एहसास दिए है,उनका कोई मुकाबला नही है...पर ...अब शायद मेरा दिल हर तरह के एक्सपीरिएंस करना चाहता है...जो मेरे मन में चलता रहता था वो सब सही में होते हुए देखना चाहता है....और इसमे मुझे तुम्हारा साथ चाहिए...''
बेचारा राहुल अभी तक बुत्त बना खड़ा था..
सबा : "देखो राहुल, मैं तुम्हारी मर्ज़ी के बिना तो कुछ करूँगी नही...लेकिन तुम अगर मुझे ये खुशी दे सकते हो तो मेरे लिए इससे बढ़कर और कुछ नही होगा...और मैं भी तुम्हारी किसी भी बात के लिए मना नही करूँगी और ना ही तुम्हे कुछ भी करने से रोकूंगी ...''
ये सुनते ही राहुल की आँखे चमक उठी...
आख़िर यही लाइफ तो वो भी चाहता था....और अपनी बीबी से छुपकर वो भी तो ये सब कर ही रहा था...उसे तो खुद ही डर था की सबा को ये सब पसंद नही आएगा, उसे पता चला तो वो क्या सोचेगी...लेकिन उसके मन में भी ये सब चल रहा है, ये सुनकर वो अंदर ही अंदर बहुत खुश हुआ...और उपर से सबा ने लास्ट में ये बात बोलकर उसे वो खुशी दे डाली थी, जिसकी उसे पिछले 6 महीनो से तलाश थी..
जी हाँ दोस्तो, वो खुशी थी सबा की गांड .
वो कब से उसे गांड मरवाने के लिए बोल रहा था, एक-दो बार ट्राइ भी किया था, पर उसे इतना दर्द हुआ था की उसने कभी भी गांड ना मरवाने की कसम खा ली थी.
बस राहुल को एक ही बात खटक रही थी की उसके बॉस अब उसकी बीबी को इस तरह से देखेगा, जैसे वो इस वक़्त सरदारनी को देख रहे थे...वो खुद भी जानता था की उसकी बीबी की सुंदरता और सेक्स का मुकाबला तो सोसायटी की कोई भी औरत नही कर सकती, और अगर वो इन भूखे भेड़ियो के सामने इस तरह से अपने शरीर की नुमाइश करेगी तो वो दिन भी दूर नही जब वो सब मिलकर उसके नाज़ुक जिस्म को नोच खाएँगे...लेकिन जब सबा को खुद ही इन सबमे मज़ा आ रहा है तो वो कौन होता है मना करने वाला, उसे भी तो खुलकर सभी भाभियों की चूत की मलाई खाने को मिलेगी ..
उसने सबा के हाथ को पकड़कर वापिस अपने लंड पर रख दिया और मुस्कुरा कर बोला : "डार्लिंग, अगर तुम्हे इन सबमे खुशी मिलती है तो मुझे भी कोई प्राब्लम नही है...''
राहुल का इतना कहना था की खुशी के मारे सबा ने उसके लंड को पकड़कर मरोड़ डाला...और उछलकर उसके गले लग गयी...
दूर अपनी बाल्कनी में खड़े शशांक और सुमन उनकी इतनी देर से हो रही बहस को देखकर परेशान हो रहे थे की कही उनका प्लान बिगड़ तो नही गया..लेकिन फिर इस मिलन को देखकर वो समझ गये की सबा ने सब संभाल लिया है...
शशांक ने देखा की अब राहुल उनकी ही तरफ देखकर मुस्कुरा भी रहा है..मतलब सॉफ था, उसे अब अपनी बीबी को सरेआम नंगा दिखाने में कोई दिक्कत नही थी...शशांक ने अपना अंगूठा उपर करके उसे ऑल द बेस्ट कहा और एक बार फिर से अपनी बीबी की चुदाई में लग गया...
शशांक को इशारा करते देखकर नीचे वाली बाल्कनी में खड़ा गुरपाल सिंह भी समझ गया की उपर वाले पोरशन में राहुल और सबा भी चुदाई चल रही है...वो बोला : "ओ राहुल भाई....तू भी लगा हुआ है उपर...और वहां शशांक और सुमन भाभी भी....और इत्थे मैं वि ...ऐसा महॉल बड़ी मुश्किल से बनता है हा हा...''
सबा ने मुस्कुराते हुए नीचे देखा और बोली : "ऐसा महॉल अब अक्सर बना करेगा सिंह साहब ...''
सबा के सेक्सी चेहरे को देखकर, उसके मुंह से अपना नाम सुनकर और उसकी आँखो को अपने लंड की तरफ घूरते पाकर, सरदारजी की ठरक आसमान छू गयी और उन्होने अपने लंड पर ढेर सारा थूक मलकर बुरी तरह से एक बार फिर डिंपल की चूत में पेल दिया...
राहुल उसके कंधे पर झुका और फुसफुसाया.. : "तुम्हे ये सब पसंद है ना...तो आज से तुम मेरी सैक्स स्लेव हो....और जो मैं कहूँगा वही तुम करोगी...समझी....''
सबा : "यस मास्टर...''
राहुल ने उसकी गांड के छेद को टटोला और अपनी उंगली उसमे घुसा दी और बोला.. : "मुझे तुम्हारी गांड मारनी है....''
सबा का शरीर उपर से नीचे तक काँप उठा...शायद वो जानती थी की वो यही बोलेगा, लेकिन राहुल को वो अब किसी भी बात के लिए मना नही कर सकती थी...इसलिए धीमी सी आवाज़ में वो बोली : "यस मास्टर....आप मेरी गांड भी मार सकते हो....लेकिन ....यहाँ नही....अंदर जाने के बाद...अभी के लिए तो आप मेरी चूत मारो....देखो....जैसे सरदारजी मार रहे है अपने लंबे लंड से....डिंपल भाभी की....और उधर आपके बॉस भी किसी मशीन की तरह सुमन भाभी को चोद रहे है....मुझे भी ऐसे ही चोदो ...ज़ोर-2 से....दम लगा के....''
डिंपल की जबरदस्त चुदाई देखकर तो राहुल भी उत्तेजना के शिखर पर पहुँच चुका था...सुमन तो अपने मुम्मे भी बाहर की तरफ लटकाकर अच्छे से चुद रही थी...और उपर से सबा की गांड मरवाने की रज़ामंदी ने भी राहुल के लंड को एक अलग ही उँचाई पर पहुँचा दिया था...ऐसे में सबा की लरच रही चूत ने जब उसके लंड को अपनी तरफ बुलाया तो वो किसी पालतू कुत्ते की तरह उसकी तरफ खींचता चला गया...और एक बार फिर से घपप की तेज आवाज़ के साथ वो उसके अंदर दाखिल हो गया.
''उम्म्म्मममममममममममममममममममम...... ओह .....एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....''
इस बार की सिसकारी पहले से काफ़ी तेज थी.....जिसे सरदरजी और डिंपल ने भी सुना...और मुस्कुरा दिए..
सबा ने शशांक की तरफ देखते हुए अपनी एक उंगली को मुँह में रखा और जोरों से चूसने लगी....शशांक को तो ऐसा लगा जैसे वो उसके लंड को चूसने का इशारा कर रही हो...
और फिर सबा ने वो किया जिसकी शायद इस वक़्त राहुल को भी आशा नही थी....उसने अपना टॉप एक ही झटके में उतार फेंका और वो पूरी नंगी होकर अपने मोटे-2 मुम्मे चाँद की तेज रोशनी में सभी को दिखाने लगी...
शशांक तो उसके सफेद तरबूजों को देखकर बेहोश होते-2 बचा....सच में कमाल के थे उसके मुम्मे ....जितने बड़े थे उतने ही कठोरता लिए तनकर खड़े थे वो...
उसकी योजना अब सफल होती दिख रही थी.