04-06-2020, 08:50 PM
(This post was last modified: 27-08-2021, 05:36 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
खजाने में सेंध
और फिर ननद रानी ने अपने फोन नंबर के सिर्फ ७ डिजिट पोस्ट किये थे ,९ नंबर तक तो ठीक था लड़का ,दसवे नंबर के लिए दस बार ट्राई करते , लेकिन सिर्फ 7 नंबर कौन लड़का इत्ता पेसेंस दिखायेगा।
मैंने पूरे के पूरे १० डाल दिए।
रिलेशनशिप वाला कालम खाली था , उसे भी मैंने भर दिया , इन अ ओपन रिलेशनशिप।
फिर मेरे दिमाग में कुछ शरारत आयी ,
आखिर जो इस जुबना पे दीवाना है उसकी भी तो ,
बस अपने हाय हैंडसम , उसके भैय्या कम सैंया की भी दो चार फोटुएं ,
झलकौवा टी में सारी एब्स दिखती ,हंक मेल मॉडल्स मात और दो में तो शॉर्ट्स में उनका खूंटा भी टनटनाया ,
[/url]
तम्बू खड़ा
और उसके नीचे गुड्डी की ओर से कमेंट्स ,
मेरे भैय्या , मेरे ,... और फिर हार्ट्स और चुम्मी वाली स्माइलीज
एक पर , हैं न हॉट्स ( वही जिसमें तम्बू तना था था )
और देखते देखते उसकी ४२ सहेलियों के कमेंट्स भी आगये।
" जालिम ,.. "
" लकी यू ,... "
" यार शेयर करेगी बोल , बस एक बार लॉलीपॉप चखा दे "
एक फेसबुक अकाउंट उसका जो थोड़ा प्राइवेट टाइप्स था ,
जिसमें घर वाले ,रिलेटिव्स नहीं थे उसमें तो मैंने ज्यादा ही
पहले तो उसे ८ हाट ग्रुप्स में ज्वाइन करा दिया ,
हाट लड़कियां ,
हाईकॉलेज गर्ल्स ,
मैं दीवानी टाइप्स और
सबके कंफ्रमेशन मेसज उसके फोन पे आये जो मेरे हाथ में था और सबको ,
कन्फर्मेंशन मेसेज तुरंत ,
और व्हाट्सऐप का नंबर , वहां तो मुझे खजाना हाथ ही लग गया।
एक इनकी कजिन्स सिस्टर का व्हाट्सऐप ग्रुप था सगी तो कोई थी नहीं ,
ममेरी अकेली यही , बाकी सब मौसेरी ,चचेरी , फुफेरी ,यहां तक की मुंहबोली भी ,...
कुल चौदह और सारी की सारी कुँवारी ,
[url=http://pzy.be/v/4/Guddi+tumblr_oknfuuKjI61vgicgwo1_400]
सबसे छोटी गुड्डी से भी दो साल छोटी,...छुटकी ,हाईकॉलेज में।
और सबसे बड़ी मुझसे एक साल छोटी।
क्या हाट हाट बातें होती थीं , एडमिन गुड्डी ही थी तो बस मैंने ज्वाइन भी कर लिया
और उस में सेंध भी लगा दी और उस सुरंग से उन सारी चौदहों के फेसबुक अकाउंट, मेल सब कुछ मैं घुस गयी।
हाँ और खेल बंद करने के पहले मैंने गुड्डी की स्टेस्ट्स चेंज कर दी थी सारे अकाउंट्स पर ,
विद माई सेक्सी हैंडसम मैनली भइया ,
और इनकी एक गुड्डी के साथ ,जो अभी नीचे खींची थी वो फोटो भी लगा दी।
२६८ फ्रेंडशिप रिक्वेस्ट्स आ गयी थीं नयी जिसमें २४४ लड़के थे
बस सबको एक साथ यस मैंने मार दिया।
मेरी निगाह अब उनकी ओर गयी ,
साडी तो कब की वो रख चुके थे लेकिन अभी भी कुछ कुछ वार्डरोब में ढूढ़ रहे थे।
" मुन्ना क्या ढूंढ रहे हो अपनी पोस्ट लंच सिग्गी ,बॉटम ड्राअर मैं रख दी है मैंने , अजय जीजू वाला पैक भी तो है वही निकाल लो। "
बोल मैं उनसे रही थी लेकिन चेहरा गुड्डी का देख रही थी ,
भाभी मेरे यहां सिगरेट तो छोड़ दीजिये कोई नाम भी लेने का सोच नहीं सकता और मेरे भैय्या तो एकदम ही स्ट्रिक्ट सीधे.
उसके चेहरे पर आता जाता भाव देखने में इत्ता मजा आ रहा था बता नहीं सकती थी।
उसके सीधे साधे भैय्या और ,सिगरेट।
पहले आम , और वो भी इतने स्वाद ले लेकर ,
और फिर यहां फर्श पर बैठ के मेरी साडी तहियाना और अब
मैं उनसे सिगरेट की बात कर रही हूँ।
गुड्डी की सच में बिना फाडे फट गयी थी।
इसी कमरे में तो मैं जब शादी के बाद आयी थी , कितना ज्ञान,कित्ता ज्ञान इसी सत्रह साल की छोरी ने , लेकिन अब ,...
मैं उन के पास पहुँच गयी थी , गुड्डी के भैय्या के पास जो अब मेरे सैंया थे , बाल बिगाड़ते बोली ,
मुन्ने को सिग्गी चाहिए , देती हूँ न और बॉटम ड्राअर से निकाल के सीधे उनके मुंह में ,
और वापस अपने शिकार के पास।
अबकी गुड्डी को मैंने पीछे से पकड़ लिया।
स्साली का पिछवाड़ा भी बहुत मस्त था ,एकदम निहुरा के मारने लायक।
और फिर ननद रानी ने अपने फोन नंबर के सिर्फ ७ डिजिट पोस्ट किये थे ,९ नंबर तक तो ठीक था लड़का ,दसवे नंबर के लिए दस बार ट्राई करते , लेकिन सिर्फ 7 नंबर कौन लड़का इत्ता पेसेंस दिखायेगा।
मैंने पूरे के पूरे १० डाल दिए।
रिलेशनशिप वाला कालम खाली था , उसे भी मैंने भर दिया , इन अ ओपन रिलेशनशिप।
फिर मेरे दिमाग में कुछ शरारत आयी ,
आखिर जो इस जुबना पे दीवाना है उसकी भी तो ,
बस अपने हाय हैंडसम , उसके भैय्या कम सैंया की भी दो चार फोटुएं ,
झलकौवा टी में सारी एब्स दिखती ,हंक मेल मॉडल्स मात और दो में तो शॉर्ट्स में उनका खूंटा भी टनटनाया ,
[/url]
तम्बू खड़ा
और उसके नीचे गुड्डी की ओर से कमेंट्स ,
मेरे भैय्या , मेरे ,... और फिर हार्ट्स और चुम्मी वाली स्माइलीज
एक पर , हैं न हॉट्स ( वही जिसमें तम्बू तना था था )
और देखते देखते उसकी ४२ सहेलियों के कमेंट्स भी आगये।
" जालिम ,.. "
" लकी यू ,... "
" यार शेयर करेगी बोल , बस एक बार लॉलीपॉप चखा दे "
एक फेसबुक अकाउंट उसका जो थोड़ा प्राइवेट टाइप्स था ,
जिसमें घर वाले ,रिलेटिव्स नहीं थे उसमें तो मैंने ज्यादा ही
पहले तो उसे ८ हाट ग्रुप्स में ज्वाइन करा दिया ,
हाट लड़कियां ,
हाईकॉलेज गर्ल्स ,
मैं दीवानी टाइप्स और
सबके कंफ्रमेशन मेसज उसके फोन पे आये जो मेरे हाथ में था और सबको ,
कन्फर्मेंशन मेसेज तुरंत ,
और व्हाट्सऐप का नंबर , वहां तो मुझे खजाना हाथ ही लग गया।
एक इनकी कजिन्स सिस्टर का व्हाट्सऐप ग्रुप था सगी तो कोई थी नहीं ,
ममेरी अकेली यही , बाकी सब मौसेरी ,चचेरी , फुफेरी ,यहां तक की मुंहबोली भी ,...
कुल चौदह और सारी की सारी कुँवारी ,
[url=http://pzy.be/v/4/Guddi+tumblr_oknfuuKjI61vgicgwo1_400]
सबसे छोटी गुड्डी से भी दो साल छोटी,...छुटकी ,हाईकॉलेज में।
और सबसे बड़ी मुझसे एक साल छोटी।
क्या हाट हाट बातें होती थीं , एडमिन गुड्डी ही थी तो बस मैंने ज्वाइन भी कर लिया
और उस में सेंध भी लगा दी और उस सुरंग से उन सारी चौदहों के फेसबुक अकाउंट, मेल सब कुछ मैं घुस गयी।
हाँ और खेल बंद करने के पहले मैंने गुड्डी की स्टेस्ट्स चेंज कर दी थी सारे अकाउंट्स पर ,
विद माई सेक्सी हैंडसम मैनली भइया ,
और इनकी एक गुड्डी के साथ ,जो अभी नीचे खींची थी वो फोटो भी लगा दी।
२६८ फ्रेंडशिप रिक्वेस्ट्स आ गयी थीं नयी जिसमें २४४ लड़के थे
बस सबको एक साथ यस मैंने मार दिया।
मेरी निगाह अब उनकी ओर गयी ,
साडी तो कब की वो रख चुके थे लेकिन अभी भी कुछ कुछ वार्डरोब में ढूढ़ रहे थे।
" मुन्ना क्या ढूंढ रहे हो अपनी पोस्ट लंच सिग्गी ,बॉटम ड्राअर मैं रख दी है मैंने , अजय जीजू वाला पैक भी तो है वही निकाल लो। "
बोल मैं उनसे रही थी लेकिन चेहरा गुड्डी का देख रही थी ,
भाभी मेरे यहां सिगरेट तो छोड़ दीजिये कोई नाम भी लेने का सोच नहीं सकता और मेरे भैय्या तो एकदम ही स्ट्रिक्ट सीधे.
उसके चेहरे पर आता जाता भाव देखने में इत्ता मजा आ रहा था बता नहीं सकती थी।
उसके सीधे साधे भैय्या और ,सिगरेट।
पहले आम , और वो भी इतने स्वाद ले लेकर ,
और फिर यहां फर्श पर बैठ के मेरी साडी तहियाना और अब
मैं उनसे सिगरेट की बात कर रही हूँ।
गुड्डी की सच में बिना फाडे फट गयी थी।
इसी कमरे में तो मैं जब शादी के बाद आयी थी , कितना ज्ञान,कित्ता ज्ञान इसी सत्रह साल की छोरी ने , लेकिन अब ,...
मैं उन के पास पहुँच गयी थी , गुड्डी के भैय्या के पास जो अब मेरे सैंया थे , बाल बिगाड़ते बोली ,
मुन्ने को सिग्गी चाहिए , देती हूँ न और बॉटम ड्राअर से निकाल के सीधे उनके मुंह में ,
और वापस अपने शिकार के पास।
अबकी गुड्डी को मैंने पीछे से पकड़ लिया।
स्साली का पिछवाड़ा भी बहुत मस्त था ,एकदम निहुरा के मारने लायक।