04-06-2020, 07:16 PM
कोमल जी,
आज दिल से चाहा ... गुड्डी का क्या हुआ आगे .... सच्ची .... एक औरत कि फीलिंग मिल रही है .... आपकी बातो से ... जिसे कई सालो के इंतज़ार के बाद सफलता हासिल करी हो ... और अपना पुरस्कार लेने मैं कुछ कदम बाकि हो [ कन्या - रस ] का स्वाद .... एक उत्तेजना, ख़ुशी ... अपने को रोकना ... धीरज धरना .....लेकिन इसका एहसास न होने देना .... पति पर एकाधिकार ....
कमाल का चित्रण है ..... अभी शाम कि चाय के साथ यही सोच रही थी ... आपकी याद आई और आ गयी ऑनलाइन ....
इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका