04-06-2020, 01:50 PM
और भाभी कि याद आ गयी ..... मैं तो पागल ही हो जाउंगी ...... आँखों मैं काजल लगा कर ,
हाथ मैं दुपट्टा लिया और रूम से बाहर आ गयी .....
सामने से माँ आ रही थी .... शायद देखने .... कि मैं तैयार हुई या नहीं ?
प्रिय सहेलिओं ,
निहारिका का प्यार भरा नमस्कार ,
अब आगे ,
जी तो हो गया सामना मेरी माँ से माँ ने मुझे देखा और बोली ..
माँ - निहारिका हो गयी तैयार तू... सुन्दर लग रही है .... आजा
मुझे तो डर था कि माँ मुझे डाटेंगी कि इनती देर क्यों लगादी पर ऐसा कुछ हुआ नहीं तब कुछ चैन आया ..... पर मेरे जोबन
कहाँ चुप बैठने वाले थे लगे बदमाशी करने और हो गए मेरे निप्पल खड़े "सुंदर लग रही है" सुन कर ... तब दुपट्टा ठीक करने के बहाने से मैंने ओने एक हाथ से अपने जोबन को दबा कर मसल लिया तब जाकर दोनों बदमाश नरम हुए...... फिर माँ के साथ चल कर सुमन भाभी के पास आ गयी .....
सुमन भाभी - निहारिका तू कितनी सुन्दर लग रही है .... आजा मेरे पास तुजे काला टीका लगा
दू ...... नजर न लगे मेरी निहारिका को ....
यह कह कर सुमन भाभी ने अपनी आँखों कि किनोर से काजल निकला अपनी रिंग फिंगर से
और मेरे कान के पीछे लगा दिया .... और मेरे माथे पर किस कर लिया ....
मैं मन मैं सोच रही थी कि सुमन भाभी थोडा नीचे किस करो न मेरे होंठो पर ...... पर शायद सुमन भाभी ने मेरे मन कि बात सुन ली थी वो बोली .....
सुमन भाभी - जरा धीरज धर मेरी निहारिका .... सब होगा ......
मैं शर्मा गयी और अपनी उंगलियो मैं दुपट्टा का सिरा घुमाने लगी ....... पर बोली कुछ न .....
और बोलिती भी क्या .... माँ जो थी सामने ...
तभी माँ बोली ....
माँ - बड़ा प्यार आ रहा है मेरी बेटी पर , क्यों सुमन ,
सुमन भाभी - अब है ही इतनी प्यारी तो क्यों न आये प्यार ...... और वैसे भी मुझे "बेटी"
जायदा पसंद है .....
फिर एक .... अल्पविराम ....... सब चुप थे ...... मेरी और सुमन भाभी कि आँखों कि चमक
एक दुसरे से कुछ कह रही थी ..... जो शायद हम ही जानते थे ........ फिर शादी मैं जाने कि
बात और सुमन भाभी और शीतल भाभी का साथ ... मेरी उत्सुकता बढ़ा रहा था .... अब क्या
होगा मेरे साथ ...... "शायद वो सब" ........
तभी माँ बोली --- अब चले या यु ही खड़े रहोगी दोनों ...... बाजार मैं टाइम लगेगा .... चल
निहारका ...
सुमन भाभी - हम्म, चलो ....
फिर हम तीनो घर से बाहर आये मैं माँ और सुमन भाभी के बीच मैं चल रही थी जैसे कोई
राजकुमारी को शादी के लिए ले जाते है ... धीरे - धीरे .... फिर सामने से एक ऑटो वाला आया
उसे सुमन भाभी ने रुकवाया और बाजार जाने को कहा .... कितना लेगा भैया ?
औटोवाला - बेहेनजी ..... सुबह का टाइम है ...... दे देना जो भी हो ....
सुमन भाभी - नहीं - नहीं .... पहेले बता दो नहीं तो बाद मैं तकरार होती है ....
औटोवाला - जी ... सौ रुपए होंगे ....
सुमन भाभी - अरे इतना दूर तो नहीं है ...... सौ रुपए तो जायदा है .......
औटोवाला - जो अस्सी दे देना , अब तीन सवारी भी तो है .....
सुमन भाभी - तीन सवारी ..... हम दो ही तो हैं ..... एक फूल सी बच्ची देखो तो इसे
औटोवाला मुझे देख रहा था .... उसकी आँखों कि चमक देखा कर मैं यह जान गयी थी कि वो
मेरे जोबन को ही निहार रहा था .....
सुमन भाभी - हम्म, कितना ?
औटोवाला - इ, सत्तर दे देना ..... इस से कम नहीं चलेगा ....
सुमन भाभी - हम्म, ठीक है .... जरा ध्यान से चलना ..... आजा बैठ निहारिका ....
मैं फिर बीच मैं .... एक साइड सुमन भाभी और दूसरी साइड माँ .... औटोवाला मुझे और मेरे
जोबन को चोरी - चोरी देख रहा था अपने सामने के कांच से ..... मैं बार - बार अपना दुपट्टा
ठीक कर रही थी जो हवा से उड़ कर मेरे जोबन दिखा रहा था ....
मैं यह सोच रही थी ...... बर्गानिंग सुमन भाभी से सीखो .... मुझे दिखा कर पैसे कम करवा
लिए ... और एक स्माइल आ गयी मेरे होंठो पर ....
अब हम बाजार आ गए थे ..... पहेले माँ उतरी ..... फिर मैं और मेरा दुपट्टा फिर ढलक गया
मेरे जोबन पर से ...... फिर उसे ठीक करते हुए मैं भी नीचे उतर गयी ..... फिर सुमन भाभी
उतरी .... बोली ... कितना हुआ .....
माँ बोली . सुमन मैं देती हूँ न ... रुक ....
सुमन भाभी - अरे इसमें क्या हुआ ..... एक बात ही तो है...... और मेरे पास खुल्ले भी है
..... फिर अपने ब्लाउज मैं से एक छोटा पर्स निकल कर उसमे से पैसे निकले और गिने और
उसे पैसे देते हुए बोली ..... लो भैया ..... सत्तर रूपए .... फिर वो पर्स वापस अपने ब्लाउज
कें अंदर ब्रा मैं सेट करते हुए बोली .... चल निहारिका ...
मैं हैरान थी .... कि सुमन भाभी इतने आराम से अपने जोबन दिखा कर .... फिर ब्रा मैं से पर्स
निकल कर पैसे दे रही हैं और उनको कुछ फर्क ही नहीं पढ रहा..
माँ - सुमन ,,... तू बड़ी बेशरम हो गयी है..... तू नहीं बदली .....
सुमन भाभी - अरे तो क्या हुआ ..... देख लिए ... खुश हो गया बेचारा .... और हँसे जा रही थी
....
मैं भी मुस्कुरा दी ....
फिर माँ बोली ..... करवा दिए दर्शन अब चल ..... जवान बेटी है साथ मैं ..... देखा तो कर .....
[ धीरे से बोली थी ... पर मुझे सुनाई दे गया था ]
इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका