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Adultery जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
गुड्डी बनी गुलाम ,

[Image: e9722839a36dc582e5108568662dd52e.jpg]

" एकदम भाभी आप बहोत अच्छी होऔर अब ननद रानी ने मुझे गले लगा लिया।

 
" लेकिन उस चार घण्टे से बचत नहीं होगी

उस के मालपुए ऐसे गाल कचकचा के काटते मैं बोली ,

[Image: lez-frnds-7.jpg]
 
फुलझड़ी सी खिलखिलाती वो सुनयना बोली

" मालूम है भाभी ,मालूम है , मैं भी उधार नहीं रखती बोलिये क्या करना है। "
 
बिना हिचकिचाए अबकी दूसरे गाल पर अपने दांतों के निशान बनाते मैं बोली ,
 
" यही तो ,मैं कहती हूँ की तू  अभी भी बच्ची है  एकदम अपने भैय्या की तरह नासमझ। अरी बावरी , इत्ता भी नहीं समझी लड़कियां सिर्फ करवाते हैं करते तो हैं लड़के ,तेरे भैय्या। 

तो बस अब तुझे करवाना है और वो भी योर टाइम वाली स्टार्ट जब हम ऊपर पहुँच जाएंगे तेरे भइया के कमरे में ,समझी ,"

[Image: Teej-101491537-3330149283708096-56721785...4448-o.jpg]
 
पांच मिनट में उसे धकियाती ,पुश करती मैं गुड्डी को ले के अपने कमरे में ,
 
पैर से मारके धड़ाक ,कमरा बंद।
 
मैंने बोल्ट भी लगा दिया और सिटकिनी भी।
 
योर टाइम स्टार्टस नाउ ,दीवाल घडी में ढाई बज रहे थे।
…………………..
 
 
धड़ाक ,
 
अपने  साढ़े चार इंच की हाई हील से मारकर मैंने दरवाजा बंद किया।
 
सटाक
 
मैंने दरवाजे की सिटकिनी बंद की
 
झटाक
 
मैंने दरवाजे का बोल्ट ,
 
"मादर,... तेरे सारे खानदान की गांड मार्रूं , चूतमरानो , घडी देख ले , ढाई बजे ,... "



 
और वो मेरी छुटकी ननद मेरे और दरवाजे के बीच दबी ,पिसी ,रगड़ी सहमी ,

मेरे और दरवाजे के बीच एकदम कुचली जा रही थी। 

मेरे बड़े बड़े भारी भारी उरोज उसकी नयी आयी कच्ची अमिया को कस कस के कुचल रहे थे।


जो मजा रहा था उस स्साली को रगड़ने में मैं बता नहीं सकती।
 
जो उसके लिए मैंने हाल्टर टॉप ख़रीदा था इस तरह की

गुड्डी की कसी कड़ी गोलाइयों का ऊपरी हिस्सा हमेशा खुला छलकता झलकता रहे। 

और अब कड़ाक कड़ाक एक झटके से मैंने टॉप के ऊपर के दो बटन खोल दिए ,अब निपल तक साफ़ नजर रहे थे।



गोल गोल मटर के दाने , एकदम कड़े कड़े नए नए आये ,
 
और फिर उसके कंधो को सहलाती , उसके टॉप की स्किन कलर की  नूडल स्ट्रिंग्स भी मैंने सरका के नीचे करदी। 

टॉप बस उसके छोटे छोटे उभारों और एक बटन के सहारे बस जैसे तैसे टिका फंसा था।

दूधिया उभार जिसके पीछे पूरे शहर के लौंडे दिवाने थे ,अब आधे से ज्यादा साफ़ साफ़ दिख रहा था।

[Image: Guddi-nips-0703b2e52aca90f8617d1ff049e9bde1.jpg]
और और मेरी उँगलियों के टिप का दबाव उसके नए नए आये टिट्स पर ,
 
अंगूठा उसके निप्स पर और उंगलिया उन उभारों की परिधि नापता हुआ जैसे कोई गोलाप्रकार से एक वृत्त बना रहा हो।


जोर से अपने लम्बे नाख़ून गुड्डी के मांसल गदराते जोबन में गड़ाते मैं बोली ,
 
" सुन साली , लगता है जम के अपनी चूँची मिजवा दबवा रही है तू ,छिनार। 

पहला इंस्ट्रक्शन ,कान खोल के सुन रंडी ,मैं दुहराऊंगी नहीं , तेरी ये चूँचीयां इसी तरह खुली रहनी चाहिए , समझी ,दोनों ये निपल एकदम दिखते झलकते रहने चाहिए , तेरे भय्या को।  झुक के, उचका के अगले चार घंटे तक उन्हें दिखाना है तुझे।  तेरी इन कच्ची अमियों के बड़े दीवाने हैं वो , इस लिए एकदम खुलकर खोल कर , समझ गयी ,"
 
जोर से उसके निपल की घुंडियां मरोड़ती मैं बोली। 

[Image: nips-rub-lez-tumblr-ozl9tgb-DTb1wf2484o1-400.jpg]
 
" हाँ भाभी , " किसी तरह थूक घोंटती बहुत हलके से गुड्डी के मुंह से निकला।


" स्साली ,जोर से बोल , मैंने सुना नहीं। "

एक हलकी सी चपत उसके गोरे नमकीन गालों पर लगाती मैं बोली। 

[Image: Teej-101482422-293073012090887-849908893...7008-n.jpg]
" हाँ भाभी " अबकी वो ठीक से बोली।
 
 
धीरे धीरे लौंडिया मेरी मुट्ठी में रही थी।
 
 
मैंने एक बार और जोर से अपनी बड़ी बड़ी चूँचियों से उसके नवांकुरों को मसल दिया।

[Image: lez-gif-1.gif]

 
बिचारी उसे क्या मालूम , कच्चे टिकोरे सिर्फ उसके भैय्या को है नहीं उसकी भाभी को भी पसंद है। 

इससे भी कमसिन लौंडिया सीधे गाँव से ,एकदम कमसिन जब हाईस्कूल पास कर के बोर्डिंग में आती थीं , ग्यारहवें में।

रैगिंग के पहले दिन,लंड बुर ,चूत ,गांड सब  सीखा देती थी मैं रैगिंग में और हफ्ते दस में कोई लौंडिया नहीं बचती थी 

जिसे मैं अपनी गुलाबो की चुस्की लगवा दूँ और जिसकी बिल की गहराई नाप लूँ। 

[Image: lezdom-G1.gif]

लेकिन ये माल जिसे मैं अभी रगड़ रही थी ,उन सबसे उमर में भले एकाध साल ऊपर हो लेकिन

नमकीन होने में उन सबसे २० नहीं २२ था पूरा।


 
एक बार मैंने कुतर लिया इन कच्ची अमियों को  


[Image: lez-nip-suck-tumblr-pvm1eh-Py1n1we5j7jo1-r1-640.gif]

तो फिर सिर्फ मैं क्यों , मम्मी , वो तो उसे अपने साथ गाँव ले जाने पर तुली हैं ,हफ्ते दस दिन लिए


और मिसेज खन्ना ,मेरी वनिता मंडल की प्रेजिडेंट जिनकी हेल्प से मैं सेक्रेटरी बनी और इन्हे भी धड़ाधड़ एक के बाद एक प्रमोशन मिले

पावर्स मिले , वो भी तो कच्ची कलियों की दीवानी

[Image: Teej-77391561-2552859568361772-117433902045331456-n.jpg]
और वो अकेले थोड़ी ,मेरी वनिता मंडल की बाकी सहेलियां भी ,

और उनसे भी तो ननद भाभी का ही रिश्ता रहेगा इसका,

और सबसे बढ़कर इसकी राह देख रहे थीं ,मंजू बाई और गीता। 



वो दोनों तो इसे पक्की रंडी बना के ही छोड़ेंगी।
 
लेकीन इसके पहले आज इस बांकी शोख किशोरी को शीशे में उतारना जरुरी है।
 
और मैंने उसे अगली शर्त बता दी ,उसके 'सीधे साधे भैय्या के बारे में
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Messages In This Thread
ANUSHKA IS ASHWIN'S SWEET WIFE - by ashw - 05-04-2019, 06:02 AM
RE: जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी - by komaalrani - 04-06-2020, 01:40 PM



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