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Adultery सोलवां सावन
#73
उईइइइइइइइइइ , प्लीज लगता है ,ओह्ह आह बहोत जोर से नहीईईईई 

[Image: Fucking-G-cum-tumblr_oihzgmnEcs1uo5lbio2_250.gif]



और मैं जोर से चिल्लाई ,

" उईइइइइइइइइइ माँ , प्लीज लगता है ,माँ ओह्ह आह बहोत जोर से नहीईईईई अजय बहोत दर्द उईईईईईई माँ। "
………….

" अपनी माँ को क्यों याद कर रही हो ,उनको भी चुदवाना है क्या ,चल यार चोद देंगे उनको भी , वो भी याद करेंगी की ,...."

[Image: Guddi-nips-2-11700239.gif]


दोनों हाथों से हलके हलके मेरी दोनों गदराई चूंची दबाते , और अपने पूरा घुसे लंड के बेस से जोर जोर से मेरे क्लिट को रगड़ते अजय ने चिढ़ाया।

लेकिन मैं क्यों छोड़ती उसे ,जब भी वो हमारे यहाँ आता मैं उसे साल्ले ,साल्ले कह के छेड़ती , आखिर मेरे भइया का साला तो था ही। मैंने भी जवाब जोरदार दिया। 

" अरे साल्ले भूल गए ,अभी साल दो साल भी नहीं हुआ , जब मैं इसी गाँव से तोहार बहिन को सबके सामने ले गयी थी , अपने घर ,अपने भइया से चुदवाने। और तब से कोई दिन नागा नहीं गया है जब तोहार बहिन बिना चुदवाये रही हों। ओहि चुदाई का नतीजा ई मुन्ना है , और आप मुन्ना के मामा बने हो। "


मिर्ची उसे जोर की लगी। 

बस उसने उसी तरह जवाब दिया ,जिस तरह से वो दे सकता था ,पूरा लंड सुपाड़े तक बाहर निकाल कर ,एक धक्के में हचक के उसने पेल दिया पूरी ताकत अबकी पहली बार से भी जोरदार धक्का उसके मोटे सुपाड़े का मेरी बच्चेदानी पे लगा।

[Image: fucking-ruff-15135570.gif]
 

दर्द और मजे से गिनगीना गयी मैं। 

और साथ ही कचकचा के मेरी चूची काटते , अजय ने अपना इरादा जाहिर किया ,

" जितना तेरी भाभी ने साल भर में , उससे ज्यादा तुम्हे दस दिन में चोद देंगे हम, समझती क्या हो।
मुझे मालूम है हमार दी की ननद कितनी चुदवासी हैं ,सारी चूत की खुजली मिटा के भेजेंगे यहाँ से तुम खुदे आपन बुरिया नही पहचान पाओगी। "

जवाब में जोर से अजय को अपनी बाहों में बाँध के अपने नए आये उभार ,अजय की चौड़ी छाती से रगड़ते हुए , उसे प्यार से चूम के मैंने बोला ,

" तुम्हारे मुंह में घी शक्कर , आखिर यार तेरा माल हूँ और अपनी भाभी की ननद हूँ ,कोई मजाक नहीं। देखती हूँ कितनी ताकत है हमारी भाभी के भैय्या में , चुदवाने में न मैं पीछे हटूंगी ,न घबड़ाउंगी। आखिर तुम्हारी दी भी तो पीछे नहीं हटती चुदवाने में , मेरे शहर में। साल्ले बहनचोद , अरे यार बुरा मत मानना , आखिर मेरे भैय्या के साले हो न और तोहार बहिन को तो हम खुदै ले गयी थीं ,चुदवाने तो बहिनचोद , … "

मेरी बात बीच में ही रुक गयी , इतनी जोर से अजय ने मुझे दुहरा कर के मेरे दोनों मोटे मोटे चूतड़ हाथ से पकड़े और एक ऐसा जोरदार धक्का मारा की मेरी जैसे साँस रुक गयी ,और फिर तो एक के बाद एक ,क्या ताकत थी अजय में ,मैंने अच्छे घर दावत दे दी थी। 

मैं जान बूझ के उसे उकसा रही थी। वो बहुत सीधा था और थोड़ा शर्मीला भी ,लेकिन इस समय जिस जोश में वो था ,यही तो मैं चाहती टी। 

जोर जोर से मैं भी अब उसका साथ देने की कोशिश कर रही थी। दर्द के मारे मेरी फटी जा रही थी लेकिन फिर भी हर धक्के के जवाब में चूतड़ उचका रही थी , जोर जोर से मेरे नाखून अजय के कंधे में धंस रहे थे ,मेरी चूंचियां उसकी उसके सीने में रगड़ रही थीं। 

दरेरता, रगड़ता , घिसटता उसका मोटा लंड जब अजय का ,मेरी चूत में घुसता तो जान निकल जाती लेकिन मजा भी उतना ही आ रहा था। 

[Image: fucking-ruff-tumblr-nlocg094-MV1s9xv4do2-250.gif]

कचकचा के गाल काटते ,अजय ने छेड़ा मुझे ,

" जब तुम लौट के जाओगी न तो तोहार भैया सिर्फ हमार बल्कि पूरे गाँव के साले बन जाएंगे , कौनो लड़का बचेगा नहीं ई समझ लो। "







और उस के बाद तो जैसे कोई धुनिया रुई धुनें ,


[Image: Fucking-G-ruff-17221178.gif]


सिर्फ जब मैं झड़ने लगी तो अजय ने थोड़ी रफ्तार कम की। 

मैंने दोनों हाथ से चारपाई पकड़ ली ,पूरी देह काँप रही थी. बाहर तूफान में पीपल के पेड़ के पत्ते काँप रहे थे ,उससे भी ज्यादा तेजी से। 



जैसे बाहर पागलों की तरह बँसवाड़ी के बांस एक दूसरे से रगड़ रहे थे, मैं अपनी देह अजय की देह में रगड़ रही थी। 



अजय मेरे अंदर धंसा था लेकिन मेरा मन कर रहा था बस मैं अजय के अंदर खो जाऊं , उसके बांस की बांसुरी की हवा बन के उसके साथ रहूँ। 



मुझे अपने ही रंग में रंग ले , मुझे अपने ही रंग में रंग ले ,

जो तू मांगे रंग की रंग रंगाई , जो तू मांगे रंग की रंगाई ,

मोरा जोबन गिरवी रख ले , अरे मोरा जोबन गिरवी रख ले 
,





मेरा तन ,मेरा मन दोनों उस के कब्जे में थे। 





दो बार तक वह मुझे सातवें आसमान तक ले गया ,और जब तीसरी बार झड़ी मैं तो वो मेरे साथ ,मेरे अंदर , … खूब देर तक गिरता रहा ,झड़ता रहा। 

[Image: fucking-cum-J-tumblr-oa9tba-Zfl-B1twe1zjo1-500.gif]

बाहर धरती सावन की हर बूँद सोख रही थी और अंदर मैं उसी प्यास से ,एक एक बूँद रोप रही थी। 



देर तक हम दोनों एक दूसरे में गूथे लिपटे रहे। 



वह बूँद बूँद रिसता रहा। 

अलसाया , 





बाहर भी तूफान हल्का हो गया था। 



बारिश की बूंदो की आवाज , पेड़ों से , घर की खपड़ैल से पानी के टपकने की आवाज एक अजब संगीत पैदा कर रहा था। 

[Image: rain-dripping.gif]

उसके आने के बाद हम दोनों को पहली बार , बाहर का अहसास हुआ। 





[Image: Sensual-Erotic-Pictures-Pack-103-13.jpg]





अजय ने हलके से मुझे चूमा और पलंग से उठ के अँधेरे में सीधे ताखे के पास , और बुझी हुयी ढिबरी जला दी.


[Image: Dhibari-download.jpg]
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Messages In This Thread
सोलवां सावन - by komaalrani - 10-01-2019, 10:36 PM
RE: सोलवां सावन - by Bregs - 10-01-2019, 11:31 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 01-02-2019, 02:50 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 13-02-2019, 06:40 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 19-02-2019, 01:09 PM
RE: सोलवां सावन - by komaalrani - 24-02-2019, 07:22 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 26-02-2019, 11:10 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 08:44 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 11:46 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 19-05-2019, 11:15 AM
RE: सोलवां सावन - by Theflash - 03-07-2019, 10:31 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 14-07-2019, 04:07 PM
RE: सोलवां सावन - by usaiha2 - 09-07-2021, 05:54 PM



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