24-02-2019, 07:02 PM
कोरी की कोरी
"एक बार घुस जाता न तो सारा डर चला जाता तेरा ,सिर्फ मजा मिलता।" मैंने उनके गोरे चिकने गाल को सहलाते समझाया और पूछा , फिर कभी
" हाँ हाँ कई बार , लेकिन हर बार कुछ न कुछ , और एक बार तो लम्बा प्रोग्राम बना , पूरे तीन दिन का। मैं भी तैयार था। मैंने मन पक्का कर लिया था। "
अब वो खुल के बोल रहे थे , आज कन्फेशन टाइम था। पहले अपनी उस ममेरी बहन के बारे में और अब ,…
" अरे यार पूरा डिटेल में बताओ न "
मैंने और चढ़ाया।
"मैंने भी मन बना लिया था ,हो जाए तो हो जाने दो।
मेरे तो कई पक्के दोस्त एकदम खुल के बताते थे की ,साल्ले ,बिना हिचक के , मरवा के लौटते थे तो बोलते थे की बड़ा मजा आता है , जब रगड़ता दरेरता घुसता है। और उपर से मुझे चिढ़ाते थे , बहुत डरपोक है तू , अरे एक बार ट्राई कर ले , नहीं मन करेगा तो दुबारा मत मरवाना ,कौन लौंडिया है की गाभिन हो जाएगा। "
अब वो एकदम खुल के मस्ती से बोल रहे थे और मैं भी मजे से बिना उन्हें टोके, सुन रही थी।
वो चालू रहे.
"मैं ११वे में बैडमिण्टन में कॉलेज का चैम्पियन था। बहुत अच्छा खेलता था। सभी लोग कहते थे मेरे रीजनल चैम्पियनशिप बनने का चांस बहुत है। एक बार वहां नंबर २ भी हो गया न तो स्टेट तक जाने का चांस था। मेरा कैप्टेन , एकदम क्या कहते हैं एकदम , वो , ( थोड़ा झिझके वो ) ....तुम्हारे कमल जीजू टाइप था।
थोड़ा डॉमिनेटिंग भी , और बाकी दोनों प्लेयर्स भी उसी टाइप के ,उसके चमचे। जब से टीम तय हुयी थी ,
वो दोनों मुझे छेड़ते थे ,तुम्हारा सोलहवां सावन जम के बरसेगा। इतनी दिनों की बचायी नथ उतर जायेगी। और वहां रहने का अरेंजमेंट भी ऐसा था , हम चारों को एक ही कमरे में रहना था। जो टीचर जा रहे थे ,उन का घर वहां से पास में था , इस लिए उन्होंने पहले ही कैप्टेन से तय कर लिया था की , वो हमारी टीम के पहुंचते ही , वो अपने घर चले जाएंगे और चौथे दिन , गेम के लास्ट डे ही आएंगे।
कुछ देर रुक के फिर वो बोले , " मैंने घर में सबको सेट कर लिया था ,सबकी परमिशन मिल गयी थी। मैंने पैकिंग भी कर ली थी। "
मैं सोच रही थी , अबकी तो उनकी फाड़ी गयी होगी धूम धड़ाके से , लेकिन उनकी टोन बदल गयी , एकदम रुक रुक के उदास।
" लेकिन , जो हर बार होता , तुम मेरी मझली बहन को जानती हो ,मेरी मौसी की लड़की। उनकी कितनी चलती है घर में , जिस रात जाना था , उसी दिन वो आयीं और सब गुड़गोबर कर दिया उन्होंने , मुझे जो डांटा वो तो अलग , घर में भी सबको , फालतू में टाइम वेस्ट , एक महीना बचा है , छमाही इम्तहान को। वो तीन चार दिन के लिए आई थीं। एकदम सब ,… "
मैं प्यार से उनके गाल और गांड को सहलाते बोली।
"तेरी सारी मायकेवालियाँ न, मेरी सास समेत ,पक्की छिनार हैं . खुद तो मोहल्ले में घूम घूम के बांटती है ,और मेरे मुन्ने को , चल घबड़ा मत , बहुत जल्द मैं और मम्मी करवा देंगी तेरी नथ उतराई।
और फिर इसमें गड़बड़ क्या है , सिर्फ गांड मरवाने से कोई गे थोड़ी हो जाता है। ये तो बहुत अच्छी बात है , तुम दोनों ओर से मजा ले सकते हो , डबल मजा। और फिर लड़कियों ,औरतों के साथ भी तो तुम , देखो मम्मी ने कहा और तुम्माण भी गए हो ,मेरी सास के भोसड़े की , मेरी उस ननद के पीछे तो तुम तब से पड़े थे जब उस के टिकोरे बस आना शुरू हुए थे ,
कमल जीजू भी तो लड़कों का शौक रखते हैं लेकिन चीनू दी का बिना नागा , … ऐसे लोगों को 'बाई' कहते हैं जो डबल मजा लेते हैं , लड़कों से भी लड़कियों से भी ,नो जेंडर डिस्क्रिमिनेशन , तो ये तो बहुत अच्छा है न। अच्छा हुए तूने मुझे बता दिया। मैं भी जेंडर डिस्क्रिमिनेशन में विश्वास नहीं रखती। "
खुश होकर वो मेरी ओर मुड़े और मुझे बाँहों में भींच लिया , चूम के बोले ,
" तुम भी "
उन की ख़ुशी एकदम छलक रही थी।
जवाब में मैंने भी जोरदार चुम्मी दी और बोली ,
" और क्या , लेकिन तुम्हारी तरह से मैं घबडाती शर्माती नहीं थी , खुद आगे बढ़ के। …
फिर मैंने हाल खुलासा बयान किया।
[
"अरे यार जहाँ तक लड़कों का सवाल है मैं तेरी ही तरह से नौसिखिया , ...सब तुम्ही ने किया पहली रात लेकिन लड़कियों के मामले में ,.... हाईकॉलेज के बाद मैं बोर्डिंग में चली गयी , वहां रैगिंग वैगिंग पहले नहीं होती थी ,लेकिन जब मैं १२ में गयी उस साल से एकदम , और रैगिंग में लड़कियों को ऊँगली करवाने से शुरू हो के।
यहाँ तक की नयी नयी लड़कियां जो नौवीं में आती थी , उन को भी , और सिखाते सिखाते मजे भी , वो तेरी छिनाल बहना काम माल आएगी न , जब तेरे मायके जाएंगे न , तो उसे ले आएंगे तो तुम क्या समझते हो।
रात भर तो तुम चढ़ोगे उसके नयी बछेड़ी पे , तो दिन में ? अरे दिन में मैं भोगूँगी उसे। "
हम दोनों सो गए एक दूसरे की बाहों में , लेकिन सोने के पहले ,… वो बुदबुदा रहे थे।
" लास्ट टाइम , यू नो , …सिर्फ तीन चार साल पहले , जब मेरी पहली जॉब लगी थी , हम लोग इन्डकशन ट्रेनिंग के लिए एक मैनेजमेंट कालेज में गए थे।
यूरिनल स्टाल पे मेरे बगल में एक और कोई ट्रेनिंग में आये थे , सीनियर मैनेजमेंट में , ४५-५० के रहे होंगे। गलती से मेरी निगाह उनके स्टाल पे ,जान बूझ के नहीं बस यु हीं , .... क्या मस्त कड़ियल मोटा नाग ,मुट्ठी में न समाये , ऐसा। सुपाड़ा भी बहुत दमदार। मुझे लगा नहीं की उन्होंने मुझे देखते हुए देखा होगा ,हाथ धोते समय वो मुझे देख के मुस्कराये और मैंने भी स्माइल दे दिया। लंच में वो खुद मेरे पास आके बैठ गए और काफी बातें की , मुझे लग गया था किवो सीन सेट कर रहे हैं ,और मैंने भी , अच्छा तो मुझे भी लगा था , तो मैंने भी ,… रूम्स की कुछ शार्टेज थी इसलिए हम लोगों शायद शेयर करना पड़ता , लेकिन कोई जूनियर ट्रेनी ही मेरा रूम पार्टनर होता।
पर रिसेप्शन ने बताया की उन्होंने खुद रिक्वेस्ट कर के स्वैप कर लिया है और मेरे रूम पार्टनर होंगे। रात को हमारा ट्रेनिंग सेशन देर से खत्म हुआ मैं लौटा तो दो मेसेज थे , एक तो सडेनली कोई ट्रेनिंग प्रोग्राम कैंसल हो गया था इसलिए सबके रूम सिंगल कर दिए गए। सारे ट्रेनीज खुश थे , सिवाय मेरे। और रूम में लौटा तो उनका नोट थे की कुछ उनके घर में इमरजेंसी थी इसलिए ही इज गोइंग बैक।
हम दोनों सो गए।
कब शाम ढली मुझे पता नहीं चला।
"एक बार घुस जाता न तो सारा डर चला जाता तेरा ,सिर्फ मजा मिलता।" मैंने उनके गोरे चिकने गाल को सहलाते समझाया और पूछा , फिर कभी
" हाँ हाँ कई बार , लेकिन हर बार कुछ न कुछ , और एक बार तो लम्बा प्रोग्राम बना , पूरे तीन दिन का। मैं भी तैयार था। मैंने मन पक्का कर लिया था। "
अब वो खुल के बोल रहे थे , आज कन्फेशन टाइम था। पहले अपनी उस ममेरी बहन के बारे में और अब ,…
" अरे यार पूरा डिटेल में बताओ न "
मैंने और चढ़ाया।
"मैंने भी मन बना लिया था ,हो जाए तो हो जाने दो।
मेरे तो कई पक्के दोस्त एकदम खुल के बताते थे की ,साल्ले ,बिना हिचक के , मरवा के लौटते थे तो बोलते थे की बड़ा मजा आता है , जब रगड़ता दरेरता घुसता है। और उपर से मुझे चिढ़ाते थे , बहुत डरपोक है तू , अरे एक बार ट्राई कर ले , नहीं मन करेगा तो दुबारा मत मरवाना ,कौन लौंडिया है की गाभिन हो जाएगा। "
अब वो एकदम खुल के मस्ती से बोल रहे थे और मैं भी मजे से बिना उन्हें टोके, सुन रही थी।
वो चालू रहे.
"मैं ११वे में बैडमिण्टन में कॉलेज का चैम्पियन था। बहुत अच्छा खेलता था। सभी लोग कहते थे मेरे रीजनल चैम्पियनशिप बनने का चांस बहुत है। एक बार वहां नंबर २ भी हो गया न तो स्टेट तक जाने का चांस था। मेरा कैप्टेन , एकदम क्या कहते हैं एकदम , वो , ( थोड़ा झिझके वो ) ....तुम्हारे कमल जीजू टाइप था।
थोड़ा डॉमिनेटिंग भी , और बाकी दोनों प्लेयर्स भी उसी टाइप के ,उसके चमचे। जब से टीम तय हुयी थी ,
वो दोनों मुझे छेड़ते थे ,तुम्हारा सोलहवां सावन जम के बरसेगा। इतनी दिनों की बचायी नथ उतर जायेगी। और वहां रहने का अरेंजमेंट भी ऐसा था , हम चारों को एक ही कमरे में रहना था। जो टीचर जा रहे थे ,उन का घर वहां से पास में था , इस लिए उन्होंने पहले ही कैप्टेन से तय कर लिया था की , वो हमारी टीम के पहुंचते ही , वो अपने घर चले जाएंगे और चौथे दिन , गेम के लास्ट डे ही आएंगे।
कुछ देर रुक के फिर वो बोले , " मैंने घर में सबको सेट कर लिया था ,सबकी परमिशन मिल गयी थी। मैंने पैकिंग भी कर ली थी। "
मैं सोच रही थी , अबकी तो उनकी फाड़ी गयी होगी धूम धड़ाके से , लेकिन उनकी टोन बदल गयी , एकदम रुक रुक के उदास।
" लेकिन , जो हर बार होता , तुम मेरी मझली बहन को जानती हो ,मेरी मौसी की लड़की। उनकी कितनी चलती है घर में , जिस रात जाना था , उसी दिन वो आयीं और सब गुड़गोबर कर दिया उन्होंने , मुझे जो डांटा वो तो अलग , घर में भी सबको , फालतू में टाइम वेस्ट , एक महीना बचा है , छमाही इम्तहान को। वो तीन चार दिन के लिए आई थीं। एकदम सब ,… "
मैं प्यार से उनके गाल और गांड को सहलाते बोली।
"तेरी सारी मायकेवालियाँ न, मेरी सास समेत ,पक्की छिनार हैं . खुद तो मोहल्ले में घूम घूम के बांटती है ,और मेरे मुन्ने को , चल घबड़ा मत , बहुत जल्द मैं और मम्मी करवा देंगी तेरी नथ उतराई।
और फिर इसमें गड़बड़ क्या है , सिर्फ गांड मरवाने से कोई गे थोड़ी हो जाता है। ये तो बहुत अच्छी बात है , तुम दोनों ओर से मजा ले सकते हो , डबल मजा। और फिर लड़कियों ,औरतों के साथ भी तो तुम , देखो मम्मी ने कहा और तुम्माण भी गए हो ,मेरी सास के भोसड़े की , मेरी उस ननद के पीछे तो तुम तब से पड़े थे जब उस के टिकोरे बस आना शुरू हुए थे ,
कमल जीजू भी तो लड़कों का शौक रखते हैं लेकिन चीनू दी का बिना नागा , … ऐसे लोगों को 'बाई' कहते हैं जो डबल मजा लेते हैं , लड़कों से भी लड़कियों से भी ,नो जेंडर डिस्क्रिमिनेशन , तो ये तो बहुत अच्छा है न। अच्छा हुए तूने मुझे बता दिया। मैं भी जेंडर डिस्क्रिमिनेशन में विश्वास नहीं रखती। "
खुश होकर वो मेरी ओर मुड़े और मुझे बाँहों में भींच लिया , चूम के बोले ,
" तुम भी "
उन की ख़ुशी एकदम छलक रही थी।
जवाब में मैंने भी जोरदार चुम्मी दी और बोली ,
" और क्या , लेकिन तुम्हारी तरह से मैं घबडाती शर्माती नहीं थी , खुद आगे बढ़ के। …
फिर मैंने हाल खुलासा बयान किया।
[
"अरे यार जहाँ तक लड़कों का सवाल है मैं तेरी ही तरह से नौसिखिया , ...सब तुम्ही ने किया पहली रात लेकिन लड़कियों के मामले में ,.... हाईकॉलेज के बाद मैं बोर्डिंग में चली गयी , वहां रैगिंग वैगिंग पहले नहीं होती थी ,लेकिन जब मैं १२ में गयी उस साल से एकदम , और रैगिंग में लड़कियों को ऊँगली करवाने से शुरू हो के।
यहाँ तक की नयी नयी लड़कियां जो नौवीं में आती थी , उन को भी , और सिखाते सिखाते मजे भी , वो तेरी छिनाल बहना काम माल आएगी न , जब तेरे मायके जाएंगे न , तो उसे ले आएंगे तो तुम क्या समझते हो।
रात भर तो तुम चढ़ोगे उसके नयी बछेड़ी पे , तो दिन में ? अरे दिन में मैं भोगूँगी उसे। "
हम दोनों सो गए एक दूसरे की बाहों में , लेकिन सोने के पहले ,… वो बुदबुदा रहे थे।
" लास्ट टाइम , यू नो , …सिर्फ तीन चार साल पहले , जब मेरी पहली जॉब लगी थी , हम लोग इन्डकशन ट्रेनिंग के लिए एक मैनेजमेंट कालेज में गए थे।
यूरिनल स्टाल पे मेरे बगल में एक और कोई ट्रेनिंग में आये थे , सीनियर मैनेजमेंट में , ४५-५० के रहे होंगे। गलती से मेरी निगाह उनके स्टाल पे ,जान बूझ के नहीं बस यु हीं , .... क्या मस्त कड़ियल मोटा नाग ,मुट्ठी में न समाये , ऐसा। सुपाड़ा भी बहुत दमदार। मुझे लगा नहीं की उन्होंने मुझे देखते हुए देखा होगा ,हाथ धोते समय वो मुझे देख के मुस्कराये और मैंने भी स्माइल दे दिया। लंच में वो खुद मेरे पास आके बैठ गए और काफी बातें की , मुझे लग गया था किवो सीन सेट कर रहे हैं ,और मैंने भी , अच्छा तो मुझे भी लगा था , तो मैंने भी ,… रूम्स की कुछ शार्टेज थी इसलिए हम लोगों शायद शेयर करना पड़ता , लेकिन कोई जूनियर ट्रेनी ही मेरा रूम पार्टनर होता।
पर रिसेप्शन ने बताया की उन्होंने खुद रिक्वेस्ट कर के स्वैप कर लिया है और मेरे रूम पार्टनर होंगे। रात को हमारा ट्रेनिंग सेशन देर से खत्म हुआ मैं लौटा तो दो मेसेज थे , एक तो सडेनली कोई ट्रेनिंग प्रोग्राम कैंसल हो गया था इसलिए सबके रूम सिंगल कर दिए गए। सारे ट्रेनीज खुश थे , सिवाय मेरे। और रूम में लौटा तो उनका नोट थे की कुछ उनके घर में इमरजेंसी थी इसलिए ही इज गोइंग बैक।
हम दोनों सो गए।
कब शाम ढली मुझे पता नहीं चला।