24-02-2019, 06:39 PM
जोरू का गुलाम भाग 20
चिकना
अब तक
मेरी उंगली दोनों नितम्बों के बीच की दरार को हलके हलके सहला रही थी।
मुझे एक शरारत सूझी और ऊँगली की टिप सीधे गांड में प्रेस कर दिया , और हलके से उनके नमकीन गाल काटते बोली ,
" तुम मम्मी से तो शर्मा कर बच गए , मुझसे तो बता दो ,इसमें कुछ गया है क्या , कितनी बार। "
" धत्त ,… " जोर से शरमाये वो।
" अरे यार इसमें शर्माने की क्या बात है , अब तक भी तो तुम इतने चिकने नमकीन लगते हो , जरूर बचपन में किसी न किसी ने यहाँ घुसाया होगा , बोल न। "
मेरी ऊँगली पिछवाड़े में गोल गोल घूम रही थी।
शरमाते हुए उन्होंने नहीं में सर हलके से हिलाया।
…….
आगे
मेरा एक हाथ उनके पिछवाड़े लगा हुआ था और दूसरा बहुत प्यार से उनके गाल को घने घने बालों को सहला रहा था। जैसे किसी लौंडिया के शलवार में घुसने के लिए लोग सहलाते है।
मैंने फिर समझाया ,
" यार मान लो तुम ने मरवाया ,तो इसमें कोई बुरी बात थोड़े ही है ,कमल जीजू को तुम जानते ही हो , चीनू दी के हसबैंड , वो तो अभी तक , उन्होंने मुझसे खुद कबूला था की पहली बार उन्होंने एक लड़के के साथ , वो नौवें में थे और लड़का आठवें में , उसके बाद तो लगातार।
यहां तक की अभी भी , शादी के दो तीन साल हो गए हैं ,लेकिन शायद ही कोई महीना नागा जाता हो , जब वो दो तीन लड़कों की न लेते हों , और चीनू दी को भी मालूम है,वो बुरा भी नहीं मानती ।
यहाँ तक की चीनू दी की भी हर हफ्ते एकदो बार पिछवाड़े का बाज बज ही जाता है। "
फिर कुछ याद करते हुए मैंने कहा ,
" अरे यार वो तो तेरे ही कॉलेज में पढ़ते थे , तुम्हे तो अच्छी तरह मालूम होगा। और फिर तुम्हारा कॉलेज तो मशहूर था लौंडेबाजी के लिए ,कीते सीनियर थे "
अब वो खुले।
" मुझसे ४ साल सीनियर थे वो ,कौन नहीं जानता उनके बारे में , मैं जब नौवें में गया तब वो १२ में थे। एकदम मशहूर थे ,सब डरते थे उनसे। "
मैं समझ गयी अब , थोड़ा सा प्रेस करूँ तो शायद और , .... मैंने बात मोड़ी। मैंने पूछा ,
" डरते थे मतलब ,क्या मार पिटाई करते थे ,ऐसे तो नहीं लगते। "
" अरे नहीं यार कैसे तुम्हे समझाऊं , जो नए लड़के आते थे न बस उनके पीछे , गनीमत थी जिस साल मैं आया , उसके अगले साल वो बारहवीं पास कर के , ....जो लड़का के बार उनके चंगुल में पड़ा न ,बस उसकी दो दिन की छुट्टी , एकदम , उनका ,… वो, …साइज ,… इसलिए , सब डरते थे। "
वो धीमे से बोले।
" साफ साफ समझाओ न , सच में मुझे नहीं समझ में आ रहा है ,वो,साइज क्या मतलब , किस चीज के बारे में बात कर रहे हो "
मुस्कान दबाते मैंने पूछा।
" उप्फ कैसे समझाऊं , वो वही , …पूरा बालिश्त भर का , और कलाई इतना मोटा , जो एक बार उनके चक्कर में पड़ गया , दो दिन आ नहीं पाता था कॉलेज। लेकिन जो वैसे लड़के थे वो तारीफ भी करते थे और उनका मन ललचाता ,… "
मैंने उनकी बात काटी और बनावटी गुस्से से घुड़कते हुए उनके कान का पान बनाया और बोली ,
" तू पिटेगा मेरे हाथ से , कित्ती बार समझाया ,मुझसे खुल कर एकदम देसी जुबान में। बोलो खुल के क्या बड़ा था ,कमल जीजू का। "
" वो वही , उनका लंड , खूब लम्बा पूरा बालिश्त भर का और वो बिना पूरा अंदर किये बिना ,मोटा भी इतना था की , लग जाती थी जिसकी लेते थे। "
वो अब थोड़े मूड में आ रहे थे।
" तो कमल जीजू ने तेरे साथ भी ,.... "
मैंने पुछा और अब वो खुल के बात करने के मूड में आ गए।
" नहीं यार , एक तो हमेशा कोई मुझे घर से छोड़ने लेने आता था , उसकी साइकिल पे मैं आता था। कॉलेज खत्म होने के पहले ही वो आ जाता था। फिर एक साल ही हम , अगले साल ही वो इंजीनियरिंग कालेज में चले गए।
लेकिन बात तुम्हारी सही है , जब मैंने कॉलेज ज्वाइन किया न तो सीनियर लड़के और कुछ तो मेरे क्लास वाले भी ,एक से एक खुल के कमेंट करते , मुझसे दोस्ती करने की कोशिश करते। होली में मेरी टायटल भी मिली ,है शुकर की तू है लड़का।
केमिस्ट्री लैब में तो , जैसे मैं पहुंचता था सब के सब एच सी एल ,एच सी एल बोलने लगते। "
लड़कों की टर्मिनोलॉजी मुझे नहीं मालूम थी , इसलिए मैंने साफ साफ पूछ लिया।
" एच सी एल , बोले तो "
" हाई क्लास लौंडा "
वो बोले और फिर बात आगे बढ़ाई ,
" वैसे तो बहुत , लेकिन एक दिन मेरे क्लास का ही लड़का ,चंदू मेरे घर आया था। हम लोग मिल के होम वर्क कर रहे थे, घर में सब लोग बाजार गए थे। फिर इधर उधर की बात शुरू हो गयी , उसने पूछा की मैं एच पी करता हूँ की नहीं , फिर उसने खुद ही अपना हाफ पेंट नीचे सरका के , अपना खोल के दिखाया ,
और जब तक मैं उसे मना करूँ ,.....उसने मेरी निकर भी सरका दी। "
चिकना
अब तक
मेरी उंगली दोनों नितम्बों के बीच की दरार को हलके हलके सहला रही थी।
मुझे एक शरारत सूझी और ऊँगली की टिप सीधे गांड में प्रेस कर दिया , और हलके से उनके नमकीन गाल काटते बोली ,
" तुम मम्मी से तो शर्मा कर बच गए , मुझसे तो बता दो ,इसमें कुछ गया है क्या , कितनी बार। "
" धत्त ,… " जोर से शरमाये वो।
" अरे यार इसमें शर्माने की क्या बात है , अब तक भी तो तुम इतने चिकने नमकीन लगते हो , जरूर बचपन में किसी न किसी ने यहाँ घुसाया होगा , बोल न। "
मेरी ऊँगली पिछवाड़े में गोल गोल घूम रही थी।
शरमाते हुए उन्होंने नहीं में सर हलके से हिलाया।
…….
आगे
मेरा एक हाथ उनके पिछवाड़े लगा हुआ था और दूसरा बहुत प्यार से उनके गाल को घने घने बालों को सहला रहा था। जैसे किसी लौंडिया के शलवार में घुसने के लिए लोग सहलाते है।
मैंने फिर समझाया ,
" यार मान लो तुम ने मरवाया ,तो इसमें कोई बुरी बात थोड़े ही है ,कमल जीजू को तुम जानते ही हो , चीनू दी के हसबैंड , वो तो अभी तक , उन्होंने मुझसे खुद कबूला था की पहली बार उन्होंने एक लड़के के साथ , वो नौवें में थे और लड़का आठवें में , उसके बाद तो लगातार।
यहां तक की अभी भी , शादी के दो तीन साल हो गए हैं ,लेकिन शायद ही कोई महीना नागा जाता हो , जब वो दो तीन लड़कों की न लेते हों , और चीनू दी को भी मालूम है,वो बुरा भी नहीं मानती ।
यहाँ तक की चीनू दी की भी हर हफ्ते एकदो बार पिछवाड़े का बाज बज ही जाता है। "
फिर कुछ याद करते हुए मैंने कहा ,
" अरे यार वो तो तेरे ही कॉलेज में पढ़ते थे , तुम्हे तो अच्छी तरह मालूम होगा। और फिर तुम्हारा कॉलेज तो मशहूर था लौंडेबाजी के लिए ,कीते सीनियर थे "
अब वो खुले।
" मुझसे ४ साल सीनियर थे वो ,कौन नहीं जानता उनके बारे में , मैं जब नौवें में गया तब वो १२ में थे। एकदम मशहूर थे ,सब डरते थे उनसे। "
मैं समझ गयी अब , थोड़ा सा प्रेस करूँ तो शायद और , .... मैंने बात मोड़ी। मैंने पूछा ,
" डरते थे मतलब ,क्या मार पिटाई करते थे ,ऐसे तो नहीं लगते। "
" अरे नहीं यार कैसे तुम्हे समझाऊं , जो नए लड़के आते थे न बस उनके पीछे , गनीमत थी जिस साल मैं आया , उसके अगले साल वो बारहवीं पास कर के , ....जो लड़का के बार उनके चंगुल में पड़ा न ,बस उसकी दो दिन की छुट्टी , एकदम , उनका ,… वो, …साइज ,… इसलिए , सब डरते थे। "
वो धीमे से बोले।
" साफ साफ समझाओ न , सच में मुझे नहीं समझ में आ रहा है ,वो,साइज क्या मतलब , किस चीज के बारे में बात कर रहे हो "
मुस्कान दबाते मैंने पूछा।
" उप्फ कैसे समझाऊं , वो वही , …पूरा बालिश्त भर का , और कलाई इतना मोटा , जो एक बार उनके चक्कर में पड़ गया , दो दिन आ नहीं पाता था कॉलेज। लेकिन जो वैसे लड़के थे वो तारीफ भी करते थे और उनका मन ललचाता ,… "
मैंने उनकी बात काटी और बनावटी गुस्से से घुड़कते हुए उनके कान का पान बनाया और बोली ,
" तू पिटेगा मेरे हाथ से , कित्ती बार समझाया ,मुझसे खुल कर एकदम देसी जुबान में। बोलो खुल के क्या बड़ा था ,कमल जीजू का। "
" वो वही , उनका लंड , खूब लम्बा पूरा बालिश्त भर का और वो बिना पूरा अंदर किये बिना ,मोटा भी इतना था की , लग जाती थी जिसकी लेते थे। "
वो अब थोड़े मूड में आ रहे थे।
" तो कमल जीजू ने तेरे साथ भी ,.... "
मैंने पुछा और अब वो खुल के बात करने के मूड में आ गए।
" नहीं यार , एक तो हमेशा कोई मुझे घर से छोड़ने लेने आता था , उसकी साइकिल पे मैं आता था। कॉलेज खत्म होने के पहले ही वो आ जाता था। फिर एक साल ही हम , अगले साल ही वो इंजीनियरिंग कालेज में चले गए।
लेकिन बात तुम्हारी सही है , जब मैंने कॉलेज ज्वाइन किया न तो सीनियर लड़के और कुछ तो मेरे क्लास वाले भी ,एक से एक खुल के कमेंट करते , मुझसे दोस्ती करने की कोशिश करते। होली में मेरी टायटल भी मिली ,है शुकर की तू है लड़का।
केमिस्ट्री लैब में तो , जैसे मैं पहुंचता था सब के सब एच सी एल ,एच सी एल बोलने लगते। "
लड़कों की टर्मिनोलॉजी मुझे नहीं मालूम थी , इसलिए मैंने साफ साफ पूछ लिया।
" एच सी एल , बोले तो "
" हाई क्लास लौंडा "
वो बोले और फिर बात आगे बढ़ाई ,
" वैसे तो बहुत , लेकिन एक दिन मेरे क्लास का ही लड़का ,चंदू मेरे घर आया था। हम लोग मिल के होम वर्क कर रहे थे, घर में सब लोग बाजार गए थे। फिर इधर उधर की बात शुरू हो गयी , उसने पूछा की मैं एच पी करता हूँ की नहीं , फिर उसने खुद ही अपना हाफ पेंट नीचे सरका के , अपना खोल के दिखाया ,
और जब तक मैं उसे मना करूँ ,.....उसने मेरी निकर भी सरका दी। "