01-06-2020, 04:34 PM
काफ़ी देर लगी राज को छुटने में !
जैसे ही राज मेरी चूत से अपना लौड़ा निकाल कर मुठ मारने लगा, सुनीता ने मेरी चूत से निकले खून से सने राज के लण्ड को अपने मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी। राज सुनीता दीदी के मुँह के अन्दर ही झड़ गया।
इसके बाद काफ़ी देर हम ऐसे ही लेटे रहे और फ़िर सुनीता ने राज से एक बार अपनी चुदाई कराई हालांकि राज की बिल्कुल इच्छा नहीं थी और ना ही उसमें तीसरी चुदाई की हिम्मत थी।
जैसे ही राज मेरी चूत से अपना लौड़ा निकाल कर मुठ मारने लगा, सुनीता ने मेरी चूत से निकले खून से सने राज के लण्ड को अपने मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी। राज सुनीता दीदी के मुँह के अन्दर ही झड़ गया।
इसके बाद काफ़ी देर हम ऐसे ही लेटे रहे और फ़िर सुनीता ने राज से एक बार अपनी चुदाई कराई हालांकि राज की बिल्कुल इच्छा नहीं थी और ना ही उसमें तीसरी चुदाई की हिम्मत थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.