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Incest मैं, दीदी और हमारा राज
#9
सुनीता ने राज से कहा- राज ! चोद दे साली को ! खोल दे इसकी चूत ! इसे भी दिखा दे कि चुदने में कितना मज़ा है।

राज मेरे ऊपर से उठा, मेरी जांघों के बीच आया, सुनीता ने मेरी एक टांग पकड़ी, दूसरे हाथ से राज का लण्ड पकड़ कर मेरी योनि-छिद्र पर लगाया और बोली- लगा धक्का राज !

और मेरी चीख निकल गई- हाय मम्मी ! मर गई मैं !

इतने में सुनीता का हाथ मेरे मुँह पर जम गया और मेरी आवाज घुट कर रह गई।

बस उसके बाद वही सब ! धीरे धीरे मेरा दर्द गायब होने लगा, मुझे मज़ा आने लगा और राज धक्के पर धक्का लगाने लगा।

जब राज का छुटने को था तो सुनीता पहले ही बोल पड़ी- राज, अन्दर मत करना
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: मैं, दीदी और हमारा राज - by neerathemall - 01-06-2020, 04:33 PM



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