01-06-2020, 04:21 PM
मैंने दीदी की तरफ देखा तो वो दूसरी तरफ करवट लिए सोई थीं.
फिर नजर गई कि दीदी ने आज भी सलवार नहीं पहनी है.
फिर नजर गई कि दीदी ने आज भी सलवार नहीं पहनी है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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