01-06-2020, 04:20 PM
फिर मैंने शाम को चाय बनाई और उनको उठाया तो करवट लेने में मुझे उनकी पूरी पैंटी दिखी. बहुत देर तक मैं दीदी की पेंटी को देखता रहा.
शाम का खाना खाने के बाद हम सोये.. लेकिन इस बार हॉल में टीवी के सामने ही लेट गए. वहां पर आलरेडी एक बेड है. तो टीवी देखने के लिए नीचे फर्श पर ही बिस्तर लगा लिया. अभी 10 ही बजे थे. इस बार हम पहले से ज्यादा पास चिपके थे.
लगभग 11 बजे दीदी बोलीं- मैं सो रही हूँ.
मैं टीवी का वॉल्यूम कम करके देखने लगा.
शाम का खाना खाने के बाद हम सोये.. लेकिन इस बार हॉल में टीवी के सामने ही लेट गए. वहां पर आलरेडी एक बेड है. तो टीवी देखने के लिए नीचे फर्श पर ही बिस्तर लगा लिया. अभी 10 ही बजे थे. इस बार हम पहले से ज्यादा पास चिपके थे.
लगभग 11 बजे दीदी बोलीं- मैं सो रही हूँ.
मैं टीवी का वॉल्यूम कम करके देखने लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.