01-06-2020, 04:20 PM
उन्हें यू देख कर मेरा मन फिर से मचलने लगा. आज मैं कॉलेज नहीं गया.. मेरा मन नहीं किया. आज दिन भर दीदी के साथ ही रहा. कभी वो मुझे छेड़ती रहीं तो कभी मैं उन्हें छेड़ता रहा.
एक बार तो दीदी ने हद ही कर दी, जब मैं नहा कर निकला तो उन्होंने मेरा टॉवल खींच लिया, लेकिन मैंने दुर्भाग्य से अंडरवियर पहना था.
मैंने कह दिया- आज आपका लक नहीं था.
तो वो बोलीं- मैंने तुझे अंडरवियर उठाते हुए देख लिया था.
मैंने कहा- ठीक है तो मेरा बैड लक रहा.
लेकिन जब वो दोपहर को सो रही थीं तो मैंने उनकी पैरों में गुदगुदी की, लेकिन जब कुछ हलचल नहीं हुई तो कुछ आगे बढ़ा और दीदी की जाँघों तक पहुँच गया, पर वहीं रुक गया.
एक बार तो दीदी ने हद ही कर दी, जब मैं नहा कर निकला तो उन्होंने मेरा टॉवल खींच लिया, लेकिन मैंने दुर्भाग्य से अंडरवियर पहना था.
मैंने कह दिया- आज आपका लक नहीं था.
तो वो बोलीं- मैंने तुझे अंडरवियर उठाते हुए देख लिया था.
मैंने कहा- ठीक है तो मेरा बैड लक रहा.
लेकिन जब वो दोपहर को सो रही थीं तो मैंने उनकी पैरों में गुदगुदी की, लेकिन जब कुछ हलचल नहीं हुई तो कुछ आगे बढ़ा और दीदी की जाँघों तक पहुँच गया, पर वहीं रुक गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
