01-06-2020, 04:14 PM
शाम का वक़्त था.. मैं कॉलेज से घर आया था. चाचा हॉल में टीवी देख रहे थे. मैं कपड़े चेंज करने के लिए अन्दर जा ही रहा था कि चाची ने मुझे रोका और कहा- अन्दर दीदी चेंज कर रही है.
मैं बाहर रुक गया और टीवी देखने लगा.
कुछ देर बाद मैं भूल गया और चेंज करने के लिए अन्दर की ओर बढ़ गया. मैं जैसे ही अन्दर गया, वहाँ पर दीदी नए कपड़ों का ट्रायल ले रही थीं. तभी दीदी ने मुझे देखा और मुझ पर बहुत चिल्लाई.
मैं घबरा कर वापस आने लगा तो मैंने देखा कि वो केवल पेटीकोट और ब्लाउज़ में थीं और उनका क्लीवेज साफ मुझे दिख रहा था. उनका गोरा चमकता हुआ पेट बहुत ही आकर्षक दिख रहा था.. लेकिन मैं उनकी डांट सुनकर वहाँ से जल्दी से निकल गया.
इसके बाद 2-3 दिन तक मेरे दिमाग में वही सीन चलता रहा. फिर मैं उसे भूल गया. इस तरह से 6-7 महीने निकल गए और गर्मी का मौसम आ गया.
दीदी की छुट्टियाँ शुरू हो गई थीं क्योंकि वो एक स्कूल में टीचर थीं. रोज़ की तरह मैं जब एक दिन कॉलेज से आया तब देखा कि दीदी केवल कुर्ती में घूम रही हैं.. उन्होंने सलवार नहीं पहनी है.
बाद में मुझे पता चला कि गर्मी की वजह से वो ऐसे ही रहती हैं. मैं तो वैसे ही घर में चड्डी और बनियान में घूमता रहता था.
अभी तक दीदी के बारे में बताया ही नहीं.. मैं क्या बताऊं.. रंग गोरा, हाइट 5 फिट 4 इंच, फिगर एवरेज था.
जैसा कि मैंने बताया कि गर्मी के दिन चल रहे थे और दीदी ने सलवार नहीं पहनी हुई थी. नीचे के हिस्से में दीदी केवल पैंटी पहनती थीं. इसलिए दिन में कई बार उनकी जांघें और पैंटी की झलक मिल जाया करती थी.
उनकी पेंटी की झलक दिखते ही मेरा पूरा बदन सिहर उठता था.
मैं बाहर रुक गया और टीवी देखने लगा.
कुछ देर बाद मैं भूल गया और चेंज करने के लिए अन्दर की ओर बढ़ गया. मैं जैसे ही अन्दर गया, वहाँ पर दीदी नए कपड़ों का ट्रायल ले रही थीं. तभी दीदी ने मुझे देखा और मुझ पर बहुत चिल्लाई.
मैं घबरा कर वापस आने लगा तो मैंने देखा कि वो केवल पेटीकोट और ब्लाउज़ में थीं और उनका क्लीवेज साफ मुझे दिख रहा था. उनका गोरा चमकता हुआ पेट बहुत ही आकर्षक दिख रहा था.. लेकिन मैं उनकी डांट सुनकर वहाँ से जल्दी से निकल गया.
इसके बाद 2-3 दिन तक मेरे दिमाग में वही सीन चलता रहा. फिर मैं उसे भूल गया. इस तरह से 6-7 महीने निकल गए और गर्मी का मौसम आ गया.
दीदी की छुट्टियाँ शुरू हो गई थीं क्योंकि वो एक स्कूल में टीचर थीं. रोज़ की तरह मैं जब एक दिन कॉलेज से आया तब देखा कि दीदी केवल कुर्ती में घूम रही हैं.. उन्होंने सलवार नहीं पहनी है.
बाद में मुझे पता चला कि गर्मी की वजह से वो ऐसे ही रहती हैं. मैं तो वैसे ही घर में चड्डी और बनियान में घूमता रहता था.
अभी तक दीदी के बारे में बताया ही नहीं.. मैं क्या बताऊं.. रंग गोरा, हाइट 5 फिट 4 इंच, फिगर एवरेज था.
जैसा कि मैंने बताया कि गर्मी के दिन चल रहे थे और दीदी ने सलवार नहीं पहनी हुई थी. नीचे के हिस्से में दीदी केवल पैंटी पहनती थीं. इसलिए दिन में कई बार उनकी जांघें और पैंटी की झलक मिल जाया करती थी.
उनकी पेंटी की झलक दिखते ही मेरा पूरा बदन सिहर उठता था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
![thanks thanks](https://xossipy.com/images/smilies/thanks.gif)