01-06-2020, 03:29 PM
(28-05-2020, 08:12 PM)Niharikasaree Wrote:दीदी आपकी बाते सुनकर और यहां की पोस्ट पढ़कर एक गुनगुनी सी गुदगुदी हुई, हम घर मे भी लोगों को आकर्षित करते है थोड़ा रोमांचक है....खैर आपके जवाब के लिए शुक्रिया और हां काफी चुलबुली थी आपवैशाली जी
निहारिका का प्यार भर नमस्कार !
औरतो कि रोमांचक और चटपटी बातो को पसंद करेने के लिए शुक्रिया .... एक औरत ही यह समझ सकती है ..... औरतो कि बाते
हम्म, अब आते हैं आपके प्रश्न कि ओर "क्या हमारा बदन घर के मर्दों को ललचाता है.." - जी सही कहा आपने .
उपर वाले ने हम औरतो को इसी तरेह से बनाया है कि हम सुन्दर व् आकर्षक दिखे और प्रक्रति के नियमनुसार सर्जन मैं सहयोग करे ....
कभी यह नियम थोडा बदल जाता है "कन्या -रस " के शोकिनो के लिए .....
आपके अगले सवाल कि ओर --- "यहां पर जो परिवार के बीच वाली कहानियां हैं उनमे कितनी सच्चाई है "
वैशाली जी .... मानुष का नेचर है यह .... सपने ओर फंतासी के लोक मैं अपने आप को खुश रखने कि कोशिश. जी , आपने सही कहा .... कुछ विचार अलग हो सकते हैं संस्क्रती से ... किन्तु पांचो उँगलियाँ बराबर नहीं होती .......
आपने जो भी कहानी पढ़ी ... उत्सुकता से , नयी जानकारी के लिए ...... जो भी कारन हो .... इस दुनिया मैं सब होता है .... होता चला आया है ..... और चलता रहेगा .... आपको खुद फैसला लेना है कि आप किस और हो .....
बाकि बाते होती रहेंगी ....... साथ बनाये रखे ...... आचा लगा आप से बात कर के ..............