31-05-2020, 04:39 PM
कोहबर में माने थे की पहली होली ससुराल में अपने , और कहाँ ये सब , ... परपंच ,...
इसीलिए तो मेरी कहानी न कोई पढ़ता है न कमेंट करता है , बात कहाँ से शुरू करती हूँ , कहाँ पहुंचा देती हूँ , ... तो चलिए कोहबर की बात सीधे ,...
आपकी लेखनी कमेंट करने लायक छोडती ही नहीं है। सिर्फ पठते जाओ और उसमें खो जाओ।
खूबसूरत लेखन
इसीलिए तो मेरी कहानी न कोई पढ़ता है न कमेंट करता है , बात कहाँ से शुरू करती हूँ , कहाँ पहुंचा देती हूँ , ... तो चलिए कोहबर की बात सीधे ,...
आपकी लेखनी कमेंट करने लायक छोडती ही नहीं है। सिर्फ पठते जाओ और उसमें खो जाओ।
खूबसूरत लेखन
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं