Thread Rating:
  • 7 Vote(s) - 2 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
जब कमला अन्दर चली गई तो रेखा ने अमर से कहा। "डार्लिन्ग, जाओ, मजा करो। रोये चिलाये तो परवाह नहीं करना, मैं दरवाजा लगा दून्गी। पर अपनी बहन को अभी सिर्फ़ चोदना। गांड मत मारना। उसकी गांड बड़ी कोमल और सकरी होगी। इसलिये लंड गांड में घुसते समय वह बहुत रोएगी और चीखेगी। मै भी उसकी गांड चुदने का मजा लेने के लिये और उसे संभालने के लिये वहां रहना चाहती हूं। इसलिये उसकी गांड हम दोनों मिलकर रात को मारेन्गे."

अमर को आंख मार कर वह दरवाजा बन्द करके चली गई। पांच मिनिट बाद अमर ने चुपचाप जा कर देखा तो प्लान के अनुसार कमला को तकिये के नीचे वह किताब मिलने पर उसे पढ़ने का लोभ वह नहीं सहन कर पाई थी और बिस्तर पर बैठ कर किताब देख रही थी। उन नग्न सम्भोग चित्रों को देख देख कर वह किशोरी अपनी गोरी गोरी टांगें आपस में रगड़ रही थी. उसका चेहरा कामवासना से गुलाबी हो गया था.

मौका देख कर अमर बेडरूम में घुस गौर बोला. "देखू, मेरी प्यारी बहना क्या पढ़ रही है?" कमला सकपका गई और किताब छुपाने लगी. अमर ने छीन कर देखा तो फोटो में एक औरत को तीन तीन जवान पुरुष चूत, गांड और मुंह में चोदते दिखे. अमर ने कमला को एक तमाचा रसीद किया और चिल्लाया "तो तू आज कल ऐसी किताबें पढ़ती है बेशर्म लड़की. तू भी ऐसे ही मरवाना चाहती है? तेरी हिम्मत कैसे हुई यह किताब देखने की? देख आज तेरा क्या हाल करता हूं."

कमला रोने लगी और बोली कि उसने पहली बार किताब देखी है और वह भी इसलिये कि उसे वह तकिये के नीचे पड़ी मिली थी. अमर एक न माना और जाकर दरवाजा बन्द कर के कमला की ओर बढ़ा. उसकी आंखो में काम वासना की झलक देख कर कमला घबरा कर कमरे में रोती हुई इधर उधर भागने लगी पर अमर ने उसे एक मिनट में धर दबोचा और उसके कपड़े उतारना चालू कर दिये. पहले स्कर्ट खींच कर उतार दी और फिर ब्लाउज. फाड़ कर निकाल दिया. अब लड़की के चिकने गोरे शरीर पर सिर्फ़ एक छोटी सफ़ेद ब्रा और एक पैन्टी बची. वह अभी अभी दो माह पहले ही ब्रेसियर पहनने लगी थी.

उसके अर्धनग्न कोमल कमसिन शरीर को देखकर अमर का लंड अब बुरी तरह तन्ना कर खड़ा हो गया था. उसने अपने कपड़े भी उतार दिये और नंगा हो गया. उसके मस्त मोटे ताजे कस कर खड़े लंड को देख कर कमला के चेहरे पर दो भाव उमड़ पड़े. एक घबराहट का और एक वासना का. वह भी सहेलियों के साथ ऐसी किताबें अक्सर देखती थी. उनमें दिखते मस्त लण्डों को याद करके रात को हस्तमैथुन भी करती थी. कुछ दिनों से बार बार उसके दिमाग में आता था कि उसके हैम्डसम भैया का कैसा होगा. आज सच में उस मस्ताने लौड़े को देखकर उसे डर के साथ एक अजीब सिहरन भी हुई.

"चल मेरी नटखट बहना, नंगी हो जा, अपनी सजा भुगतने को आ जा" कहते हुए अमर ने जबरदस्ती उसके अन्तर्वस्त्र भी उतार दिये. कमला छूटने को हाथ पैर मारती रह गई पर अमर की शक्ति के सामने उसकी एक न चली. वह अब पूरी नंगी थी. उसका गोरा गेहुवा चिकना कमसिन शरीर अपनी पूरी सुन्दरता के साथ अमर के सामने था. कमला को बाहों में भर कर अमर ने अपनी ओर खीन्चा और अपने दोनो हाथों में कमला के मुलायम जरा जरा से स्तन पकड़ कर सहलाने लगा. चाहता तो नहीं था पर उससे न रहा गया और उन्हें जोर से दबाने लगा. वह दर्द से कराह उठी और रोते हुए बोली "भैया, दर्द होता है, इतनी बेरहमी से मत मसलो मेरी चूचियों को".

अमर तो वासना से पागल था. कमला का रोना उसे और उत्तेजित करने लगा. उसने अपना मुंह खोल कर कमला के कोमल रसीले होंठ अपने होंठों में दबा लिये और उन्हें चूसते हुए अपनी बहन के मीठे मुख रस का पान करने लगा. साथ ही वह उसे धकेलता हुआ पलंग तक ले गया और उसे पटक कर उसपर चढ़ बैठा. झुक कर उसने कमला के गोरे स्तन के काले चूचुक को मुंह में ले लिया और चूसने लगा. उसके दोनों हाथ लगातार अपनी बहन के बदन पर घूंम रहे थे. उसका हर अन्ग उसने खूब टटोला.

मन भर कर मुलायम मीठी चूचियां पीने के बाद वह बोला. "बोल कमला रानी, पहले चुदवाएगी, या सीधे गांड मरवाएगी?" आठ इम्च का तन्नाया हुआ मोटी ककड़ी जैसा लम्ड उछलता हुआ देख कर कमला घबरा गई और बिलखते हुए उससे याचना करने लगी. "भैया, यह लंड मेरी नाजुक चूत फ़ाड़ डालेगा, मै मर जाऊंगी, मत चोदो मुझे प्लीऽऽऽज़ . मैं आपकी मुठ्ठ मार देती हूं"

अमर को अपनी नाज़ुक किशोरी बहन पर आखिर तरस आ गया. इतना अब पक्का था कि कमला छूट कर भागने की कोशिश अब नहीं कर रही थी और शायद चुदने को मन ही मन तैयार थी भले ही घबरा रही थी. उसे प्यार से चूमता हुआ अमर बोला. "इतनी मस्त कच्ची कली को तो मैं नहीं छोड़ने वाला. और वह भी मेरी प्यारी नन्ही बहना ! चोदूंगा भी और गांड भी मारून्गा. पर चल, पहले तेरी प्यारी रसीली चूत को चूस लूं मन भर कर, कब से इस रस को पीने को मै मरा जा रहा था।
कमला की गोरी गोरी चिकनी जान्घे अपने हाथों से अमर ने फ़ैला दीं और झुक कर अपना मुंह बच्ची की लाल लाल कोमल गुलाब की कली सी चूत पर जमा कर चूसने लगा. अपनी जीभ से वह उस मस्त बुर की लकीर को चाटने लगा.
बचकानी चूत पर बस जरा से रेशम जैसे कोमल बाल थे. बाकी वह एकदम साफ़ थी. उसकी बुर को उंगलियों से फ़ैला कर बीच की लाल लाल म्यान को अमर चाटने लगा. चाटने के साथ अमर उसकी चिकनी माल बुर का चुंबन लेता जाता. धीरे धीरे कमला का सिसकना बम्द हो गया. उसकी बुर पसीजने लगी और एक अत्यन्त सुख भरी मादक लहर उसके जवान तन में दौड़ गई. उसने अपने भाई का सिर पकड़ कर अपनी चूत पर दबा लिया और एक मद भरा सीत्कार छोड़कर वह चहक उठी. "चूसो भैया, मेरी चूत और जोर से चूसो. जीभ डाल दो मेरी बुर के अन्दर."
अमर ने देखा कि उसकी छोटी बहन की जवान बुर से मादक सुगन्ध वाला चिपचिपा पानी बह रहा है जैसे कि अमृत का झरना हो. उस शहद को वह प्यार से चाटने लगा. उसकी जीभ जब कमला के कड़े लाल मणि जैसे क्लाईटोरिस पर से गुजरती तो कमला मस्ती से हुमक कर अपनी जान्घे अपने भाई के सिर के दोनों ओर जकड़ कर धक्के मारने लगती. कुछ ही देर में कमला एक मीठी चीख के साथ झड़ गई. उसकी बुर से शहद की मानों नदी बह उठी जिसे अमर बड़ी बेताबी से चाटने लगा. उसे कमला की बुर का पानी इतना अच्छा लगा कि अपनी छोटी बहन को झड़ने के बाद भी वह उसकी चूत चाटता रहा और जल्दी ही कमला फ़िर से मस्त हो गई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.


Messages In This Thread
Pahli bar bahan k sath picnic - by neerathemall - 14-02-2019, 03:18 AM
RE: Soni Didi Ke Sath Suhagraat - by neerathemall - 26-04-2019, 12:23 AM
didi in waterfall - by neerathemall - 04-06-2019, 01:34 PM
ANUSHKA IS ASHWIN'S SWEET WIFE - by ashw - 03-07-2019, 07:08 PM
ANUSHKA IS ASHWIN'S SWEET WIFE - by ashw - 24-01-2020, 11:08 AM
Meri Didi Ki Garam Jawani - by neerathemall - 29-01-2020, 11:22 AM
Zohra Ki Pyaas Papa Ne Bujhaee - by neerathemall - 29-01-2020, 02:39 PM
RE: पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ - by neerathemall - 29-05-2020, 05:24 PM



Users browsing this thread: 32 Guest(s)