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Adultery जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
हार की जीत 

[Image: kundan-necklace-maxresdefault.jpg]


आप सोचिये आप के सामने कोई शोख किशोरी हो ,अरे यही इंटर विंटर में पढ़ने वाली


गोरी चम्पई रंग

[Image: school-3.jpg]

और उस के सिन्दूरी , मीठे , महक से भरे आम रस से गीले गीले ,

 
गोरे लुनाई वाले चिकने,चिकने गाल , भीगे भीगे होंठ हो 

[Image: lips-hot.jpg]


तो उन गालों से ,होंठों से रस चूसने चाटने का.
 
इन्होने भी नहीं छोड़ा। और जब सब रस चूम चाट के , उनके होंठ पल भर के  लिए अलग हुए तो उस कमसिन ने ,
 
अपने मुंह में से चूसी कुचली ,अधखायी , आम की फांक अपने होंठों के बीच निकाल कर इन्हे फिर ललचाया ,
 
और जैसे कोई बाज गौरैया पर झपटे ,इनके होंठों ने गुड्डी के होंठों को गपुच लिया ,
 
अब इनके होंठ गुड्डी के होंठों की चूम नहीं रहे थे बल्कि कचकचा कर के काट रहे ,रगड़ रहे थे ,

इत्ते देर से चिढ़ाने ललचाने का नतीजा, और

[Image: kiss-17969831.gif]
कुछ देर में ही इनकी जीभ गुड्डी के मखमली मुंह में घुस गयी।
 
इनके हाथ भी जो अब तक गुड्डी के मस्ती में पथराये उभारों को चोरी चोरी चुपके चुपके छू देते थे


अब खुल के सीधे ऊपर , हलके हलके रगड़ते

[Image: Guddi-nips-17350832.jpg]
 
 
इधर उन लोगों की टंग फाइट चल रही थी , उधर इनका लंड भी झड़ने के कगार पर ,
 
मैंने मुठियाना फुल स्पीड पर कर रखा था,लंड फड़फड़ा रहा था।
 
प्लेट में आम की सिर्फ एक फांक बची थी

बल्कि दो बड़ी बड़ी फांके आपस में पूरी तरह जुडी ,दूसरे हाथ से मैंने वो उठा लिया


और जैसे ही इनके खुले सुपाड़े से सटाया ,पी होल में सुपाड़े के , आम की फांक के टिप से सुरसुरी की ,
 
बस
 
बस , ज्वालामुखी फूट पड़ा।

[Image: holding-cock-cum-tumblr-nlo2zxjq-Nr1rdgf8do1-500.jpg]
 
पिछले दो दिन से जब से ये अपने मायके आये थे मैंने इनके इन्हे झड़ने नहीं दिया था ,इसलिए।


सफ़ेद लावे का झरनाकम से कम कटोरी बाहर गाढ़ी थक्केदार मलाईसारी की सारी आम की उस फांक पर।


मैंने  इनके लंड के बेस को एक बार फिर दबाया ,और अबकी बची खुची मलाई रबड़ी फिर बाहर ,
 
आम की दोनों जुडी हुयी फांके अब इनके वीर्य से पूरी तरह भीगी ,गीली।
 
झड़ने के साथ ही  होंठों ने गुड्डी के होंठों को आजाद कर दिया था ,
 
अपनी ननद के चिकने गाल दबाते मैं बोली ,

" अरे गुड्डी रानी ,अपने भैय्या के हाथ से तो बहुत फांक गड़प की हो जरा एक भाभी के हाथ से भी। "


[Image: Teej-101604285-598173794154253-810473064...8288-o.jpg]
 
और उसके चिरैया की चियारी चोंच की तरह खुले होंठों में , मैंने


इनकी मलाई रबड़ी से भरी टपकती आम की दो जुडी फांके सीधे गुड्डी के मुंह में।
 
" है एकदम नया स्वाद ,आराम से मजे मजे ले ले के खाओ ,टैंगी भी ,मीठा भी "
 
और अपनी उँगलियों में लगी इनकी बची खुची, मलाई रबड़ी अपनी किशोर ननद के होठों पर लिथेड़ दिया ,

थोड़ा सा उसके चिकने आम रस से भीगे गालों पर भीअपनी जीत के निशान के तौर पर।
 
 छिनार  मजे ले लेकर इनके रस में भीगी आम की फांको का रस लेती रही और फिर जीभ बाहर निकाल कर जो मलाई मैंने उसके होंठों पर लिथेड़ी थी , वो भी चाट ली।
 
ये ट्रिक मंजू बाई ने बताई थी।
 
अगर किसी कुँवारी को ,जिसकी चूत अभी तक फटी हो , किसी मरद की लंड की मलाई खिला दो ,

बस वो एकदम उसकी गुलाम हो जायेगी ,उसकी दीवानी। 

पक्का टोटका , अगर उस कोरी चूत वाली को लंड की मलाई आम की फांक पे रख के तो बस ,

फिर तो वो खुद अपनी अनचुदी कसी कोरी चूत लेके , दोनों हाथ से चूत फैला के ,खुद चुदवाने के लिए ,
 
उस मरद के पीछे पीछे चक्कर काटेगी।  हरदम उसकी चूत में बड़े बड़े चींटे काटेंगे ,नम्बरी चुदवासी हो जायेगी वो।
 
 
बिचारी जेठानी टेबल अब छोड़ कर उठ गयीं

और  उनके देवर भी वाश बेसिन की ओर ,लेकिन अब तो खेल ख़तम हो चुका था और  जेठानी मेरी जीत की गवाह थीं।
 
" मैं चल रही हूँ अपने कमरे में मेरा सीरयल शुरू हो गया होगा , बिना मेरी ओर देखे

जेठानी जी अपने कमरे की ओर चल दी। "
 
" ठीक है दीदी , मैं और गुड्डी टेबल साफ़ कर के ,मैं इसे ले के ऊपर अपने कमरे में  जा रही हूँ ,बहुत दिन बाद मिली है ये इससे बहुत बातें करनी है."  

टेबल समेटते मैं बोली।
 
गुड्डी तब तक प्लेटें उठा के किचेन में ,
 
टीवी स्टार्ट होने की आवाज के साथ जेठानी जी की आवाज भी आयी ,


" ठीक है , चाय के टाइम शाम को मैं बुला लूंगी। "
 
वो सीधे सीढी से ऊपर हमारे कमरे में ,
 
और मैं गुड्डी के पीछे पीछे किचेन में ,
 
वो सिंक में झुकी और पीछे से ,
[Image: Kundan-necklace-f2b1155a2e48b776ea5bf72d...ellery.jpg]

मैंने अपने गले का हार निकाल के गुड्डी की सुराहीदार गरदन में पहना दिया।
 
चौंक कर पीछे से मुड़कर उस मृगनयनी ने मुझे देखा ,
 
" पर भाभी मैं तो , ... "
मेरे होंठो ने उसके होंठ सील कर दिए , अभी भी थोड़ा सा आम रस लगा था ,उसे जीभ से चाट कर  करती मैंने
अपनी प्यारी दुलारी ननदिया को हड़काया ,


" चुप ,अब आगे एक बोल भी नहीं।  क्या जीत क्या हार , फिर ये हार तेरे गले में ज्यादा अच्छा लगता है। 

और आज से मेरी हर चीज तेरी और तेरी हर चीज मेरी ,कभी भी मना किया ना  पिटेगी अपनी भाभी से। "
 
" एकदम भाभी आप बहोत अच्छी हो "  

और अब ननद रानी ने मुझे गले लगा लिया।
 
" लेकिन उस चार घण्टे से बचत नहीं होगी

उस के मालपुए ऐसे गाल कचकचा के काटते मैं बोली ,

[Image: Teej-101072052-289920815524263-333044052...8560-o.jpg]
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ANUSHKA IS ASHWIN'S SWEET WIFE - by ashw - 05-04-2019, 06:02 AM
RE: जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी - by komaalrani - 29-05-2020, 12:55 PM



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