28-05-2020, 10:13 PM
सुमन भाभी ने मेरी ब्रा भी खोल दी ..... अब मैं ऊपर से नंगी थी ...... और सुमन भाभी ब्रा - पेंटी
मैं ...
प्रिय सहेलिओं ,
निहारिका का प्यार भरा नमस्कार ,
अब आगे ,
मैं थी तो सपने मैं पर सब सच लग रहा था ... जब आप कुछ दिल से चाहते हैं तो सब सच लगने लगता है... जैसा प्यार मैं होता है ..... हम्म , अब आगे का मेरा हाल
सुमन भाभी आई मेरे पास और मेरे जोबन को अपने दोनों हाथो से पकड़ लिया और दबा दिया .... एक करंट सा लगा फिर हाथ पीछे खींचते हुए मेरे निप्पल को खिंच दिया ... ओह माँ .... बस यही निकला मेरे मुह से ....
फिर सुमन भाभी ने पानी ब्रा उतार दी और पेंटी उतारने के लिए निचे झुकी तो उनके जोबन एकदम उछल कर मेरे सामने आ गए और मेरे हाथ जोबन सँभालने के लिए अचानक उठ गए और मैंने अपने दोनों हाथो से सुमन भाभी के जोबन पकड़ लिए .... हा हा जैसे वो गिर ही जाएँगी ....
हंसी मुझे भी आ गई फिर सुमन भाभी ने अपनी भीगी हुई पेंटी मुझे दे दी ... ले चाट ले ....
इधर मैं सपने मैं सुमन भाभी कि पेंटी चाट रही थी और सच मैं मेरी ऊँगली मेरी "नीचे वाली" से चाशनी निकल कर खिला रही थी ....
फिर सुमन भाभी ने मेरी लेगिगिंग्स निकल फेंकी और मेरी चासनी से भीगी मेरी पेंटी को निकल कर ऐसी छाती कि जैसी अभी धो कर सुखाने जा रही हो ... सब साफ़ ..... और मैं .... अभी तक आधी भी न चाट पायी थी
और सुमन भाभी के हाथ अपना जादू दिखने लगे थे ..... एक मेरे जोबन पर और दूसरा "नीचे वाली" पर अभी मेरी चिकनाई मेरी दोनों टांगो के बीच मैं टपक रही थी ...... और सुमन भाभी के मुह मैं जा रही थी .... फिर एक हलके धक्के से मैं नीचे बेड पर गिर पड़ी .....
और मेरी आँख खुल गयी ,,, मेरी स्कर्ट उपर हुई थी और मैं नीचे से पुरी नंगी थी .... चिकनी चाशनी से भरपूर....... मुझसे रहा न गया ... "चाट" ली मैंने चाशनी एक बार फिर से ..... अबकी बार खुली आँखों से ...... मुह से ऊँगली जब तक न निकाली जब तक उसका रस ख़तम न हो गया .
अब मेरी बैचनी बढ़ चुकी थी .... अब तो सुमन भाभी कुछ करे न करे मैं करवा लुंगी सुमन भाभी से ..... खोल कर खड़ी हो जाउंगी ओर बोलूंगी सुमन भाभी मैं आपकी हूँ कर लो ..... जो करना है ....
फिर शीतल भाभी का भी ध्यान आया .....तम्नना फिर जाग गयी ,, हाय शीतल भाभी .... कमाल का फिगर , बड़ी आँखे , मादक होंठ .... उफ़
उनके नीचे वाली कैसे होगी .... उनकी चाशनी कैसी होगी .......
यही सब सोचते और नीचे वाली कि दरार पर ऊँगली चलते हुए पंलंग पास नीचे बैठे सोच रही थी ... अब
कैसे जाऊं भाभी के पास ...........
इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका