28-05-2020, 01:51 PM
(This post was last modified: 28-05-2020, 01:56 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
नवरीत देवल
और मैंने उन्हें याद दिलाया की उन्हें बनारस भी जाना है , नौकरी में जाने के पहले दरसन भी करना है , ...
तो अचानक उन्हें याद आया
" हाँ उसने भी बोला था , औरंगाबाद जाने को , दूबे भाभी को , तुम कह रही थी जानती हो उनको , ... उनसे मिलना है ,.. "
" तुम भी न , क्यों नहीं जानूँगी ,आयी तो थीं शादी में , रीतू भाभी के मायके की हैं , ... कोहबर में तुम्हे इतना गरियाया था , ... भूल गए , लेकिन , वो कौन ,... तूने ,... "
तब उन्होंने थोड़ा बहुत बताया , ...
मैं उनसे बार बार पूछती थी ,
जब वो एम्स्टर्डम में थे की खाने का क्या है , कहाँ खाते हो तो वो हंस के बोलते थे
अपनी ससुराल में , कोई परेशानी नहीं है ,... उनकी आधी बातें समझ में नहीं आती और मुझे इतना मालूम था की फॉरेन की काल बहुत महंगी होती है इसलिए मैं काट भी देती
" नाम उसका , ... हाँ , नवरीत देवल , ...एक पक्की पंजाबी जट्टन ,
लेकिन उसकी आवाज में एकबार मुझे बनारसी बोली की झलक मिल रही थी , ... हम लोग एक कांफ्रेंस में थे बस मैंने पूछ दिया , ...
बस , एक जोर की किक , ...टेबल के नीचे से मुझे लगी ,... मेरे कुछ समझ में नहीं आया , ... मीटिंग के बाद , जब हम उठे तो मैं पैर सहला रहा था , ...
वो बोली ,
" ज्यादा जोर से तो नहीं लगी ,... "
मैं क्या बोलता , वो बोले लगी तो उन्हें जोर से थी , ..ऊपर से हंसती वो लड़की बोली , ..
. शाम को घर आना , उसने अपना ऐड्र्स दे दिया ,
उनके कुछ समझ में नहीं आया और पूछा तो जोर से डांट पड़ी ,
,
" तुम बहुत हैंडसम हो , स्मार्ट समझते हो , ज्यादा कन्फ्यूजन में मत रहो ,..सात बजे आ जाना , यहाँ तुम्हे जल्दी इंडियन फूड नहीं मिलेगा ,... "
जितने दिन वहां एम्स्टर्डम में रात का खाना उसी के यहां , ...
हाँ डांट भी बहुत पड़ती थी , ... और उसने कारण भी बता दिया , ... उसका बनारस से कनेक्शन था
बस वही रिश्ता ,
मैं भी तो बनारस के पास के गांव की , बस उसी रिश्ते से छोटी बहन , ..
. और उस रिश्ते से सिर्फ उन्हें नहीं उनकी बहनों को भी खूब गाली मिलती थी लेकिन जाते थे वो क्योंकि खाना अच्छा बनाती थी और उसने ये भी बोल दिया था की आगे से कहीं उसके बनारस के कनेक्शन की बात न करे ,
वरना वो किक सिर्फ नमूने वाली थी , ...
एक बात और ,... उसने बोल दिया था ,...जब वो लोग उसके घर हों तो उसे सिर्फ रीत कहें वो , नवरीत देवल नहीं। हाँ बाहर सिर्फ नवरीत।
मेरे कुछ समझ में नहीं आया , और तब तक छुटकी का फोन आ गया , फिर वो ,...
जब हम लोग घर पहुंचे शॉपिंग करके , ... तो जेठानी बाहर खड़ी थीं , खिलखिलाती उनके गाल पे चिकोटी काटते बोलीं ,
" चल अब तेरी कोहबर की शर्त हो गयी न पूरी "
अब मेरी चमकी , ...
असल शादी में वीडियो रिकार्डिंग तो हुयी थी लेकिन कोहबर में मम्मी ने मना कर दिया था ,
सिर्फ लड़कियां औरतें , और दूल्हे की जबरदस्त रगड़ाई , इसलिए ,...
लेकिन मोबाइल तो था न , और छुटकी और मंझली , मेरी दोनों बहनो ने पूरी रिकार्डिंग की थी ,
... और मेरी जेठानी तो अबक उनकी बड़ी दी थीं , ... इसलिए वो रिकार्डिंग उनके पास ,
और इसलिए जेठानी को कोहबर में उन्होंने जो जो कबूला था वो सब पूरा मालूम था ,
और कोहबर में उन्होंने तिरबाचा भरा था की होली में ससुराल आयंगे ,...
मेरी जेठानी नहीं चाहती थी की उनके देवर की बात झूठी जाए ,...
तो मेरी सास जो हम दोनों को होली में इनके ससुराल भेज रही थीं , वो भी इतना फ़ोर्स कर के ,...
उसमें पूरा तो नहीं पर कम से काम चवन्नी का हाथ जेठानी का ,
और कोहबर में जो उन्होंने वायदा किया था ,
उसका भी हाथ था।
आपको बीच बीच में कोहबर की कुछ झलक बतायी तो थी , लेकिन चलिए अब पूरी सुना देती हूँ , इनकी
कोहबर कथा।
और मैंने उन्हें याद दिलाया की उन्हें बनारस भी जाना है , नौकरी में जाने के पहले दरसन भी करना है , ...
तो अचानक उन्हें याद आया
" हाँ उसने भी बोला था , औरंगाबाद जाने को , दूबे भाभी को , तुम कह रही थी जानती हो उनको , ... उनसे मिलना है ,.. "
" तुम भी न , क्यों नहीं जानूँगी ,आयी तो थीं शादी में , रीतू भाभी के मायके की हैं , ... कोहबर में तुम्हे इतना गरियाया था , ... भूल गए , लेकिन , वो कौन ,... तूने ,... "
तब उन्होंने थोड़ा बहुत बताया , ...
मैं उनसे बार बार पूछती थी ,
जब वो एम्स्टर्डम में थे की खाने का क्या है , कहाँ खाते हो तो वो हंस के बोलते थे
अपनी ससुराल में , कोई परेशानी नहीं है ,... उनकी आधी बातें समझ में नहीं आती और मुझे इतना मालूम था की फॉरेन की काल बहुत महंगी होती है इसलिए मैं काट भी देती
" नाम उसका , ... हाँ , नवरीत देवल , ...एक पक्की पंजाबी जट्टन ,
लेकिन उसकी आवाज में एकबार मुझे बनारसी बोली की झलक मिल रही थी , ... हम लोग एक कांफ्रेंस में थे बस मैंने पूछ दिया , ...
बस , एक जोर की किक , ...टेबल के नीचे से मुझे लगी ,... मेरे कुछ समझ में नहीं आया , ... मीटिंग के बाद , जब हम उठे तो मैं पैर सहला रहा था , ...
वो बोली ,
" ज्यादा जोर से तो नहीं लगी ,... "
मैं क्या बोलता , वो बोले लगी तो उन्हें जोर से थी , ..ऊपर से हंसती वो लड़की बोली , ..
. शाम को घर आना , उसने अपना ऐड्र्स दे दिया ,
उनके कुछ समझ में नहीं आया और पूछा तो जोर से डांट पड़ी ,
,
" तुम बहुत हैंडसम हो , स्मार्ट समझते हो , ज्यादा कन्फ्यूजन में मत रहो ,..सात बजे आ जाना , यहाँ तुम्हे जल्दी इंडियन फूड नहीं मिलेगा ,... "
जितने दिन वहां एम्स्टर्डम में रात का खाना उसी के यहां , ...
हाँ डांट भी बहुत पड़ती थी , ... और उसने कारण भी बता दिया , ... उसका बनारस से कनेक्शन था
बस वही रिश्ता ,
मैं भी तो बनारस के पास के गांव की , बस उसी रिश्ते से छोटी बहन , ..
. और उस रिश्ते से सिर्फ उन्हें नहीं उनकी बहनों को भी खूब गाली मिलती थी लेकिन जाते थे वो क्योंकि खाना अच्छा बनाती थी और उसने ये भी बोल दिया था की आगे से कहीं उसके बनारस के कनेक्शन की बात न करे ,
वरना वो किक सिर्फ नमूने वाली थी , ...
एक बात और ,... उसने बोल दिया था ,...जब वो लोग उसके घर हों तो उसे सिर्फ रीत कहें वो , नवरीत देवल नहीं। हाँ बाहर सिर्फ नवरीत।
मेरे कुछ समझ में नहीं आया , और तब तक छुटकी का फोन आ गया , फिर वो ,...
जब हम लोग घर पहुंचे शॉपिंग करके , ... तो जेठानी बाहर खड़ी थीं , खिलखिलाती उनके गाल पे चिकोटी काटते बोलीं ,
" चल अब तेरी कोहबर की शर्त हो गयी न पूरी "
अब मेरी चमकी , ...
असल शादी में वीडियो रिकार्डिंग तो हुयी थी लेकिन कोहबर में मम्मी ने मना कर दिया था ,
सिर्फ लड़कियां औरतें , और दूल्हे की जबरदस्त रगड़ाई , इसलिए ,...
लेकिन मोबाइल तो था न , और छुटकी और मंझली , मेरी दोनों बहनो ने पूरी रिकार्डिंग की थी ,
... और मेरी जेठानी तो अबक उनकी बड़ी दी थीं , ... इसलिए वो रिकार्डिंग उनके पास ,
और इसलिए जेठानी को कोहबर में उन्होंने जो जो कबूला था वो सब पूरा मालूम था ,
और कोहबर में उन्होंने तिरबाचा भरा था की होली में ससुराल आयंगे ,...
मेरी जेठानी नहीं चाहती थी की उनके देवर की बात झूठी जाए ,...
तो मेरी सास जो हम दोनों को होली में इनके ससुराल भेज रही थीं , वो भी इतना फ़ोर्स कर के ,...
उसमें पूरा तो नहीं पर कम से काम चवन्नी का हाथ जेठानी का ,
और कोहबर में जो उन्होंने वायदा किया था ,
उसका भी हाथ था।
आपको बीच बीच में कोहबर की कुछ झलक बतायी तो थी , लेकिन चलिए अब पूरी सुना देती हूँ , इनकी
कोहबर कथा।