27-05-2020, 04:09 PM
राहुल अभी अपने लंड को हाथ में लेकर कुछ सोच ही रहा था की उसे बाहर किसी के आने की आहट सुनाई दी..और वो कुछ समझ पाता इतने में उसे सुमन के गुनगुनाने की आवाज़ सुनाई दी...राहुल के लटक रहे लंड में जैसे फिर से जान आ गयी..उसने अभी तक दरवाजा भी बंद नही किया हुआ था, इसलिए वो बंद दरवाजे की लकीर से बाहर खड़ी सुमन को देखने लगा..
और इस वक़्त शायद वो बाहर बैठी अपनी बीबी सबा को भी भूल चुका था.
वो तो उसे ऐसे देख रहा था जैसे सुमन को ये पता ही नही था की वो भी बाथरूम में ही है..वो तो बस मंद-2 मुस्कुराती हुई शीशे के सामने खड़ी होकर अपने आप को निहार रही थी ...सुमन इस वक़्त सिर्फ़ 2 गज की दूरी पर खड़ी होकर बड़ी ही बेबाकी से अपने कपड़े ठीक करने में लगी थी...और अचानक एक बार फिर से सुमन ने अपना दाँया हाथ अंदर डाल कर फिर से अपने बूब को मसल दिया...ठीक वैसे ही जैसे कुछ देर पहले बाहर मसला था...राहुल को उसके बड़े से बूब के उपर चमकता हुआ निप्पल सॉफ दिख रहा था...उसकी तो साँसे तेज हो गयी...वो अपने खड़े हुए लंड को जोरों से मसलने लगा...और ना चाहते हुए भी उसके मुँह से एक आह्ह्ह निकल गयी..
और उसकी ये आवाज़ सुनकर सुमन ने एकदम से टाय्लेट का दरवाजा खोल दिया...और राहुल अपने खड़े हुए लंड को मसलते हुए रंगे हाथो पकड़ा गया...उसकी तो समझ में नही आ रहा था की ये एकदम से क्या हो गया..पर तब तक सुमन की शरारती नज़रें अपना काम कर चुकी थी...उसने राहुल के खड़े हुए लंड को जी भरकर देख डाला.
राहुल ने हड़बड़ी में अपने लंड को अंदर ठूसना चाहा पर उसे सुमन ने रोक दिया..
सुमन के हाथ सीधा उसके लंड पर थे और वो उसके थरथराते हुए लंड को सॉफ महसूस कर पा रही थी.
दोनो ने एक दूसरे को देखा और सुमन ने पहल करते हुए बिना किसी वॉर्निंग के आगे बढ़कर उसे चूम लिया..
राहुल तो बुत्त सा बनकर खड़ा रह गया..और सुमन उसे पागलो की तरह चूमने में लग गयी...वो ऐसे चूम रही थी मानो उसे वो खजाना मिल गया हो जिसके लिए वो बरसो से इंतजार कर रही थी..साथ ही साथ वो राहुल के लंड को भी मसल रही थी.
राहुल के अंदर एक युद्ध सा चल रहा था की वो इस वक़्त क्या करे...अपनी बीबी को धोखा देने के बारे में उसने सपने मे भी नही सोचा था...और सोचे भी किसलिए, उसकी बीबी इतनी सुंदर जो थी...और उपर से वो उसे सैक्स के पूरे मज़े देती थी...और उन्होने तो लव मेरीज की थी, इसलिए एक दूसरे को धोखा देने की बात तो वो सोच भी नही सकते थे..
लेकिन उसके बॉस की बीबी भी कम सेक्सी नही थी...और ये पहली औरत थी जिसने उसकी बीबी के अलावा उसके शरीर को इस तरह से छुआ था...उसे चूमा था...उसके लंड को इस तरह पकड़ा था..और वो चाह कर भी उसे मना नही कर पा रहा था...
अचानक सुमन नीचे बैठ गयी और उसने राहुल के लंड को अपने मुँह में लेकर चूस डाला...अब तो राहुल की रही सही झिझक भी जाती रही और उसने एक जोरदार सिसकारी मारते हुए सुमन के सिर पर हाथ रखकर अपना पूरा का पूरा लंड उसकी हलक में उतार दिया...
सुमन तो पुरानी खिलाड़ी थी लंड चूसने में .कॉलेज टाइम से ही उसे ये क्रिया सबसे ज़्यादा पसंद थी...ये और बात थी की आजकल सेक्स के मामले में उसकी फ़ेवरेट गांड मरवाने की क्रिया थी..लेकिन इसका ये मतलब नही था की वो लंड चूसने में पीछे रह जाती..
वो किसी सकिंग मशीन की तरह राहुल के लंड को अपने मुँह की मशीन से चूस रही थी...राहुल को तो ऐसा लग रहा था जैसे वो मर ही जाएगा...क्योंकि सिर्फ़ एक मिनट के अंदर ही अंदर सुमन ने उसे झड़ने के बिल्कुल करीब पहुँचा दिया था...
वो अपनी आँखे बंद किए अपने माल के निकलने का इंतजार कर ही रहा था की उसे किसी के क़दमों की आहट सुनाई दी...और वो शायद कोई औरत थी, क्योंकि सेंडल की तेज आवाज़ से वुडन फ्लोरिंग पर काफ़ी तेज आवाज़ आ रही थी...राहुल ने फ़ौरन अपना लंड उसके मुंह से बाहर खींच कर वापिस पेंट में डाल लिया...सुमन ने भी मौके की नज़ाकत को समझा और तुरंत अंदर वाले टाय्लेट में घुस कर दरवाजा बंद कर लिया...
राहुल वाश्बेसन के आगे खड़ा होकर अपने चेहरे को धोने लग गया...और तभी वॉशरूम में सबा दाखिल हो गयी.
राहुल की तो फट कर हाथ में आ गयी...सिर्फ़ एक मिनट की देरी और हो जाती तो उसकी तो बेंड बज जानी थी.
सबा : "अरे....तुम इतनी देर से यहाँ क्या कर रहे हो...मुझे तो तुम्हारी फ़िक्र होने लगी थी....सब ठीक है ना...''
राहुल ने भी थोड़ी सी एक्टिंग करते हुआ बोला : "हाँ ....बस थोड़ी नींद सी आ रही थी...इसलिए फेस वॉश करने चला आया...''
सबा इधर उधर मुँह करके देख रही थी...वो शायद सुमन को ढूंड रही थी...क्योंकि वो भी तो अंदर से गायब थी.
सबा ने दबी आवाज़ मे पूछा : "वो सुमन भाभी अंदर है क्या...''
राहुल ने कंधे उचकाते हुए कहा : "मुझे क्या पता...शायद हो भी...''
इतना कहकर राहुल बाहर निकल आया...सबा भी उसके पीछे-2 बाहर आ गयी.
बाहर की बाजी शशांक हार चुका था...और जब उसने सबा को राहुल की फ़िक्र में अंदर जाते देखा तो एक पल के लिए तो उसे लगा की कही उसकी बीबी पकड़ी ना जाए...पर ऐसा कुछ नही हुआ..इसलिए उसने चैन की साँस ली.
थोड़ी देर में सुमन भी बाहर आ गयी..
और अब राहुल और सुमन एक दूसरे को ऐसे देख रहे थे जैसे एक दूसरे को खा ही जाएँगे...और ये मौका उन्हे जल्द से जल्द निकालना था.
लेकिंग अभी तो अगली बाजी का टाइम आ चुका था.
राहुल ने अपने हिस्से के पैसे बीच मे रखे और पत्तो का इंतजार करने लगा.
एक शातिर खिलाड़ी की तरह अब उसका दिमाग़ ताश के पत्तो से ज़्यादा अपने बॉस की बीबी को चोदने के बारे मे लग चुका था...और जहाँ तक वो अपने शातिर दिमाग़ को जानता था, वो जल्द ही कुछ ना कुछ उपाय निकालने वाला था.
और इस वक़्त शायद वो बाहर बैठी अपनी बीबी सबा को भी भूल चुका था.
वो तो उसे ऐसे देख रहा था जैसे सुमन को ये पता ही नही था की वो भी बाथरूम में ही है..वो तो बस मंद-2 मुस्कुराती हुई शीशे के सामने खड़ी होकर अपने आप को निहार रही थी ...सुमन इस वक़्त सिर्फ़ 2 गज की दूरी पर खड़ी होकर बड़ी ही बेबाकी से अपने कपड़े ठीक करने में लगी थी...और अचानक एक बार फिर से सुमन ने अपना दाँया हाथ अंदर डाल कर फिर से अपने बूब को मसल दिया...ठीक वैसे ही जैसे कुछ देर पहले बाहर मसला था...राहुल को उसके बड़े से बूब के उपर चमकता हुआ निप्पल सॉफ दिख रहा था...उसकी तो साँसे तेज हो गयी...वो अपने खड़े हुए लंड को जोरों से मसलने लगा...और ना चाहते हुए भी उसके मुँह से एक आह्ह्ह निकल गयी..
और उसकी ये आवाज़ सुनकर सुमन ने एकदम से टाय्लेट का दरवाजा खोल दिया...और राहुल अपने खड़े हुए लंड को मसलते हुए रंगे हाथो पकड़ा गया...उसकी तो समझ में नही आ रहा था की ये एकदम से क्या हो गया..पर तब तक सुमन की शरारती नज़रें अपना काम कर चुकी थी...उसने राहुल के खड़े हुए लंड को जी भरकर देख डाला.
राहुल ने हड़बड़ी में अपने लंड को अंदर ठूसना चाहा पर उसे सुमन ने रोक दिया..
सुमन के हाथ सीधा उसके लंड पर थे और वो उसके थरथराते हुए लंड को सॉफ महसूस कर पा रही थी.
दोनो ने एक दूसरे को देखा और सुमन ने पहल करते हुए बिना किसी वॉर्निंग के आगे बढ़कर उसे चूम लिया..
राहुल तो बुत्त सा बनकर खड़ा रह गया..और सुमन उसे पागलो की तरह चूमने में लग गयी...वो ऐसे चूम रही थी मानो उसे वो खजाना मिल गया हो जिसके लिए वो बरसो से इंतजार कर रही थी..साथ ही साथ वो राहुल के लंड को भी मसल रही थी.
राहुल के अंदर एक युद्ध सा चल रहा था की वो इस वक़्त क्या करे...अपनी बीबी को धोखा देने के बारे में उसने सपने मे भी नही सोचा था...और सोचे भी किसलिए, उसकी बीबी इतनी सुंदर जो थी...और उपर से वो उसे सैक्स के पूरे मज़े देती थी...और उन्होने तो लव मेरीज की थी, इसलिए एक दूसरे को धोखा देने की बात तो वो सोच भी नही सकते थे..
लेकिन उसके बॉस की बीबी भी कम सेक्सी नही थी...और ये पहली औरत थी जिसने उसकी बीबी के अलावा उसके शरीर को इस तरह से छुआ था...उसे चूमा था...उसके लंड को इस तरह पकड़ा था..और वो चाह कर भी उसे मना नही कर पा रहा था...
अचानक सुमन नीचे बैठ गयी और उसने राहुल के लंड को अपने मुँह में लेकर चूस डाला...अब तो राहुल की रही सही झिझक भी जाती रही और उसने एक जोरदार सिसकारी मारते हुए सुमन के सिर पर हाथ रखकर अपना पूरा का पूरा लंड उसकी हलक में उतार दिया...
सुमन तो पुरानी खिलाड़ी थी लंड चूसने में .कॉलेज टाइम से ही उसे ये क्रिया सबसे ज़्यादा पसंद थी...ये और बात थी की आजकल सेक्स के मामले में उसकी फ़ेवरेट गांड मरवाने की क्रिया थी..लेकिन इसका ये मतलब नही था की वो लंड चूसने में पीछे रह जाती..
वो किसी सकिंग मशीन की तरह राहुल के लंड को अपने मुँह की मशीन से चूस रही थी...राहुल को तो ऐसा लग रहा था जैसे वो मर ही जाएगा...क्योंकि सिर्फ़ एक मिनट के अंदर ही अंदर सुमन ने उसे झड़ने के बिल्कुल करीब पहुँचा दिया था...
वो अपनी आँखे बंद किए अपने माल के निकलने का इंतजार कर ही रहा था की उसे किसी के क़दमों की आहट सुनाई दी...और वो शायद कोई औरत थी, क्योंकि सेंडल की तेज आवाज़ से वुडन फ्लोरिंग पर काफ़ी तेज आवाज़ आ रही थी...राहुल ने फ़ौरन अपना लंड उसके मुंह से बाहर खींच कर वापिस पेंट में डाल लिया...सुमन ने भी मौके की नज़ाकत को समझा और तुरंत अंदर वाले टाय्लेट में घुस कर दरवाजा बंद कर लिया...
राहुल वाश्बेसन के आगे खड़ा होकर अपने चेहरे को धोने लग गया...और तभी वॉशरूम में सबा दाखिल हो गयी.
राहुल की तो फट कर हाथ में आ गयी...सिर्फ़ एक मिनट की देरी और हो जाती तो उसकी तो बेंड बज जानी थी.
सबा : "अरे....तुम इतनी देर से यहाँ क्या कर रहे हो...मुझे तो तुम्हारी फ़िक्र होने लगी थी....सब ठीक है ना...''
राहुल ने भी थोड़ी सी एक्टिंग करते हुआ बोला : "हाँ ....बस थोड़ी नींद सी आ रही थी...इसलिए फेस वॉश करने चला आया...''
सबा इधर उधर मुँह करके देख रही थी...वो शायद सुमन को ढूंड रही थी...क्योंकि वो भी तो अंदर से गायब थी.
सबा ने दबी आवाज़ मे पूछा : "वो सुमन भाभी अंदर है क्या...''
राहुल ने कंधे उचकाते हुए कहा : "मुझे क्या पता...शायद हो भी...''
इतना कहकर राहुल बाहर निकल आया...सबा भी उसके पीछे-2 बाहर आ गयी.
बाहर की बाजी शशांक हार चुका था...और जब उसने सबा को राहुल की फ़िक्र में अंदर जाते देखा तो एक पल के लिए तो उसे लगा की कही उसकी बीबी पकड़ी ना जाए...पर ऐसा कुछ नही हुआ..इसलिए उसने चैन की साँस ली.
थोड़ी देर में सुमन भी बाहर आ गयी..
और अब राहुल और सुमन एक दूसरे को ऐसे देख रहे थे जैसे एक दूसरे को खा ही जाएँगे...और ये मौका उन्हे जल्द से जल्द निकालना था.
लेकिंग अभी तो अगली बाजी का टाइम आ चुका था.
राहुल ने अपने हिस्से के पैसे बीच मे रखे और पत्तो का इंतजार करने लगा.
एक शातिर खिलाड़ी की तरह अब उसका दिमाग़ ताश के पत्तो से ज़्यादा अपने बॉस की बीबी को चोदने के बारे मे लग चुका था...और जहाँ तक वो अपने शातिर दिमाग़ को जानता था, वो जल्द ही कुछ ना कुछ उपाय निकालने वाला था.