27-05-2020, 04:00 PM
सुमन भी बड़े कॉन्फिडेन्स के साथ उठकर बार तक गयी और सभी के लिए पेग बना दिए...डिंपल और काजल तो उसे ऐसा करते देखकर हैरान हुई जा रही थी......मिसेस गुप्ता और सबा का भी यही हाल था, लेकिन उसे एक मॉडर्न लेडी की तरह इस तरह के काम करते देखकर उन्हें भी अच्छा लग रहा था .......उन्होने तो आज तक घर मे कभी भी ऐसा नही किया था...सुमन को देखकर उनके मन में भी ऐसा ही कुछ करने की इच्छा जन्म ले चुकी थी
और इससे पहले उन सभी के मन में एक और इच्छा भी जन्म ले चुकी थी....और वो थी सुमन की तरह सेक्सी कपड़े पहनने की
डिंपल सरदारनी के पास तो ऐसे सेक्सी कपड़ो की भरमार थी...वो तो बस उसे खुद ऐसे कपड़े पहनकर किसी के सामने आने मे शर्म आती थी, वरना उसका पति तो हमेशा उसे प्रोत्साहित करता था की सेक्सी शरीर है तो ऐसे कपड़े पहनकर उसे दिखाने मे भला क्या हर्ज है...वो एकदम खुल्ले विचारों वाला पंजाबी बंदा था...
सबा को भी एक से बढ़कर एक बड़िया कपड़े पहनने का शॉंक था...वैसे वो तो हर औरत को होता है पर सबा को कुछ ज़्यादा ही था...वो जो भी पहन लेती थी वो उसके उपर जंच जाता था...एक तो बला की खूबसूरत और उपर से एकदम गोरी चिट्टी ...और शादी के बाद उसके हुस्न में जो निखार आना शुरू हुआ था, उसके बाद तो उसका बदन ऐसा गदरा गया था की हर कपड़े में वो सैक्स की देवी लगती थी...पर उसके पास ऐसे अंग प्रदर्शन वाले कपड़े कम ही थे...1-2 नाइटीज थी बस...पर उन्हे किसी और के सामने पहनने की बात तो उसने सपने में भी नही सोची थी...लेकिन जो नाईटी आज सुमन ने पहन रखी थी वो कुछ ज़्यादा ही एक्सपोज़ कर रही थी उसके बदन को...और सबा के मन में बस यही चल रहा था की जब सुमन भाभी ऐसी नाईटी पहन सकती है तो उसकी तो थोड़ा कवर की हुई ही है...वो भी ट्राइ करेगी..
और नीरू तो ये सोच चुकी थी की कल ही लिंगरी शॉप में जाकर सुमन से भी ज़्यादा सेक्सी दिखने वाली नाईटी लेकर आएगी... मिसेज़ गुप्ता के मन में भी कुछ-2 ऐसा ही चल रहा था..
मर्दो ने अपने-2 पेग पिए और सुमन ने अपने लेडिस गेंग के लिए वोड्का के शॉट्स बना लिए...सबा के लिए तो ये सब नया था...उसने तो आज से पहले आल्कोहॉल पिया तक नही था...वैसे भी पहले पेग की वजह से उसका सर अभी तक चकरा रहा था, इसलिए उसने शॉट पीने से मना कर दिया...सुमन ने भी ज्यादा जोर नहीं दिया
वैसे भी शॉट कैसे पिया जाता है,ये उसे पता नहीं था, वो उन्हें ऐसा करते हुए देखने लगी
चारों लेडीज़ ने हाथ पर नमक रखा...नींबू पकड़ा और शॉट्स उठा लिए...और एक जोरदार चियर्स के साथ सभी ने अपने-2 पेग्स एक ही बार में पी डाले...फिर नमक चाटकर मुंह में नींबू निचोड़कर एक साथ चिल्ला पड़ी...
ऐसा पागलपन सबा ने पहली बार देखा था....लेकिन उनके मस्ती से भरे चेहरों को देखकर उसे सॉफ लग रहा था की सभी को काफ़ी मज़ा मिल रहा है....अपनी-2 बिबियो को ऐसा करते देखकर उनके पति भी मस्ती में आकर अपने-2 पेग्स एक ही बार में पी गये...पूरे माहौल में मस्ती और मदहोशी का आलम था..
अपने-2 पेग पीने के बाद टेबल पर एक बार फिर से सभी ने बाजी शुरू कर दी...
शशांक ने इस बार सभी को खेल के रूल्स फिर से समझा दिए....तीन पत्ती का ये खेल हर बार नये तरीके से खेला जाने वाला था...जिसमे नॉर्मल गेम के अलावा मुफ़लिस, हाइयेस्ट जोकर और लोवेस्ट जोकर, AK47, और जोकर के वेरिएशन थे....राहुल को इन सबके बारे में मालूम नही था, वो तो आज तक नार्मल गेम ही खेलता आया था...शशांक ने उसे बोल दिया की जैसे-2 ये वॅरीयेशन आते रहेंगे वो उसे पहले से समझा दिया करेगा...जो इतने मुश्किल नही है...उसके बाद खेलने का मज़ा और भी बड़ जाएगा..जीतने वाले को ऐसे वेरिएशन चुनने का अधिकार था..इसलिए राहुल ने AK47 को चुना...क्योंकि वो नाम से ही इतना बड़िया लग रहा था..
राहुल ने पत्ते बाँटे...शशांक ने राहुल को समझाया की ये एक ऐसा वैरीएशन है जिसमें किसी के पास भी अगर A ,K , 4 और 7 में से कोई भी पत्ता आ गया तो वो जोकर का काम करेगा ...और उन्हे दूसरे पत्तों के साथ मिलाकर अपनी गेम खेली जा सकती है...राहुल समझ गया और खेल शुरू हो गया.
सभी ने ब्लाइंड चली...और पिछली बार से बढ़कर इस बार सबने 3-3 ब्लाइंड चली..
और इस बार सबसे पहले पत्ते उठाए कपूर साहब ने...उनके पास 8,9 और K आया था...यानी K को वो जोकर मानकर उसे 10 बनाकर गेम खेल सकते थे...इस तरह से उन्होने 8,9,10 की सीक्वेंस बनाकर अपनी चाल चल दी..
गुप्ता जी ने अपने पत्ते देखे...कुछ भी नही था उनके पास...ना तो ढंग के पत्ते और ना ही A,K,4,7 में से कुछ...उन्होने पैक कर दिया..
सरदारजी ने एक बार फिर से ब्लाइंड खेल ली...
राहुल ने पत्ते देखे...उसके पास J , 7 और 3 आए थे...यानी उन चार जोकरों में से एक जोकर आया था उसके पास...जिसके बल पर वो J का पेयर बना सकता था...लेकिन गुप्ता जी की चाल आ चुकी थी...ऐसे में उसे ये J का पेयर चाल चलने लायक नही लग रहा था...इसलिए वो सोच में पड़ गया...सोचते-2 उसकी नज़र अचानक सुमन के उपर गयी...हालाँकि वो उसके बॉस की बीबी थी लेकिन आज जिस अंदाज में वो अपने हुस्न को सभी के सामने उजागर कर रही थी, उसकी वजह से ना चाहते हुए भी राहुल की नज़रें बार-2 उसी तरफ जा रही थी..
उसने देखा की सुमन भी उसकी तरफ देख रही है...दोनो की नज़रें 4 हुई..और अचानक सुमन ने उसे आँख मार दी..
एक पल के लिए तो राहुल के दिल की धड़कन तेज हो गयी...लेकिन फिर उसे लगा की ये शायद उसका वहम होगा... क्योंकि उन्होने अभी-2 वोड्का का शॉट लगाया था...शायद उनकी आँख ग़लती से झपक गयी होगी...पर उसके इस वहम को अगले ही पल सुमन ने झूठा साबित कर दिया जब उसने बड़ी ही बेशर्मी से अपना दाँया हाथ अपनी नाईटी के अंदर डालकर अपने बूब्स पर खुजली की....उसने अपना पूरा का पूरा मुम्मा अपने हाथ में पकड़कर ऐसे मसला की वो आधे से ज्यादा बाहर की तरफ निकलकर अपना गुदाजपन दिखाने लगा...ये सिर्फ़ एक पल के लिए ही हुआ... और ऐसा करने से पहले सुमन ने देख लिया था की राहुल के अलावा किसी और की नज़र उसके उपर नही है...सभी की नज़रें तो इस वक़्त टेबल पर थी...ऐसे में राहुल ने जब सुमन के हाथों को उसके खुद के बूब्स को पकड़कर जोरों से मसलते देखा तो उसके लंड का तापमान उपर तक जा चढ़ा ..
किसी ने भी नही, सिर्फ़ राहुल ने ऐसा होते हुए देखा...पहले आँख मारी और फिर ये किया....अब तो राहुल को विश्वास हो रहा था की सुमन जी अपनी तरफ से उसे लाइन दे रही है..
अपनी खूबसूरत बीबी के होते हुए उसके मन में गंदे विचार आने लगे...और ऐसा होना स्वाभाविक ही था...हर मर्द ऐसा ही होता है...अपनी खुद की बीबी या गर्लफ्रेंड चाहे जितनी भी सुंदर हो, ऐसा खुला न्योता मिलने से कुछ अलग पाने की चाहत अपने आप जन्म ले लेती है..
राहुल का ध्यान अब गेम में नही बल्कि सुमन में लग चुका था...इसलिए उसने तुरंत पैक कर दिया.
अब शशांक की बारी थी....उसने पत्ते उठाए...और मुस्कुराते हुए 1 हज़ार की चाल चल दी...कपूर साहब ने भी एक और चाल चल दी..
अब गुरपाल सिंह ने भी अपने पत्ते उठा लिए....उसके पास भी एक जोकर आया था...लेकिन उसे इस्तेमाल करके सिर्फ़ 9 का पेयर ही बन पा रहा था...उसने भी पेक कर दिया..
शशांक ने इस बार की चाल 2 हज़ार कर दी.
गुप्ता जी के दिमाग में शशांक की पिछली गेम की बात चल रही थी...उनके अनुसार तो शशांक सिर्फ़ 3 के पेयर पर भी ऐसी डबल चाल चल रहा था...ऐसे में गुप्ता जी को अब यही लग रहा था की इस बार भी शायद ऐसा ही कोई पेयर बन रहा होगा उसके पास....अगर कलर भी होगा तो भी गुप्ता जी के सीक्वेंस के सामने वो छोटे होंगे...यही सोचकर उन्होने भी 2 हज़ार की चाल चल दी.
खेल अब गर्म हो चुका था..सभी की नज़रें टेबल पर थी...सबा, काजल और नीरू एक कोने में बैठकर शायद सुमन के कपड़ों के बारे में बात कर रहे थे...और सुमन थी की अभी भी सेक्सी इशारे करके राहुल को परेशान कर रही थी..
राहुल के लंड ने स्टील जैसा रूप अख्तियार कर लिया...उसे बिठाना ज़रूरी सा हो गया था...उसने तुरंत एक्सक्यूस मी कहते हुए बाथरूम का रुख़ कर दिया...
किसी को भी उसके जाने से कुछ फ़र्क नही पड़ा ...सबा को तो पता भी नही चला की राहुल अपनी सीट से उठकर अंदर चला गया है...क्योंकि उसकी पीठ थी उसकी तरफ...और वैसे भी इस वक़्त वो गप्पे मारने में बिज़ी थी..
शशांक ने सुमन की तरफ देखा और उसे आँखो ही आँखो से कुछ इशारा किया....और वो भी चुपचाप उठकर अंदर चल दी... राहुल के पीछे-2
इस वक़्त उसके दिमाग़ में क्या चल रहा था ये तो कोई नही जानता था...लेकिन एक बात पक्की थी की आज राहुल के साथ ऐसा कुछ होने वाला था की उसके और उसके बॉस की बीबी के बीच के रिश्ते के मायने बदलने वाले थे..
राहुल सीधा वॉशरूम की तरफ गया ...काफ़ी बड़े वॉशरूम के अंदर ही अलग से दरवाजा लगा कर टाय्लेट बनवाया हुआ था...राहुल अंदर जाकर कमोड पर अपने लंड को निकाल कर खड़ा हो गया और मूतने लगा.
और इससे पहले उन सभी के मन में एक और इच्छा भी जन्म ले चुकी थी....और वो थी सुमन की तरह सेक्सी कपड़े पहनने की
डिंपल सरदारनी के पास तो ऐसे सेक्सी कपड़ो की भरमार थी...वो तो बस उसे खुद ऐसे कपड़े पहनकर किसी के सामने आने मे शर्म आती थी, वरना उसका पति तो हमेशा उसे प्रोत्साहित करता था की सेक्सी शरीर है तो ऐसे कपड़े पहनकर उसे दिखाने मे भला क्या हर्ज है...वो एकदम खुल्ले विचारों वाला पंजाबी बंदा था...
सबा को भी एक से बढ़कर एक बड़िया कपड़े पहनने का शॉंक था...वैसे वो तो हर औरत को होता है पर सबा को कुछ ज़्यादा ही था...वो जो भी पहन लेती थी वो उसके उपर जंच जाता था...एक तो बला की खूबसूरत और उपर से एकदम गोरी चिट्टी ...और शादी के बाद उसके हुस्न में जो निखार आना शुरू हुआ था, उसके बाद तो उसका बदन ऐसा गदरा गया था की हर कपड़े में वो सैक्स की देवी लगती थी...पर उसके पास ऐसे अंग प्रदर्शन वाले कपड़े कम ही थे...1-2 नाइटीज थी बस...पर उन्हे किसी और के सामने पहनने की बात तो उसने सपने में भी नही सोची थी...लेकिन जो नाईटी आज सुमन ने पहन रखी थी वो कुछ ज़्यादा ही एक्सपोज़ कर रही थी उसके बदन को...और सबा के मन में बस यही चल रहा था की जब सुमन भाभी ऐसी नाईटी पहन सकती है तो उसकी तो थोड़ा कवर की हुई ही है...वो भी ट्राइ करेगी..
और नीरू तो ये सोच चुकी थी की कल ही लिंगरी शॉप में जाकर सुमन से भी ज़्यादा सेक्सी दिखने वाली नाईटी लेकर आएगी... मिसेज़ गुप्ता के मन में भी कुछ-2 ऐसा ही चल रहा था..
मर्दो ने अपने-2 पेग पिए और सुमन ने अपने लेडिस गेंग के लिए वोड्का के शॉट्स बना लिए...सबा के लिए तो ये सब नया था...उसने तो आज से पहले आल्कोहॉल पिया तक नही था...वैसे भी पहले पेग की वजह से उसका सर अभी तक चकरा रहा था, इसलिए उसने शॉट पीने से मना कर दिया...सुमन ने भी ज्यादा जोर नहीं दिया
वैसे भी शॉट कैसे पिया जाता है,ये उसे पता नहीं था, वो उन्हें ऐसा करते हुए देखने लगी
चारों लेडीज़ ने हाथ पर नमक रखा...नींबू पकड़ा और शॉट्स उठा लिए...और एक जोरदार चियर्स के साथ सभी ने अपने-2 पेग्स एक ही बार में पी डाले...फिर नमक चाटकर मुंह में नींबू निचोड़कर एक साथ चिल्ला पड़ी...
ऐसा पागलपन सबा ने पहली बार देखा था....लेकिन उनके मस्ती से भरे चेहरों को देखकर उसे सॉफ लग रहा था की सभी को काफ़ी मज़ा मिल रहा है....अपनी-2 बिबियो को ऐसा करते देखकर उनके पति भी मस्ती में आकर अपने-2 पेग्स एक ही बार में पी गये...पूरे माहौल में मस्ती और मदहोशी का आलम था..
अपने-2 पेग पीने के बाद टेबल पर एक बार फिर से सभी ने बाजी शुरू कर दी...
शशांक ने इस बार सभी को खेल के रूल्स फिर से समझा दिए....तीन पत्ती का ये खेल हर बार नये तरीके से खेला जाने वाला था...जिसमे नॉर्मल गेम के अलावा मुफ़लिस, हाइयेस्ट जोकर और लोवेस्ट जोकर, AK47, और जोकर के वेरिएशन थे....राहुल को इन सबके बारे में मालूम नही था, वो तो आज तक नार्मल गेम ही खेलता आया था...शशांक ने उसे बोल दिया की जैसे-2 ये वॅरीयेशन आते रहेंगे वो उसे पहले से समझा दिया करेगा...जो इतने मुश्किल नही है...उसके बाद खेलने का मज़ा और भी बड़ जाएगा..जीतने वाले को ऐसे वेरिएशन चुनने का अधिकार था..इसलिए राहुल ने AK47 को चुना...क्योंकि वो नाम से ही इतना बड़िया लग रहा था..
राहुल ने पत्ते बाँटे...शशांक ने राहुल को समझाया की ये एक ऐसा वैरीएशन है जिसमें किसी के पास भी अगर A ,K , 4 और 7 में से कोई भी पत्ता आ गया तो वो जोकर का काम करेगा ...और उन्हे दूसरे पत्तों के साथ मिलाकर अपनी गेम खेली जा सकती है...राहुल समझ गया और खेल शुरू हो गया.
सभी ने ब्लाइंड चली...और पिछली बार से बढ़कर इस बार सबने 3-3 ब्लाइंड चली..
और इस बार सबसे पहले पत्ते उठाए कपूर साहब ने...उनके पास 8,9 और K आया था...यानी K को वो जोकर मानकर उसे 10 बनाकर गेम खेल सकते थे...इस तरह से उन्होने 8,9,10 की सीक्वेंस बनाकर अपनी चाल चल दी..
गुप्ता जी ने अपने पत्ते देखे...कुछ भी नही था उनके पास...ना तो ढंग के पत्ते और ना ही A,K,4,7 में से कुछ...उन्होने पैक कर दिया..
सरदारजी ने एक बार फिर से ब्लाइंड खेल ली...
राहुल ने पत्ते देखे...उसके पास J , 7 और 3 आए थे...यानी उन चार जोकरों में से एक जोकर आया था उसके पास...जिसके बल पर वो J का पेयर बना सकता था...लेकिन गुप्ता जी की चाल आ चुकी थी...ऐसे में उसे ये J का पेयर चाल चलने लायक नही लग रहा था...इसलिए वो सोच में पड़ गया...सोचते-2 उसकी नज़र अचानक सुमन के उपर गयी...हालाँकि वो उसके बॉस की बीबी थी लेकिन आज जिस अंदाज में वो अपने हुस्न को सभी के सामने उजागर कर रही थी, उसकी वजह से ना चाहते हुए भी राहुल की नज़रें बार-2 उसी तरफ जा रही थी..
उसने देखा की सुमन भी उसकी तरफ देख रही है...दोनो की नज़रें 4 हुई..और अचानक सुमन ने उसे आँख मार दी..
एक पल के लिए तो राहुल के दिल की धड़कन तेज हो गयी...लेकिन फिर उसे लगा की ये शायद उसका वहम होगा... क्योंकि उन्होने अभी-2 वोड्का का शॉट लगाया था...शायद उनकी आँख ग़लती से झपक गयी होगी...पर उसके इस वहम को अगले ही पल सुमन ने झूठा साबित कर दिया जब उसने बड़ी ही बेशर्मी से अपना दाँया हाथ अपनी नाईटी के अंदर डालकर अपने बूब्स पर खुजली की....उसने अपना पूरा का पूरा मुम्मा अपने हाथ में पकड़कर ऐसे मसला की वो आधे से ज्यादा बाहर की तरफ निकलकर अपना गुदाजपन दिखाने लगा...ये सिर्फ़ एक पल के लिए ही हुआ... और ऐसा करने से पहले सुमन ने देख लिया था की राहुल के अलावा किसी और की नज़र उसके उपर नही है...सभी की नज़रें तो इस वक़्त टेबल पर थी...ऐसे में राहुल ने जब सुमन के हाथों को उसके खुद के बूब्स को पकड़कर जोरों से मसलते देखा तो उसके लंड का तापमान उपर तक जा चढ़ा ..
किसी ने भी नही, सिर्फ़ राहुल ने ऐसा होते हुए देखा...पहले आँख मारी और फिर ये किया....अब तो राहुल को विश्वास हो रहा था की सुमन जी अपनी तरफ से उसे लाइन दे रही है..
अपनी खूबसूरत बीबी के होते हुए उसके मन में गंदे विचार आने लगे...और ऐसा होना स्वाभाविक ही था...हर मर्द ऐसा ही होता है...अपनी खुद की बीबी या गर्लफ्रेंड चाहे जितनी भी सुंदर हो, ऐसा खुला न्योता मिलने से कुछ अलग पाने की चाहत अपने आप जन्म ले लेती है..
राहुल का ध्यान अब गेम में नही बल्कि सुमन में लग चुका था...इसलिए उसने तुरंत पैक कर दिया.
अब शशांक की बारी थी....उसने पत्ते उठाए...और मुस्कुराते हुए 1 हज़ार की चाल चल दी...कपूर साहब ने भी एक और चाल चल दी..
अब गुरपाल सिंह ने भी अपने पत्ते उठा लिए....उसके पास भी एक जोकर आया था...लेकिन उसे इस्तेमाल करके सिर्फ़ 9 का पेयर ही बन पा रहा था...उसने भी पेक कर दिया..
शशांक ने इस बार की चाल 2 हज़ार कर दी.
गुप्ता जी के दिमाग में शशांक की पिछली गेम की बात चल रही थी...उनके अनुसार तो शशांक सिर्फ़ 3 के पेयर पर भी ऐसी डबल चाल चल रहा था...ऐसे में गुप्ता जी को अब यही लग रहा था की इस बार भी शायद ऐसा ही कोई पेयर बन रहा होगा उसके पास....अगर कलर भी होगा तो भी गुप्ता जी के सीक्वेंस के सामने वो छोटे होंगे...यही सोचकर उन्होने भी 2 हज़ार की चाल चल दी.
खेल अब गर्म हो चुका था..सभी की नज़रें टेबल पर थी...सबा, काजल और नीरू एक कोने में बैठकर शायद सुमन के कपड़ों के बारे में बात कर रहे थे...और सुमन थी की अभी भी सेक्सी इशारे करके राहुल को परेशान कर रही थी..
राहुल के लंड ने स्टील जैसा रूप अख्तियार कर लिया...उसे बिठाना ज़रूरी सा हो गया था...उसने तुरंत एक्सक्यूस मी कहते हुए बाथरूम का रुख़ कर दिया...
किसी को भी उसके जाने से कुछ फ़र्क नही पड़ा ...सबा को तो पता भी नही चला की राहुल अपनी सीट से उठकर अंदर चला गया है...क्योंकि उसकी पीठ थी उसकी तरफ...और वैसे भी इस वक़्त वो गप्पे मारने में बिज़ी थी..
शशांक ने सुमन की तरफ देखा और उसे आँखो ही आँखो से कुछ इशारा किया....और वो भी चुपचाप उठकर अंदर चल दी... राहुल के पीछे-2
इस वक़्त उसके दिमाग़ में क्या चल रहा था ये तो कोई नही जानता था...लेकिन एक बात पक्की थी की आज राहुल के साथ ऐसा कुछ होने वाला था की उसके और उसके बॉस की बीबी के बीच के रिश्ते के मायने बदलने वाले थे..
राहुल सीधा वॉशरूम की तरफ गया ...काफ़ी बड़े वॉशरूम के अंदर ही अलग से दरवाजा लगा कर टाय्लेट बनवाया हुआ था...राहुल अंदर जाकर कमोड पर अपने लंड को निकाल कर खड़ा हो गया और मूतने लगा.