26-05-2020, 06:03 PM
(26-05-2020, 11:44 AM)@Kusum_Soni Wrote: कोमल जी चासनी का तो पूछो ही मत
दिन भर लसलसी रहती हूं और रात को मूसल जाता है ऊफ़्फ़ कटोरी भर रबड़ी रोज घोटनी पड़ती है
हालांकि रबड़ी मलाई तो सभी जम के घोंट रही है
दिन भर फिर चासनी पोछती फिरती है
ऊफ़्फ़ क्या करें
कोमल जी जब तक साजन आफिस रहे आप आ जाया करें हम सब के बीच
ओर जब आ जाएं एक बढ़िया सी स्वीट-डिश परोस दे नाजुक सी गुलाबी
।। काजू-,कतली ।।
मीठी रस मलाई,ओर थोड़ा सा टेस्ट मुँह अच्छा करने के लिए गोलकुंडा के दरवाजे से खारा-खारा जायका
सब आप को पढ़ के सीखी हूँ, समझ गयी होंगी आप तो
अपडेट के इंतज़ार में आप की
।। कुसुम सोनी ।।
कुसुम जी,
कहाँ हो जी,
इतने दिन और राते हो गयी ...... दर्शन ही नहीं मिल रहे आपके ...... और कोई मेरी सहेली ऑनलाइन आती ही नहीं सब मजे ले रही हैं हो सकता है कि समय अलग - अलग होजाता हो ऑनलाइन आने का.
कुसुम जी खूब काजू कतली खिलाई जा रही है, चाशनी के साथ ...... और कोमल जी के आने से तो माहोल रस भरा हो गया है.....
इंतज़ार मैं। ........
आपकी निहारिका
सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका