26-05-2020, 02:32 PM
मारिया और डेविड गोवा के पास एक छोटे से गाँव में रहते थे, मारिया 18 साल की और डेविड 20 साल का था, उनके डैडी का नाम फ्रैंक था, वो एक मछुआरे थे और वो ज्यादतर समुद्र में मछलियाँ पकड़ने के लिये बाहर ही रहते थे। उसकी बीवी मोनिका घर पर बच्चों के साथ अकेली रहती थी। दो बच्चों के बाद भी वो बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी लगती थी। उसके गोल, माँसल चूतड़ और सुडौल, कसी हुई चूंचियाँ बुड्ढों तक का लन्ड खड़ा कर देती थीं। मोनिका के अंदर सेक्स की भावना बहुत ज्यादा थी लेकिन जब उसका पति घर पर नहीं होता तो वो दिन रात बहुत बैचेन रहती थी, लेकिन जब फ्रैंक घर आता तो मोनिका, फ्रैंक से खूब चुदवाती और फ्रैंक भी मोनिका को चोदने का कोई भी मौका नहीं छोड़ता।एक रात मारिया और डेविड अपने कमरे में बैठ कर पढ़ रहे थे और तभी उन्हें बगल वाले कमरे से अजीब सी आवाजें सुनाई दी, डेविड और मारिया ने एक दूसरे की तरफ आश्चर्य से देखा, मारिया बोली- "ये कैसी आवाज़ें हैं?"
डेविड-"रुको, अभी देख कर बताता हूं"।
ये कह कर डेविड जो एक ढीला ढाला नेकर पहनें हुआ था, बिस्तर से उठा और स्टूल पर खड़ा हो कर दरवाजे के ऊपर बने रोशनदान से अंदर झांका। अंदर का दृश्य देखते ही डेविड का लन्ड उसके नेकर में झटका मार कर खड़ा हो गया। वो टकटकी लगाये अंदर झाँक रहा था, तभी मारिया बोली-"क्या हो रहा है, मुझे भी देखने दो"।
डेविड स्टूल से नीचे उतरा और बोला-" रुको, बड़ी वाली मेज इधर खिसकाकर दोनों लोग आराम से खड़े हो जाएंगे"।
दोनों ने धीरे से मेज खिसका कर स्टूल की जगह रख ली और पहले डेविड ऊपर चढ़ा और फिर मारिया को हाँथ पकड़ कर ऊपर चढ़ा लिया। मारिया जो की एक छोटी सी नाइटी पहने हुए थी जिससे उसकी आधी आधी जाँघे खुली हुई थी, उसकी जाँघे गोरी, चिकनी और माँसल थी।
मेज पर डेविड आगे खड़ा हुआ था और मारिया पीछे से उसके कंधे पर सर रख कर अंदर झाँक रही थी, लेकिन उसको साफ साफ कुछ नहीं दिख रहा था। मारिया डेविड को झकझोरते हुए बोली-मुझको आगे आने दो, मुझे कुछ दिख नहीं रहा है"।
डेविड ने वैसा ही किया और मारिया को अपने आगे खड़ा कर लिया। मारिया ने जैसे ही अंदर झाँका, उसका मुँह खुला का खुला रह गया और उसने फटी आँखों से डेविड की तरफ देखा, डेविड ने उसको चुप रहने का इशारा किया और चुपचाप अन्दर देखने लगा।
डेविड-"रुको, अभी देख कर बताता हूं"।
ये कह कर डेविड जो एक ढीला ढाला नेकर पहनें हुआ था, बिस्तर से उठा और स्टूल पर खड़ा हो कर दरवाजे के ऊपर बने रोशनदान से अंदर झांका। अंदर का दृश्य देखते ही डेविड का लन्ड उसके नेकर में झटका मार कर खड़ा हो गया। वो टकटकी लगाये अंदर झाँक रहा था, तभी मारिया बोली-"क्या हो रहा है, मुझे भी देखने दो"।
डेविड स्टूल से नीचे उतरा और बोला-" रुको, बड़ी वाली मेज इधर खिसकाकर दोनों लोग आराम से खड़े हो जाएंगे"।
दोनों ने धीरे से मेज खिसका कर स्टूल की जगह रख ली और पहले डेविड ऊपर चढ़ा और फिर मारिया को हाँथ पकड़ कर ऊपर चढ़ा लिया। मारिया जो की एक छोटी सी नाइटी पहने हुए थी जिससे उसकी आधी आधी जाँघे खुली हुई थी, उसकी जाँघे गोरी, चिकनी और माँसल थी।
मेज पर डेविड आगे खड़ा हुआ था और मारिया पीछे से उसके कंधे पर सर रख कर अंदर झाँक रही थी, लेकिन उसको साफ साफ कुछ नहीं दिख रहा था। मारिया डेविड को झकझोरते हुए बोली-मुझको आगे आने दो, मुझे कुछ दिख नहीं रहा है"।
डेविड ने वैसा ही किया और मारिया को अपने आगे खड़ा कर लिया। मारिया ने जैसे ही अंदर झाँका, उसका मुँह खुला का खुला रह गया और उसने फटी आँखों से डेविड की तरफ देखा, डेविड ने उसको चुप रहने का इशारा किया और चुपचाप अन्दर देखने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.