26-05-2020, 02:14 PM
(This post was last modified: 03-01-2024, 04:49 PM by badmaster122. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
सबा को लंड चूसना सबसे ज़्यादा पसंद था....या ये कह लो की ये उसकी कमज़ोरी थी....वो जब अपने हनिमून पर शिमला गयी थी तो घंटो तक राहुल के लंड से खेलती रहती थी...उसे चूमती...सहलाती...चूसती ....और जब वो झड़ जाता तो अगली बार के लिए फिर से उसी तरह से उसे तैयार करती...आज तक उसकी लगन में कोई कमी नही आई थी..वो अब भी राहुल के लंड पर अपनी जान न्योछावर करती रहती थी...
और राहुल को भी उसकी चूत की चुसाई सबसे ज़्यादा पसंद थी...कारण था उसकी खुश्बू...जिसे सूँघकर राहुल किसी दूसरी दुनिया में पहुँच जाय करता था...सबा को हमेशा से मीठा खाने का शोंक था...खट्टी चीज़े उसे पसंद ही नही थी...इसलिए उसकी चूत से भी मीठापन बरसता था...
राहुल का लंड पूरी तरह से खड़ा था अब.....उसने सबा को बेड पर लेटने को कहा...अब उसकी नज़रें उसकी चिकनी चूत पर थी....जिसकी गुलाबी फूल जैसी पंखुड़ियों में शहद जैसा रस चमक रहा था
उसने धीरे-2 अपना सिर उसकी चूत पर झुकाया.....थोड़ी देर तक उसकी भीनी खुश्बू को सूँघा...और फिर धीरे-2 अपनी जीभ से उसके निचले होंठ कुरेदने लगा...
सबा तो सिसक उठी.....उसके मुँह से ऐसी आवाज निकली जैसे गर्म तवे पर पानी के छींटे मार दिए हो...
''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.......आआआआआआआअहह.........उम्म्म्मममममममम राहुल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल.....''
सबा की पीठ तीर जैसी तिरछी होकर उपर उठ गयी....और राहुल को उसकी चूत और सॉफ तरीके से चूसने को मिल गयी....वो उसकी फांको को फेला कर अंदर तक चूस पा रहा था....या ये कह लो की वो अपनी जीभ से उसकी चूत की चुदाई कर रहा था...
सबा के लिए ये भी चुदाई के एहसास जैसा ही था....लेकिन असली लंड का एहसास अलग ही होता है...इसलिए वो सिसकती हुई बोली...
''ओह राहुल...प्लीज़......अब ना तरसाओ ......जल्दी से डालो......अपना ...........लंड ......मेरी चूत में .....''
सिर्फ़ सेक्स के दौरान ही सबा ऐसे शब्दो का प्रयोग करती थी....इसके अलावा जब भी वो इन्हे सुनती, बस शरमा कर रह जाती थी.
राहुल से भी अब रुका नही जा रहा था....उसने उसकी टाँगो को दोनो दिशाओं में फेलाया....उसकी शरबती नज़रों को देखा...और अपने लंड को उसकी जाँघो के बीच पहुँचा दिया....
बेसब्री सबा ने जल्दी से अपना हाथ नीचे करते हुए उसके लंड को अपनी चूत पर लगाया और अपनी टांगो से उसकी कमर को लपेट कर उसे अपने उपर खींच लिया....राहुल का लंड दनदनाता हुआ सा एक ही वार में उसकी चूत की दीवारें रगड़ता हुआ अंदर तक जा धंसा....और दोनो के मुँह से मादकता भरी चीखे निकल पड़ी...
''उम्म्म्मममममममममममममममममम........ओह..............सबाआाआआ.......मेरी ज़ाआआअन्*नन् ...... आआआआआआआआआआअहह''
राहुल का लंड जब पूरा अंदर तक डूब गया तो उसने उसे धीरे-2 बाहर खींचा....सबा की नज़रें सीधा अपनी चूत की तरफ चली गयी...उसे अपनी चूत में लंड जाते और निकलते हुए बड़ा अच्छा लगता था...राहुल ने धक्के लगाने शुरू किए और वो उसे पिस्टन की तरह अंदर बाहर होते हुए देखकर सिसकारियाँ मारने लगी....
''अह्ह्हह्ह्ह्ह राहुल्ल्ल......फककक मी राहुल..............आअहह ....उूुउउम्म्म्ममममम..... यसस्स्स्स्स्स्स्सस्स...... अहह''
दोनो को पता था की अंदर का तूफान जल्द ही निकल सकता है....इसलिए दोनो अपनी तरफ से झटके और ज़ोर से लगाने लगे...
और करीब 5 मिनट तक की चुदाई के बाद सबा की आँखे उपर की तरफ घूम कर बंद हो गयी...और वो आनंद सागर मे गोते लगाती हुई अपने ऑर्गॅज़म को महसूस करने लगी...
''उम्म्म्मममममममममम....राहुल..................... आई लव यू .......''
राहुल को भी अपने प्यार का एहसास उसे दिलाना था...इसलिए उसे झड़ता देखकर वो और तेज़ी से धक्के मारने लगा...और जैसे ही उसके लंड से प्रेशर के साथ पिचकारी निकली....उसका शरीर झनझना उठा....जिसे सबा ने भी महसूस किया.....और आख़िरी के 4-5 झटके रुक-रुककर मारने के बाद वो उसके उपर लुडक गया...और उसके कानों में उसने भी बोल दिया....''आई लव यू टू सबा......''
और फिर दोनो एक दूसरे की बाहों में नंगे ही सो गये..
अगला दिन नॉर्मल ही रहा .....राहुल ऑफीस गया...शशांक ने इधर-उधर की बातों में उसे रात के ताश के प्रोग्राम के बारे मे फिर से याद दिलवाया...राहुल ने उसे आश्वस्त किया की वो और सब रात को 8 बजे उनके घर पर पहुँच जाएँगे..
रात को 8 बजते ही सभी अपनी-2 बीबियों के साथ शशांक के घर की तरफ चल दिए...और जैसा की सबने डिसाइड किया था,सभी ने नाइट सूट्स ही पहने हुए थे..ज़्यादातर पुरुष टी शर्ट और पायजामे में थे...सिर्फ़ गुरपाल सिंह ने ट्रेक सूट पहना हुआ था...शायद वो उसी में सोता था...
लेडीज़ भी अपने-2 नाईट गाउन में ही थी....सिर्फ़ सबा ही थी जिसने ज़ारा का पयज़ामा और जीपर पहना हुआ था...उसमे उसके तने हुए बूब्स बड़े ही कातिल लग रहे थे...
और सबसे बड़ा सरप्राइज तो उन्हे शशांक के घर पर मिला...जैसे ही सब मिलकर उनके घर पहुँचे,शशांक की बीबी सुमन ने दरवाजा खोला....और उसके नाइट सूट को देखकर तो सभी की नज़रें फटी की फटी रह गयी...
औरतें तो उसकी हिम्मत की दाद दे रही थी...और मर्द अपनी लार टपकाए उसके शरीर को अपनी आँखो से पीने मे लगे थे..
और राहुल को भी उसकी चूत की चुसाई सबसे ज़्यादा पसंद थी...कारण था उसकी खुश्बू...जिसे सूँघकर राहुल किसी दूसरी दुनिया में पहुँच जाय करता था...सबा को हमेशा से मीठा खाने का शोंक था...खट्टी चीज़े उसे पसंद ही नही थी...इसलिए उसकी चूत से भी मीठापन बरसता था...
राहुल का लंड पूरी तरह से खड़ा था अब.....उसने सबा को बेड पर लेटने को कहा...अब उसकी नज़रें उसकी चिकनी चूत पर थी....जिसकी गुलाबी फूल जैसी पंखुड़ियों में शहद जैसा रस चमक रहा था
उसने धीरे-2 अपना सिर उसकी चूत पर झुकाया.....थोड़ी देर तक उसकी भीनी खुश्बू को सूँघा...और फिर धीरे-2 अपनी जीभ से उसके निचले होंठ कुरेदने लगा...
सबा तो सिसक उठी.....उसके मुँह से ऐसी आवाज निकली जैसे गर्म तवे पर पानी के छींटे मार दिए हो...
''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.......आआआआआआआअहह.........उम्म्म्मममममममम राहुल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल.....''
सबा की पीठ तीर जैसी तिरछी होकर उपर उठ गयी....और राहुल को उसकी चूत और सॉफ तरीके से चूसने को मिल गयी....वो उसकी फांको को फेला कर अंदर तक चूस पा रहा था....या ये कह लो की वो अपनी जीभ से उसकी चूत की चुदाई कर रहा था...
सबा के लिए ये भी चुदाई के एहसास जैसा ही था....लेकिन असली लंड का एहसास अलग ही होता है...इसलिए वो सिसकती हुई बोली...
''ओह राहुल...प्लीज़......अब ना तरसाओ ......जल्दी से डालो......अपना ...........लंड ......मेरी चूत में .....''
सिर्फ़ सेक्स के दौरान ही सबा ऐसे शब्दो का प्रयोग करती थी....इसके अलावा जब भी वो इन्हे सुनती, बस शरमा कर रह जाती थी.
राहुल से भी अब रुका नही जा रहा था....उसने उसकी टाँगो को दोनो दिशाओं में फेलाया....उसकी शरबती नज़रों को देखा...और अपने लंड को उसकी जाँघो के बीच पहुँचा दिया....
बेसब्री सबा ने जल्दी से अपना हाथ नीचे करते हुए उसके लंड को अपनी चूत पर लगाया और अपनी टांगो से उसकी कमर को लपेट कर उसे अपने उपर खींच लिया....राहुल का लंड दनदनाता हुआ सा एक ही वार में उसकी चूत की दीवारें रगड़ता हुआ अंदर तक जा धंसा....और दोनो के मुँह से मादकता भरी चीखे निकल पड़ी...
''उम्म्म्मममममममममममममममममम........ओह..............सबाआाआआ.......मेरी ज़ाआआअन्*नन् ...... आआआआआआआआआआअहह''
राहुल का लंड जब पूरा अंदर तक डूब गया तो उसने उसे धीरे-2 बाहर खींचा....सबा की नज़रें सीधा अपनी चूत की तरफ चली गयी...उसे अपनी चूत में लंड जाते और निकलते हुए बड़ा अच्छा लगता था...राहुल ने धक्के लगाने शुरू किए और वो उसे पिस्टन की तरह अंदर बाहर होते हुए देखकर सिसकारियाँ मारने लगी....
''अह्ह्हह्ह्ह्ह राहुल्ल्ल......फककक मी राहुल..............आअहह ....उूुउउम्म्म्ममममम..... यसस्स्स्स्स्स्स्सस्स...... अहह''
दोनो को पता था की अंदर का तूफान जल्द ही निकल सकता है....इसलिए दोनो अपनी तरफ से झटके और ज़ोर से लगाने लगे...
और करीब 5 मिनट तक की चुदाई के बाद सबा की आँखे उपर की तरफ घूम कर बंद हो गयी...और वो आनंद सागर मे गोते लगाती हुई अपने ऑर्गॅज़म को महसूस करने लगी...
''उम्म्म्मममममममममम....राहुल..................... आई लव यू .......''
राहुल को भी अपने प्यार का एहसास उसे दिलाना था...इसलिए उसे झड़ता देखकर वो और तेज़ी से धक्के मारने लगा...और जैसे ही उसके लंड से प्रेशर के साथ पिचकारी निकली....उसका शरीर झनझना उठा....जिसे सबा ने भी महसूस किया.....और आख़िरी के 4-5 झटके रुक-रुककर मारने के बाद वो उसके उपर लुडक गया...और उसके कानों में उसने भी बोल दिया....''आई लव यू टू सबा......''
और फिर दोनो एक दूसरे की बाहों में नंगे ही सो गये..
अगला दिन नॉर्मल ही रहा .....राहुल ऑफीस गया...शशांक ने इधर-उधर की बातों में उसे रात के ताश के प्रोग्राम के बारे मे फिर से याद दिलवाया...राहुल ने उसे आश्वस्त किया की वो और सब रात को 8 बजे उनके घर पर पहुँच जाएँगे..
रात को 8 बजते ही सभी अपनी-2 बीबियों के साथ शशांक के घर की तरफ चल दिए...और जैसा की सबने डिसाइड किया था,सभी ने नाइट सूट्स ही पहने हुए थे..ज़्यादातर पुरुष टी शर्ट और पायजामे में थे...सिर्फ़ गुरपाल सिंह ने ट्रेक सूट पहना हुआ था...शायद वो उसी में सोता था...
लेडीज़ भी अपने-2 नाईट गाउन में ही थी....सिर्फ़ सबा ही थी जिसने ज़ारा का पयज़ामा और जीपर पहना हुआ था...उसमे उसके तने हुए बूब्स बड़े ही कातिल लग रहे थे...
और सबसे बड़ा सरप्राइज तो उन्हे शशांक के घर पर मिला...जैसे ही सब मिलकर उनके घर पहुँचे,शशांक की बीबी सुमन ने दरवाजा खोला....और उसके नाइट सूट को देखकर तो सभी की नज़रें फटी की फटी रह गयी...
औरतें तो उसकी हिम्मत की दाद दे रही थी...और मर्द अपनी लार टपकाए उसके शरीर को अपनी आँखो से पीने मे लगे थे..