22-02-2019, 07:51 PM
मम्मी की समधन , मेरी सास और ये,... उर्फ़ एम् आई एल ऍफ़
दोपहर ढल रही थी।
रात की थकान और खुमारी कुछ मेरे ऊपर तारी हो रही थी , कुछ उनके ऊपर भी , और आज फिर रतजगा होना था।
लेकिन उनका खूंटा अभी भी , ... नाड़ा खुला हुआ था और तना वो , उसके अंदर से झांक रहा था।
प्यार से मैंने उनके गाल पे जोर से चुम्मी ली और हलके से काट लिया,
"मादरचोद , बहुत मजा आएगा जब मेरी सास के भोंसड़े में ये जाएगा , सटासट, सटासट।"
और हलके से उनके खूंटे को दबाते मैं पलंग से उठ गयी।
वो उठने की कोशिश कर रहे थे लेकिन मैंने उन्हें मना कर दिया और , कुछ देर में दो स्ट्रांग बीयर के एकदम चिल्ड लार्ज कैन ले आई।
उन्होंने कुछ बोलने की कोशिश की तो मैंने चुप करा दिया और उन्हें कैन पकड़ाती बोली ,
"यार , पहले सोचना था न। अब मम्मी ने एक बार बोल दिया तो अब ये न मेंरे हाथ में है न तेरे
,
अब तो वो तुझे मादरचोद बना के ही रहेंगी , बस अब तू सोचना शुरू कर दो। कैसे क्या ,क्या। "
हम दोनों बियर गटक रहे थे।
ए सी फूल ब्लास्ट पर था।
दोनों एक बड़ा सा कम्बल ओढ़े , और मैंने एक फ़िल्म चला दी।
एम आई एल फ वाली।
हैं ना मेरी सासु ऐसी।
मैंने उन्हें चिढ़ाया।
लेकिन मेरी बात में दम था , उसी तरह दीर्घ नितम्बा ,
भारी + साइज बूब्स ,लेकिन एकदम कड़े , बिना ब्रा के भी जरा भी सपोर्ट की जरूरत नहीं ,
वो एकदम ध्यान से देख रहे थे ,और मैं उन्हें देख रही थी।
कुछ मम्मी ने मेरी सास का नाम ले के जो चिढ़ाया , और फिर ये फ़िल्म , ....
ऐस फक , टिट फक,सब कुछ।
मम्मी की बातें एकदम सही थी , जिस तरह से वो रियेक्ट कर रहे थे।
फ़िल्म छोटी सी थी , बियर खत्म होने के साथ वो भी खत्म हो गयी।
और मैंने कम्बल सर तक खींच लिया ,और हम दोनों लेट गए , वो मेरी ओर पीठ कर के।
शायद उस एम आई एल फ को देख कर खड़े लंड को छुपाने के लिए।
घुटने तक , कपड़ा खुल गया था उनका।
मैं ने भी उनके औजार को नहीं छेड़ा , थोड़ी देर पहले ही अपनी ममेरी बहन के नाम पे जिस तरह उन्होंने मुट्ठ मारा था , मैंने उसे थोड़ी देर आराम करने दिया आखिर आज रात को फिर ,
मैं उनके भरे भरे गदराये बबल बॉटम सहला रही थी। मस्त चूतड़ थे ,लौंडिया मात।
और वो सिहर रहे थे , काँप रहे थे।
मेरी उंगली दोनों नितम्बों के बीच की दरार को हलके हलके सहला रही थी।
मुझे एक शरारत सूझी और ऊँगली की टिप सीधे गांड में प्रेस कर दिया , और हलके से उनके नमकीन गाल काटते बोली ,
मेरी उंगली दोनों नितम्बों के बीच की दरार को हलके हलके सहला रही थी।
मुझे एक शरारत सूझी और ऊँगली की टिप सीधे गांड में प्रेस कर दिया , और हलके से उनके नमकीन गाल काटते बोली ,
" तुम मम्मी से तो शर्मा कर बच गए , मुझसे तो बता दो ,इसमें कुछ गया है क्या , कितनी बार। "
" धत्त ,… " जोर से शरमाये वो।
दोपहर ढल रही थी।
रात की थकान और खुमारी कुछ मेरे ऊपर तारी हो रही थी , कुछ उनके ऊपर भी , और आज फिर रतजगा होना था।
लेकिन उनका खूंटा अभी भी , ... नाड़ा खुला हुआ था और तना वो , उसके अंदर से झांक रहा था।
प्यार से मैंने उनके गाल पे जोर से चुम्मी ली और हलके से काट लिया,
"मादरचोद , बहुत मजा आएगा जब मेरी सास के भोंसड़े में ये जाएगा , सटासट, सटासट।"
और हलके से उनके खूंटे को दबाते मैं पलंग से उठ गयी।
वो उठने की कोशिश कर रहे थे लेकिन मैंने उन्हें मना कर दिया और , कुछ देर में दो स्ट्रांग बीयर के एकदम चिल्ड लार्ज कैन ले आई।
उन्होंने कुछ बोलने की कोशिश की तो मैंने चुप करा दिया और उन्हें कैन पकड़ाती बोली ,
"यार , पहले सोचना था न। अब मम्मी ने एक बार बोल दिया तो अब ये न मेंरे हाथ में है न तेरे
,
अब तो वो तुझे मादरचोद बना के ही रहेंगी , बस अब तू सोचना शुरू कर दो। कैसे क्या ,क्या। "
हम दोनों बियर गटक रहे थे।
ए सी फूल ब्लास्ट पर था।
दोनों एक बड़ा सा कम्बल ओढ़े , और मैंने एक फ़िल्म चला दी।
एम आई एल फ वाली।
हैं ना मेरी सासु ऐसी।
मैंने उन्हें चिढ़ाया।
लेकिन मेरी बात में दम था , उसी तरह दीर्घ नितम्बा ,
भारी + साइज बूब्स ,लेकिन एकदम कड़े , बिना ब्रा के भी जरा भी सपोर्ट की जरूरत नहीं ,
वो एकदम ध्यान से देख रहे थे ,और मैं उन्हें देख रही थी।
कुछ मम्मी ने मेरी सास का नाम ले के जो चिढ़ाया , और फिर ये फ़िल्म , ....
ऐस फक , टिट फक,सब कुछ।
मम्मी की बातें एकदम सही थी , जिस तरह से वो रियेक्ट कर रहे थे।
फ़िल्म छोटी सी थी , बियर खत्म होने के साथ वो भी खत्म हो गयी।
और मैंने कम्बल सर तक खींच लिया ,और हम दोनों लेट गए , वो मेरी ओर पीठ कर के।
शायद उस एम आई एल फ को देख कर खड़े लंड को छुपाने के लिए।
घुटने तक , कपड़ा खुल गया था उनका।
मैं ने भी उनके औजार को नहीं छेड़ा , थोड़ी देर पहले ही अपनी ममेरी बहन के नाम पे जिस तरह उन्होंने मुट्ठ मारा था , मैंने उसे थोड़ी देर आराम करने दिया आखिर आज रात को फिर ,
मैं उनके भरे भरे गदराये बबल बॉटम सहला रही थी। मस्त चूतड़ थे ,लौंडिया मात।
और वो सिहर रहे थे , काँप रहे थे।
मेरी उंगली दोनों नितम्बों के बीच की दरार को हलके हलके सहला रही थी।
मुझे एक शरारत सूझी और ऊँगली की टिप सीधे गांड में प्रेस कर दिया , और हलके से उनके नमकीन गाल काटते बोली ,
मेरी उंगली दोनों नितम्बों के बीच की दरार को हलके हलके सहला रही थी।
मुझे एक शरारत सूझी और ऊँगली की टिप सीधे गांड में प्रेस कर दिया , और हलके से उनके नमकीन गाल काटते बोली ,
" तुम मम्मी से तो शर्मा कर बच गए , मुझसे तो बता दो ,इसमें कुछ गया है क्या , कितनी बार। "
" धत्त ,… " जोर से शरमाये वो।