22-02-2019, 07:49 PM
जोरू का गुलाम भाग 19
मेरी सास , मम्मी की समधन, उनकी ...
अब तक
मम्मी की बातों का पता नहीं चलता उन्होंने तुरंत पैतरा बदल के दूसरा मोर्चा खोला , उनका फेवरिट, उनकी समधन।
" सुन तू सुबह ,समधन के मस्त जोबन के बारे में बात कर रहा था , बोल क्या साइज होगी , उनकी। ये मत कहना की देखा नहीं। कभी तो रगड़वाते ,मिजवाते,दबवाते तो देखा होगा , इत्ते तो यारों की लाइन लगी रही है , दूधवाला , धोबी , … "
मैंने भी मम्मी की हाँ में हाँ मिलायी।
"मम्मी,सच तो कह रही हैं ,बोलो न क्या साइज होगी , नहीं पकड़ा होगा तो अंदाज से बोल न " और पूछा।
बिचारे , सिर्पफ ब्लश कर रहे थे।
आगे
" अच्छा चल मेरा बोल , सुबह तो तूने वहां दो चुम्मी ली थी , बोल मेरे कैसे लगते हैं , देख के बोल। " मम्मी ने दूसरी लाइन पकड़ी।
अबकी आँख उठा के स्काइप पे मम्मी की ओर देखा उन्होंने , मन के उनके कमल खिल उठे , और थदोा शरमाते लजाते बोले ,
" मम्मी ,अच्छा है ,बहुत अच्छा है। "
" अरे खुल के बोल न , आज तेरी बर्थडे है तो मान लो मैं मान जाऊं , तो पहले बोल क्या अच्छा लगता है , फिर मिल जायेगे तो क्या करेगा " मम्मी पीछे पड़ गयीथीं .
" मम्मी आपके जोबन , बहुत , .... कड़े , बहुत , बहुत रसीले हैं। "
मम्मी एकदम खुश हो गयीं और फिर उकसाया ,
" दिया तुझे , आज तेरी बर्थडे पे , बोल तो क्या करेगा जब तूझे मिल जाएंगे ये कड़े , रसीले "
" पकडूँगा , छुऊँगा ,दबाउंगा। " मम्मी ने उनकी झिझक और शर्म बहुत कम कर दी थी।
" अरे तो समधन के भी तो मेरे ऐसे ही तो हैं , उनके भी खुल के दबाना , पकड़ना ,मीजना रगड़ना। "
मम्मी ने प्वाइंट स्कोर कर लिया था।
मुझे लगा मम्मी अब चलने वाली हैं तो मैंने एक बार उनको देखा और फिर स्काइप पे मम्मी को और बोली ,
" मम्मी , आज जाने से पहले इस बर्थडे ब्वॉय की बर्थडे विश तो ग्रांट कर दीजिये। "
मम्मी की आँखे एकदम चमक गयीं ,
"हाँ बोल न , क्या है मेरे मुन्ने की बर्थडे विश "
वो एकदम कन्फ्यूज ,वो मेरी ओर आँखे फाड़ के देख रहे थे। उन्हें कुछ नहीं समझ में आ रहा था ,
और मैंने मॉम से अर्जी लगा दी ,
" सिम्पल ,मम्मी। बर्थ डे के दिन दिन उनकी सिम्पल विश है। बस जिस भोसड़े से आज के दिन निकले थे ,उसी भोंसड़े में जाना चाहते हैं। "
मम्मी ने बहुत प्यार से उनकी ओर देखा और एवमस्तु की मुद्रा में हाथ उठा दिए।
फिर मुस्करा के बोलीं ,
" अरे इतनी सिंपल सी बात , अभी मैं समधन को फोन लगाती हूँ , साफ साफ कहती हूँ ,मेरा दामाद , … "
उनकी तो एकदम फट के , लेकिन मैं आगयी मैदान में और बोली ,
" अरे नहीं मम्मी , बिना आपके कैसे , आप कुछ कर के , .... "
" चल तुझे बना दूंगीं , मादरचोद। बहुत जल्दी। तुझे कुछ करने की जरूरत नहीं है अब सब मेरी जिम्मेदारी , हाँ और अब तू ऐन मौके में मना मत करना , "
और फिर रुख मेरी ओर मोड़ दिया
" चल तू इसे जल्दी से पहले बहनचोद बना और फिर मादरचोद बनाने की जिम्मेदारी मेरी , महीने दो महीने के अंदर "
और स्काइप से वो फुर्र हो गयीं।
उनका खड़ा खूंटा ,मम्मी के बातों की हामी भर रहा था।
मेरी सास , मम्मी की समधन, उनकी ...
अब तक
मम्मी की बातों का पता नहीं चलता उन्होंने तुरंत पैतरा बदल के दूसरा मोर्चा खोला , उनका फेवरिट, उनकी समधन।
" सुन तू सुबह ,समधन के मस्त जोबन के बारे में बात कर रहा था , बोल क्या साइज होगी , उनकी। ये मत कहना की देखा नहीं। कभी तो रगड़वाते ,मिजवाते,दबवाते तो देखा होगा , इत्ते तो यारों की लाइन लगी रही है , दूधवाला , धोबी , … "
मैंने भी मम्मी की हाँ में हाँ मिलायी।
"मम्मी,सच तो कह रही हैं ,बोलो न क्या साइज होगी , नहीं पकड़ा होगा तो अंदाज से बोल न " और पूछा।
बिचारे , सिर्पफ ब्लश कर रहे थे।
आगे
" अच्छा चल मेरा बोल , सुबह तो तूने वहां दो चुम्मी ली थी , बोल मेरे कैसे लगते हैं , देख के बोल। " मम्मी ने दूसरी लाइन पकड़ी।
अबकी आँख उठा के स्काइप पे मम्मी की ओर देखा उन्होंने , मन के उनके कमल खिल उठे , और थदोा शरमाते लजाते बोले ,
" मम्मी ,अच्छा है ,बहुत अच्छा है। "
" अरे खुल के बोल न , आज तेरी बर्थडे है तो मान लो मैं मान जाऊं , तो पहले बोल क्या अच्छा लगता है , फिर मिल जायेगे तो क्या करेगा " मम्मी पीछे पड़ गयीथीं .
" मम्मी आपके जोबन , बहुत , .... कड़े , बहुत , बहुत रसीले हैं। "
मम्मी एकदम खुश हो गयीं और फिर उकसाया ,
" दिया तुझे , आज तेरी बर्थडे पे , बोल तो क्या करेगा जब तूझे मिल जाएंगे ये कड़े , रसीले "
" पकडूँगा , छुऊँगा ,दबाउंगा। " मम्मी ने उनकी झिझक और शर्म बहुत कम कर दी थी।
" अरे तो समधन के भी तो मेरे ऐसे ही तो हैं , उनके भी खुल के दबाना , पकड़ना ,मीजना रगड़ना। "
मम्मी ने प्वाइंट स्कोर कर लिया था।
मुझे लगा मम्मी अब चलने वाली हैं तो मैंने एक बार उनको देखा और फिर स्काइप पे मम्मी को और बोली ,
" मम्मी , आज जाने से पहले इस बर्थडे ब्वॉय की बर्थडे विश तो ग्रांट कर दीजिये। "
मम्मी की आँखे एकदम चमक गयीं ,
"हाँ बोल न , क्या है मेरे मुन्ने की बर्थडे विश "
वो एकदम कन्फ्यूज ,वो मेरी ओर आँखे फाड़ के देख रहे थे। उन्हें कुछ नहीं समझ में आ रहा था ,
और मैंने मॉम से अर्जी लगा दी ,
" सिम्पल ,मम्मी। बर्थ डे के दिन दिन उनकी सिम्पल विश है। बस जिस भोसड़े से आज के दिन निकले थे ,उसी भोंसड़े में जाना चाहते हैं। "
मम्मी ने बहुत प्यार से उनकी ओर देखा और एवमस्तु की मुद्रा में हाथ उठा दिए।
फिर मुस्करा के बोलीं ,
" अरे इतनी सिंपल सी बात , अभी मैं समधन को फोन लगाती हूँ , साफ साफ कहती हूँ ,मेरा दामाद , … "
उनकी तो एकदम फट के , लेकिन मैं आगयी मैदान में और बोली ,
" अरे नहीं मम्मी , बिना आपके कैसे , आप कुछ कर के , .... "
" चल तुझे बना दूंगीं , मादरचोद। बहुत जल्दी। तुझे कुछ करने की जरूरत नहीं है अब सब मेरी जिम्मेदारी , हाँ और अब तू ऐन मौके में मना मत करना , "
और फिर रुख मेरी ओर मोड़ दिया
" चल तू इसे जल्दी से पहले बहनचोद बना और फिर मादरचोद बनाने की जिम्मेदारी मेरी , महीने दो महीने के अंदर "
और स्काइप से वो फुर्र हो गयीं।
उनका खड़ा खूंटा ,मम्मी के बातों की हामी भर रहा था।